महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने जी एच रायसोनी विश्वविद्यालय के साथ सहमति पत्र हस्ताक्षर किया

Editor-Manish Mathur

 जयपुर 21 जनवरी 2021 -महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने राष्ट्र के अग्रणी शिक्षण संस्थानों से सहमति पत्र (एमओय) हस्ताक्षर करने के क्रम में जी एच रायसोनी विश्वविद्यालय के साथ सहमति पत्र हस्ताक्षर किया तथा डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर और डाॅ. मीना राजेश, कुलपति, जीएस रायसोनी विश्वविद्यालय, चिंदवाड़ा (म.प्र.) ने सहमति पत्रों का आदान प्रदान किया।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ एस के शर्मा अनुसंधान निदेशक ने अथितियों का स्वागत तथा एमओयू के उद्देश्य बता कर की तथा कहा कि इस एमओयू से दोनों ही दोनों शिक्षण संस्थानों में किए जा रहे अनुसंधान शिक्षण कार्य तकनीकी विकास एवं विभिन्न कार्यशाला के आयोजन को संयुक्त रुप से आयोजित किया जा सकेगा।

डॉ नरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस एमओयू से  दोनों ही संस्थानों के फैकल्टी एवं विद्यार्थियों को संयुक्त रुप से अवसर प्राप्त होंगे  तथा इससे  विश्वविद्यालय की तकनीकी कार्यो का फायदा मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के किसानों तक होगा। उन्होनें कहा कि यह एमओयू शिक्षण व अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में सार्थक सिद्ध होगा।  कार्यक्रम में डॉक्टर मीना राजेश कुलपति जीएस रायसोनी विश्वविद्यालय ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में संयुक्त प्रोजेक्ट्स प्रपोजल का क्रियान्वयन किया जायेगा। साथ ही रावे कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों का भ्रमण एवं प्रशिक्षण किया जायेगा और फैकल्टी भ्रमण द्वारा तकनीकी आदान-प्रदान किया जायेगा। डाॅ. राजेश ने अपने संस्थान का परिचय एवं प्रमुख उपलब्धियां सदन में प्रस्तुत की साथ ही उन्होंने एमओयू के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला। एमओयू पर हस्ताक्षर डॉक्टर मीना राजेश तथा डॉक्टर एस आर भाकर निदेशक आवासीय निर्देश ने सभी अधिकारियों की उपस्थिति में किए।

कार्यक्रम में उच्च अधिकारी परिषद के सदस्य डाॅ. एस. एल. मूुदड़ा, प्रसार निदेशक, डाॅ. अजय कुमार शर्मा, अधिष्ठाता, सीटीएई, डाॅ. जे. एल. चैधरी, निदेशक, आयोजना एवं परिवेक्षण डाॅ. वी. डी. मुद्गल, अधिष्ठाता, सीडीएफटी,  डाॅ. सुधीर जैन, एसडब्ल्यूओ, डाॅ. मीनू श्रीवास्तव, अधिष्ठाता, सीसीएएस, डाॅ. विरेन्द्र नेपालिया, विशेषाधिकारी आदि भी उपस्थित थे।

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