विजय दशमी अधर्म पर धर्म की जीत के पर्व रावण दहन पर सहरो मे कोरोना का असर लेकिन गाँवो मे वही उल्लास

Edit-Dinesh Bhardwaj

जयपुर 26 अक्टूबर 2020-विजयदशमी पर्व आज का दिन असत्य पर सत्य की जीत अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाया जाता है आज के दिन रावण का मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने अंत किया था और दुनिया में यह संदेश दिया था की महिला का अपमान करने पर इंसान का परिवार सहित विनाश निश्चित है तब से विजयदशमी के दिन लोग रावण का दहन करते हैं लेकिन उनके उस संदेश को भुला दिया है वर्तमान में महिला अत्याचार की बढ़ती घटनाएं इसका जीता जागता उदाहरण है आज पूरा विश्व को होना महामारी से ग्रसित है कोरोना की गाइडलाइन के तहत इस बार रावण दहन का विहंगम आयोजन कहीं भी देखने को नहीं मिला लेकिन शहरों में फिर भी गली मोहल्लों में रावण का दहन किया गया वही ग्रामीण इलाकों में बच्चों ने स्वयं रावण का पुतला बनाया और बड़े जोश और उल्लास के साथ आतिशबाजी करते हुए रावण दहन किया सामोद के पास वीर हनुमान जी की अरावली की पहाड़ी की तलहटी में स्थित महार खुर्द गांव में 10 से 12 साल के बच्चों ने 15 फ़ीट रावण का पुतला बनाकर गांव के चौराहे में रावण का पुतला दहन किया

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