डिजिटल इंडिया के कॉमन सर्विस सेंटर्स के साथ ट्रांसयूनियन सिबिल ने की साझेदारी

Edit-Rashmi Sharma

जयपुर 14 जुलाई 2020 – देश भर में क्रेडिट शिक्षा और वित्तीय समावेशन से संबंधित अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से लागू करने के लिए, ट्रांसयूनियन सिबिल ने अपने क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट तक पहुँच पाने में उपभोक्ताओं की सेवा करने के लिए काॅमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) के साथ भागीदारी की है। सीएससी इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की एक विशिष्ट इकाई हैं और यह भारत सरकार के डिजिटल इंडिया फ्लैगशिप प्लेटफॉर्म के तहत एक विशेष पहल है जिसे सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल रूप से समावेशी समाज को संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है।

चाहे वह स्वास्थ्य से जुड़ा मामला हो, वित्तीय बेहतरी का सवाल हो या दिन-प्रतिदिन के जीवन में परिवर्तन से संबंधित कोई बात हो- भारत में कई लोग पहले से ही कोविड-19 से व्यापक रूप से प्रभावित हुए हैं। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि व्यवसायों और उपभोक्ताओं को अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए क्रेडिट संबंधी लेन-देन जारी रखने में सक्षम बनाया जाए। क्रेडिट के प्रबंधन और वित्त तक आसान और तेज पहुंच को सक्षम करने के बारे में उपभोक्ता जागरूकता अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

आत्मविश्वास के साथ लेन-देन करने के लिए पूरे भारत में उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना

इस साझेदारी के साथ उपभोक्ता राष्ट्रीय स्तर पर 3.61 लाख सीएससी आउटलेट्स के माध्यम से अपने क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट तक पहुंच बना सकेंगे। लोग अपने नजदीकी विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर्स (वीएलई) के माध्यम से अपने सिबिल स्कोर के लिए आवेदन कर सकते हैं और आधार और बायोमेट्रिक जाँच के माध्यम से प्रमाणीकरण के बाद, वे अपने सिबिल स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट को देख सकते हैं। ये केंद्र उपभोक्ताओं को उनके सिबिल स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट के विवरण और क्रेडिट अवसरों तक पहुंचने के लिए क्रेडिट अनुशासन को बनाए रखने के तरीके के बारे में मार्गदर्शन और शिक्षा भी प्रदान करेंगे।

इस सहयोग के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए ट्रांसयूनियन सिबिल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री राजेश कुमार ने कहा, ‘‘चूंकि वर्तमान दौर मंे कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव के कारण उपभोक्ता व्यक्तिगत वित्त संबंधी किसी भी अंतर को पाटने के लिए सुरक्षित धन की तलाश करते हैं, ऐसे में अपने सिबिल स्कोर और क्रेडिट इतिहास के महत्व को समझना क्रेडिट अवसरों को जल्दी और आसानी से एक्सेस करने के लिए महत्वपूर्ण है। सीएससी के साथ इस सहयोग के माध्यम से, हम अपने देश भर के क्षेत्रीय और ग्रामीण उपभोक्ताओं तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि उन्हें उनके क्रेडिट स्कोर और रिपोर्ट तक डिजिटल पहुंच प्रदान की जा सके, जिसके बाद वे और अधिक आत्मविश्वास के साथ लेन-देन कर सकें।‘‘

इस सहयोग से होने वाले फायदों पर प्रकाश डालते हुए श्री कुमार ने कहा, ‘‘चूंकि आज ऐसे अनेक क्रेडिट संस्थान हैं जो उच्च सिबिल स्कोर वाले उपभोक्ताओं के लिए बेहतर नियम और शर्तें पेश करते हैं, ऐसे में अपने सिबिल स्कोर को लेकर पूरी जागरूकता रखने से उपभोक्ता अधिक प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर ऋण हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा, यह पहल सही और सटीक क्रेडिट जानकारी के साथ उपभोक्ता सशक्तीकरण का मार्ग प्रशस्त करती है और यह प्रमाणित करती है कि वे विश्वसनीय और सुरक्षित रूप से बाजार में प्रतिनिधित्व करते हैं।‘‘

इस साझेदारी के बारे में बोलते हुए सीएससीएसपीवी के सीईओ, डॉ दिनेश त्यागी ने कहा, ‘‘ग्रामीण नागरिकों को उनके सिबिल स्कोर और रिपोर्ट को आसानी से हासिल करने में मदद करने के लिए हम इस उद्यम में ट्रांसयूनियन सिबिल के साथ सहयोग करके खुशी का अनुभव कर रहे हैं। आसानी से और बेहतर नियम और शर्तों पर क्रेडिट अवसरों का लाभ उठाने की दिशा में आज भी ग्रामीण समुदायों में लोगों के बीच अपने सिबिल स्कोर के बारे में जागरूकता की कमी है। एक अच्छे क्रेडिट स्कोर का उपयोग उनके द्वारा बेहतर ब्याज दर के लिए मोलभाव करने के लिए किया जा सकता है। सीएससी नागरिकों को उनके सिबिल स्कोर, ऋण के लिए पात्रता की जाँच करने और बेहतर ब्याज दरों को लेकर मोलभाव करने में मदद करेगा।‘‘

उन्होंने आगे कहा, ‘‘सीएससी बैंकों के लिए बैंकिंग सुविधा प्रदाता के रूप में भी कार्य करता है और इससे उन्हें उपभोक्ताओं के साथ जुड़ने में मदद मिलेगी जिनसे बैंक जल्दी ऋण स्वीकृत कर सकते हैं। इससे ग्रामीण भारत में एसएमई को आसानी से और जल्दी से ऋण प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। यह सुविधा ग्रामीण नागरिकों के लिए ऋण सुविधाओं को बढ़ाने पर केंद्रित बैंकों और सीएससी के लिए समान रूप से फायदेमंद साबित होगी।‘‘

उपभोक्ता 13 जुलाई, 2020 से अपने सिबिल स्कोर और अपनी क्रेडिट रिपोर्ट के लिए सीएससी से संपर्क कर सकते हैं।

सिबिल स्कोर किसी उपभोक्ता की सिबिल रिपोर्ट का 3 अंकों का संख्यात्मक सारांश है, जो 300 से 900 के बीच होता है। यह एक उपभोक्ता की क्रेडिट प्रोफाइल का एक प्रतिबिंब है, और एक ऐसा तथ्य है जिसकी जांच ऋणदाता किसी भी आवेदन को अनुमोदित करने से पहले करते हैं। किसी उपभोक्ता का स्कोर 900 के करीब होता है, तो उसके क्रेडिट कार्ड या लोन एप्लिकेशन के स्वीकृत होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है, जिससे अंडरराइटिंग प्रक्रिया में सिबिल स्कोर और रिपोर्ट अत्यंत महत्वपूर्ण कारक बन जाते हैं और इनसे ही उपभोक्ता की क्रेडिट तक पहुंच निर्धारित होती है।

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