गंदगी के ढेर से लगने लगा डर,बन सकता है हादसे का सबब, ग्रामीणों ने किया विरोध

Edit-Swadesh Kapil

नारायणपुर (अलवर) 1 सितंबर 2020 – कस्बे में शिक्षा विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा यूं तो दूसरों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करते हैं वहीं दूसरी तरफ कस्बे के राजपुरा मोहल्ले में सड़क किनारे पर पड़े गंदगी के आलम से ग्रामीणों को डर लगने लगा है ग्रामीणों को आशंका है कि कहीं सड़क किनारे पड़े गंदगी के ढेर से किसी बड़े हादसे का कारण न  बन जाए जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया है। वहीं दूसरी  तरफ सड़क किनारे स्थित  सरकारी विधालय भी गंदगी से घिरा नजर आता है सरकारी विधालय कोरोना वायरल जैसी महामारी की वजह से बंद होने के कारण बाहर से ही   नजर आती गंदगी का अहसास करवा देती है कि स्वच्छता अभियान किस  कदर दम तोड़ रहा है।गंदगी का आलम ऐसा है कि सड़क पर राहगीरो का चलना भी मुश्किल है। रोजाना यही से निकलने वाले अधिकारी भी सफाई करवाने की बजाय आंख फेर कर निकल जाते हैं।ग्रामीणों का कहना है कि कस्बे के सड़क किनारे ही गंदगी का ढेर लगे हैं तो सरकार आमजन से क्या उम्मीद करेगी।

एक तरफ तो सरकार स्वच्छता अभियान पर जोर दे रहे है वही दूसरी ओर राजपुरा  मोहल्ले में सड़क किनारे फैली गंदगी इस मुहिम को विफल साबित कर रहीं हैं। जिसका सोमवार को नतीजा यह हुआ कि एक गरीब व्यक्ति लालाराम छिपी जो समोसे की ठेली लगा कर अपना व अपने परिवार का जीवन यापन करता था जिनके परिवार का भरण पोषण भी केवल रेहड़ी लगाकर ही करता था जो सुबह रेहडी लगाने के लिए अपने घर से  रेहड़ी को लेकर बाजार में आ रहा था उसी समय सड़क किनारे पड़े  गोबर एवं गंदगी में उनका पैर फिसल गया जिसके कारण रेहड़ी की रिंम टूट गई तथा पूरा का पूरा सामान बिखर कर  सड़क  पर फैल गया। जगह जगह उनके हाथ पैरों में चोट आई है तथा अपनी करुण कहानी व्यक्त करता हुआ कहता है कि इस क्षेत्र में ना तो कोई प्रशासनिक अधिकारी को दिखाई देता है और ना ही राजनेताओं को जो ऐसी गंदगी का आलम छाया हुआ है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो हर व्यक्ति के सामने ऐसी घटना रोज होती रहेगी इसलिए व्यवस्था में सुधार होना जरूरी है। कम से कम स्वच्छ भारत अभियान के नाम  की धज्जिया तो न उड़े।जिसके चलते राजपुरा के  मोहल्लेवासियो व राहगीरो को कोरोना वायरल जैसी महामारी में दुर्गंध का सामना न करना पड़े ।ग्रामीणों ने जल्द से जल्द यहां की साफ सफाई के लिए प्रशासन से मांग कि है।मौके पर लाला राम छिपा,प्रहलाद प्रजापत, राजू सैनी, सुनील छिपा, देशराज सैनी संतोष शर्मा आदि लोग मौजूद थे।

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