पहले इंटरनेशनल जेम एंड ज्वैलरी शो में 56 देशों के 500अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों की सहभागिता

Editor-Ravi Mudgal

जयपुर 18 जनवरी 2021 – रत्न तथा आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) निर्यात को बढ़ावा देने के लिए और कोविड के बाद एक बार फिर उद्योग जगत को ट्रेक पर लाने के उद्देश्य से मुख्य अतिथि श्री हरदीप सिंह पुरी, माननीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री औऱ गेस्ट ऑफ ऑनर श्री सुरेश कुमार, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव की उपस्थिति में पहले अंतर्राष्ट्रीय जेम एंड ज्वैलरी शो (e-IGJS) का उद्घाटन किया। इस उद्घाटन समारोह में श्री कॉलिन शाह, अध्यक्ष, जीजेईपीसी; श्री विपुल शाह, उपाध्यक्ष, जीजेईपीसी; श्री दिलीप शाह, संयोजक, अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी, जीजेईपीसी; श्री सब्यसाची राय कार्यकारी निदेशक, जीजेईपीसी सहित अन्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। यह शो 18 से 22 जनवरी, 2021 तक आयोजित किया जाएगा।

e-IGJS एक विशेष निर्यात उन्मुख शो है, जो अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए क्यूरेट है। भारत के 100 चुनिंदा और आभूषण निर्माता, 56 देशों से पंजीकृत 500 से अधिक खरीदारों को डायमंड ज्वेलरी, रंगीन रत्न के आभूषण, सादे सोने, चांदी, प्लैटिनम से लूज डायमंड और हीरे के विभिन्न उत्पाद रेंज का प्रदर्शन कर रहे हैं।

ई-आईजीजेएस के उद्घाटन समारोह में व्यापार जगत को संबोधित करते हुए, मुख्य अतिथि श्री हरदीप सिंह पुरी, माननीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री ने कहा, “आज, भारत सबसे तेजी से बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। एक शिक्षित और युवा कार्यबल, एक बड़ा केपिटल मार्केट, और व्यापार के अनुकूल पारिस्थिति, तंत्र , विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए इसके कुछ प्रमुख कारक हैं । भारत का रत्न और आभूषण क्षेत्र देश की विदेशी मुद्रा आय में बड़ा योगदान दे रहा है। सरकार ने इस क्षेत्र को निर्यात प्रोत्साहन के लिए विशेष क्षेत्र के रूप में देखा है, और इसलिए इस क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के माध्यम से 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति प्रदान की जा रही है।

“COVID-19 ने आर्थिक परिदृश्य को नाटकीय रूप से बदल दिया है। e-IGJS और जीजेईपीसी की वर्चुअल पहलों को हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपने डिजिटल इंडिया और आत्मानिर्भर भारत के मिशन

से जोड़ा गया है। e-IGJS, रत्न तथा आभूषणों का एक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो उचित समय पर आयोजित किया गया है, क्योंकि सभी प्रमुख बाजारों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, हांगकांग, मध्य पूर्व से उत्पादों की मांगों में कोरोना काल के बाद फिर से बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। हम सब जानते हैं कि वैक्सीन की शुरूआत भारत सहित अन्य देशों में भी हो चुकी है तथा उम्मीद है कि हम सब बहुत जल्द सामान्य हो जाएंगे। हालांकि, जिस डिजिटल माध्यम को हमने पहले कभी नहीं देखा था, वह व्यापार करने के एक नए तरीके के रूप में बने रहने वाला है। ”

“आज रत्न तथा आभूषण 35 बिलियन अमेरिकी डॉलर निर्यात के साथ, भारत दुनिया में सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है, और अमेरिका, यूरोप, हांगकांग, चीन, मध्य पूर्व, रूस और अन्य देशों जैसे शीर्ष बाजारों की मांग को पूरा करता है।” जीजेईपीसी ने पिछले कुछ दशकों में जेम और ज्वैलरी क्षेत्र में हमारे निर्यात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और परिषद ने ऐसा करना जारी रखा है, विशेषकर महामारी के दौरान विभिन्न वर्चुअल पहलों का आयोजन करके, जिससे उद्योग को निर्यात करने में मदद मिली है।”

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुरेश कुमार ने कहा, “कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न व्यवधानों ने इस क्षेत्र के निर्यातकों को एक गंभीर चुनौती दी है। हालांकि, उद्योग रिज़िल्यन्ट (प्रगतिशील)बना रहा और धीरे-धीरे सुधार की तऱफ हम अग्रसर हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि देश से रत्न और आभूषण निर्यात पिछली तिमाही में कोविड पूर्व की तरह ट्रेक पर वापस आ गए हैं। हम इस अभूतपूर्व संकट से उबरने में उद्योग के सदस्यों और निर्यात संवर्धन परिषद के योगदान की सराहना करते हैं। ”

जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि “मेरा ऐसा मानना है कि भारत ‘ज्वेलर टू द वर्ल्ड’ यानि विश्व का कि जौहरी बन गया है, जो हमारा न केवल एक लक्ष्य है बल्कि यही हमारी वास्तविक पहचान है, और यह धीरे धीरे लेकिन निश्चित रूप से , यह ई- आईजीजेएस (e-IGJS) जैसे वर्चुअल प्रदर्शन माध्यम से अग्रसर है। यह शो वैश्विक दर्शकों के लिए भारत के रत्न तथा आभूषणों के निर्माण में एक प्रमाण है।”

जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष विपुल शाह ने कहा, “IGJS अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए है। आपके क्षेत्र-विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, हमने निर्माताओं को आमंत्रित किया है, जो देश के सर्वश्रेष्ठ और उच्च वैश्विक मानकों को पूरा करने में सक्षम हैं। भारत वर्षों से उच्च गुणवत्ता वाले रत्न और आभूषणों की आपूर्ति कर रहा है, और आप में से अधिकांश पहले से ही हमारे निर्माताओं के साथ लंबे समय से संबंध रखते हैं। महामारी ने हमें शारीरिक रूप से दूर रहने के लिए मजबूर किया है, लेकिन इस वर्चुअल शो के कारण – अनोखे तरीकों से हम सब जुड़े रहें हैं। ”

जीजेईपीसी के अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी के संयोजक दिलीप शाह ने कहा, “ई-आईजीजेएस भारत के चुनिंदा निर्माताओं द्वारा सबसे अच्छे रत्न और आभूषणों का प्रदर्शन करेगा। 50+ देशों के 500 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खरीदारों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। टॉप-ग्रेड तकनीक की मदद से, हमने शो के फिजिकल पहलुओं को एक वर्चुअल मंच पर समेकित रूप से एकीकृत किया है। ”

शो में 56 देशों के 500 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खरीदार भाग ले रहे हैं: अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बांग्लादेश, बेल्जियम, ब्रासिल, कनाडा, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, इक्वाडोर, मिस्र, फिजी, जर्मनी, ग्रीस, हांगकांग, आयरलैंड , इज़राइल, इटली, जापान, जॉर्डन, कोरिया, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, माल्टा, मॉरीशस, मिन्स्क (बेलारूस), नेपाल, न्यूजीलैंड, ओमान, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, पनामा, पेरू, कतर, रोमानिया, रूस, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्पेन, श्रीलंका, ताइवान, तंजानिया, थाईलैंड, ट्यूनीशिया, तुर्की, यूएई, यूके, यूक्रेन, अमेरिका और वेनेजुएला।

जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के बारे में

1966 में वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार (भारत सरकार) द्वारा स्थापित जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC), देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कई निर्यात संवर्धन परिषदों (EPCs) में से एक है। स्वतंत्रता के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़त बनाना शुरू कर दिया। 1998 से, GJEPC को स्वायत्त दर्जा दिया गया है। GJEPC रत्न और आभूषण उद्योग का सर्वोच्च निकाय है और आज इस क्षेत्र में 7000 निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करता है। मुंबई में मुख्यालय के साथ, जीजेईपीसी की नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, सूरत और जयपुर में क्षेत्रीय कार्यालय हैं, ये सभी उद्योग के लिए प्रमुख केंद्र हैं। इस प्रकार इसकी एक व्यापक पहुंच है और सदस्यों के साथ प्रत्यक्ष और अधिक सार्थक तरीके से सेवा करने के लिए उनके साथ निकट संपर्क रखने में सक्षम है। पिछले दशकों में, जीजेईपीसी सबसे सक्रिय ईपीसी में से एक के रूप में उभरा है, और लगातार अपनी प्रचार गतिविधियों में अपनी पहुंच और गहराई का विस्तार करने के साथ-साथ अपने सदस्यों के लिए सेवाओं को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया है।

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