नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 का शिक्षाविदों ने किया स्वागत

उदयपुर 24 जून 2019 पिछले 70 वर्षों में शिक्षा की परिभाषा में काफी बदलाव आया हैं। भारत में व्यक्ति के आचरण को, तो कही राष्ट्रीय विकास के नाम पर विद्याालय-काॅलेजों में विभिन्न स्तर की क्षमताओं को शिक्षा का नाम दिया गया। जब कि उसे विभिन्न स्तरीय साक्षरता कहना अधिक उपयुक्त होगा। किसी भी राष्ट्र की शिक्षा कैसी होनी चाहिए यह सरकार के साथ साथ समाज को भी तय करना होगा। शिक्षा नीति में बदलाव या नई शिक्षा नीति लागू करने से पूर्व हमें शिक्षा का लक्ष्य, आवश्यकता एवं इसमें क्या प्रभाव पडेगा, इस पर चिन्तन करना आवश्यक हैं। उक्त विचार बाल सुरक्षा नेटवर्क, उदयपुर द्वारा हिरण मंगरी, सेक्टर 6 स्थित गायत्री सेवा संस्थान संभागार में आयोजित “राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2019 के प्रारूप पर मंथन” बैठक को सम्बोधित करते हुए पुर्व निदेशक एस.आई.ई.आर.टी. एवं शिक्षाविद डाॅ. शरद चन्द्र पुरोहित ने व्यक्त किये।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, उदयपुर शिवजी गौड़ ने बाल सुरक्षा नेटवर्क के इस सामुहिक प्रयास की सराहना करते हुए वर्तमान शिक्षा विभाग कि चुनौतियां एवं आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। गौड़ ने नई शिक्षा नीति में थर्ड पार्टी इवेलियुशन एवं हर स्तर पर सर्वे कार्य कि सराहना की।
बाल सुरक्षा नेटवर्क के संयोजक एवं बाल अधिकार विशेषज्ञ डाॅ‐शैलेन्द्र पण्ड्या ने जानकारी देते हुए नई शिक्षा नीति 2019 के कुल 650 पृष्ठों के विभिन्न अध्याय का सार प्रस्तुत किया एवं बताया कि आज पुरे दिन कि बैठक में सभी शिक्षाविदों से जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन्हें ड्राफ्ट कर 30 जून से पुर्व केन्द्र सरकार को प्रेषित किया जायेगा।
बैठक में बाल कल्याण समिति उदयपुर के सदस्य डाॅ राजकुमारी भार्गव, शिक्षाविद ऋषिराज तिवारी, सेवानिवृत शिक्षा अधिकारी दुष्यन्त अग्रवाल, सहायक परियोजना समन्वयक समसा मुरलीधर चैबिसा, श्याम सुन्दर भटट ने भी अपने विचार एवं सुझाव दिए।
पूरे दिन चली बैठक में शिक्षा विभाग के प्रतिनिधी, सेवानिवृत शिक्षा अधिकारी, गायत्र्ाी सेवा संस्थान, अणुवत विश्व भारती राजसमन्द, सृष्टि सेवा समिति, सामथ्र्य संस्थान सहित बाल सुरक्षा नेटवर्क के प्रतिनिधी मौजूद रहें।
कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी शर्मा एवं धन्यवाद नितिन पालीवाल ने दिया।

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