थार सर्वोदय संस्थान द्वारा थार पोइट्री फेस्टिवल – 2020 का हुआ आयोजन

Editor -Dinesh Bhardwaj
जयपुर  3 अक्टूबर 2020:  थार सर्वोदय संस्थान द्वारा थार पोइट्री फेस्टिवल – 2020 का आयोजन 1 अक्टूबर, 2020 समय 8:00 PM IST विश्व स्तर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे  फेसबुक लाइव, यूट्यूब लाइव एवं ट्विटर लाइव के माध्यम से आयोजित हुआ।
थार सर्वोदय संस्थान  के  फाउंडर्स अंशु हर्ष एवं सोमेंद्र हर्ष ने  बताया की ” इस वर्ष नेशनल पोएट्री डे का थीम  VISION एवं मोटो  “See like a Poet ” था । लगभग 1000+ व्यक्ति, छात्र, अतिथि और हमारे विशेषाधिकार प्राप्त सोशल मीडिया सदस्य और गणमान्य व्यक्ति कविता पाठ कार्यक्रम के बीच  ऑनलाइन मौजूद रहें। थार सर्वोदय संस्थान ने ऑनलाइन ओपन माइक के लिए दस  काव्य प्रेमियों को आमंत्रित किया , जिसमे  लेखक, कवि युवा या वरिष्ठ कवि ने अतिथि के रूप में भाग लिया  “
नेशनल पोएट्री डे के अवसर पर दस कवि मन एक मंच पर अपनी कविताओं के साथ एक दूसरे से मिले।  वर्चुअल सेशन में अभिषेक मिश्रा , निखिल कपूर , विजया लक्ष्मी जांगिड़ ” विजया ” , डॉ दीवा  मेहता , अविनाश जोशी , हर्ष शर्मा , जियाना जिठानी  जयपुर से जुड़े थे , बबिता पोद्दार सूरत से व् संजय मनचंदा दिल्ली से जुड़े थे।  सभी ने अपनी अपनी कविताओं के माध्यम  भावों को अभिव्यक्त किया।  अभिषेक मिश्रा ने सावन और विरह पर अपनी रचनाएं सुनाई और  पोद्दार  की सकारात्मकता को रोशन करने की बात अपने शब्दों माध्यम से कही।  शब्द की ताकत बताते हुए  ये सभी कवि जीवन के अलग अलग रंगों को अपनी कविताओं में समेत कर लाएं थे।
बबिता पोद्दार ने कहा कि गर्व है मुझे खुद के लेखक बनने पर क्योंकि मेरे शब्द हवाओं के साथ मिल कर किसी के जीवन को रोशन कर  जाते है।  संजय मनचंदा की कवितायेँ जिंदगी के अनुभव से जुडी हुई थी , काश मैनें उस दिन  पूछ लिया होता ,सुशांत की मौत और उसके डिप्रेशन से जुडी हुई थी तो दूसरी रचना  गुदगुदाने वाला व्यंग पेशे से वकील संजय जिंदगी के अनुभवों को अपनी कविताओं में ढालने की कोशिश करते है।  हर्ष शर्मा व् जियाना  जिठानी दोनों स्टूडेंट्स है और उनकी कविताओं की गम्भीरता सामाजिक सरोकारों से जुडी हुई थी।  एक फौजी की ज़िन्दगी को कविता का रूप देना और एक लड़की के साथ हुई बलात्कार की घटना का कविता चित्रण इनकी उम्र के हिसाब से ज्यादा परिपक्व था। डॉ दीवा की कवितायेँ सरल अनुभव लिए हुए तो विजया लक्ष्मी  कविताएं देश प्रेम से ओत प्रोत नज़र आई।  . निखिल कपूर का अपना एक अलग अंदाज़ है कविता लिखने का जो उनके अंदर बसे प्रेम को दर्शाता है।  अविनाश जोशी ने समय के अनुसार मुक्तक पढ़े।  क्यों लिखते है हम कविता ? इस भाव को बताते हुए सभी ने यहीं कहा कि मन में उमड़ते विचारों का चित्रण है कविता और एक गाँव बन जाता है अपना जिसमें कवी जीना चाहता है।  थार सर्वोदय संस्थान द्वारा आयोजित इस काव्य गोष्ठी के सहयोगी पेंट ब्रश सोसाइटी दुबई और हिंदी मेरा प्यार , सिम्पली जयपुर व् वौइस् ऑफ़ जयपुर  रहे ।

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