आवश्यक खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति नियमित रूप से की जाए – सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग

Edit-Rashmi Sharma
जयपुर, 5 अप्रैल 2020। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि प्रदेश में लॉकडाउन अवधि के दौरान आमजन को आवश्यक खाद्य वस्तुओं की नियमित रूप से आपूर्ति में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी।  उन्होंने आवश्यक खाद्य वस्तुओं की विभागीय अधिकारियों को समुचित व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए।
श्री महाजन ने बताया कि प्रदेश में एनएफएसए के लाभार्थियों को अप्रैल माह का राशन का वितरण गत 28 मार्च से शुरू कर दिया गया है जिसमें से विभाग द्वारा लगभग 70 प्रतिशत राशन का वितरण 5 अप्रैल तक कर दिया गया है जबकि आम दिनों में राशन का वितरण माह के अंत तक या अगले माह में प्रारंभ किया जाता था। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन अवधि के दौरान अल्प समय में त्वरित गति से आमजन को राशन उपलब्ध कराने में निश्चित तौर पर फील्ड में कार्यरत विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ उचित मूल्य दुकानदारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
शासन सचिव ने विभागीय अधिकारियों को फील्ड में रहकर आमजन की समस्याओं का शीघ्र ही निराकरण कराने के निर्देश दिए हैं जिससे आमजन को तुरंत ही राहत मिल सके। उन्होंने बताया कि लॅाकडाउन अवधि के दौरान सामाजिक दूरी को मद्देनजर रखते हुए घर-घर राशन सामग्री का वितरण करने में विभागीय अधिकारियों के साथ उचित मूल्य दुकानदारों की भी अच्छी भूमिका रही है। राज्य के सभी जिलों में लॉकडाउन अवधि के दौरान विभाग द्वारा घर-घर जाकर राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
श्री महाजन ने बताया कि विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों के अलावा आमजन को भी आवश्यक खाद्य वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए जिलों में विभागीय अधिकारियों के माध्यम से किराना दुकानदारों ,थोक विक्रेताओं ,आटा तेल एवं दाल मिलों के मध्य समन्वय सुनिश्चित कर लिया गया है जिससे आवश्यक खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति नियमित रूप से की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 11 हजार 563 किराणा व्यापारी 562 किराणा सामान  विनिर्माता एवं 1362 थोक व्यापारियों द्वारा सरकार का विशेष सहयोग कर बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने व्यापारियों से भविष्य में भी इस तरह से सहयोग प्रदान किए जाने की अपेक्षा की है।

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