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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने युवाओं को कुशल बनाने के लिए भारत सरकार के साथ करार पर दस्तखत किए

Editor-Manish Mathur

जयपुर 20 जनवरी 2021 – टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने आज भारत सरकार की फ्लेक्सी एमओयू योजना के तहत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी), कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ एक करार (एमओयू) पर दस्तखत किए जाने की घोषणा की। इसका मकसद युवाओं में कौशल विकास करना है।

टोयोटा कौशल्य नाम वाला यह प्रोग्राम एमओयू को आगे बढ़ाएगा। इसके लिए यह टोयोटा टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (टीटीटीआई) में छात्रों का विकास करने पर केंद्रित होगा। इस संस्थान में कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं को विश्व स्तर के कौशल प्रशिक्षण दिए जाते हैं। फ्लेक्सी एमओयू योजना के तहत टीकेएम की पहचान औद्योगिक प्रशिक्षण प्रदाता (आईटीपी) के रूप में की गई है ताकि वह निर्माण कंपनियों और पहले बार के उद्यमियों के लिए कुशल मानव संसाधन का विकास कर सके।

भारत सरकार के प्रशिक्षण महानिदेशालय की निदेशक सुश्री नीलम शमी राव कहती हैं,  “द फ्लेक्सी एमओयू योजना को इस तरहडिजाइन किया गया है कि उद्योग के साथ-सात प्रशिक्षण लेने वालों की भी जरूरतें पूरी हों। इस योजना के तहत उद्योग उम्मीदवारों को कौशल की उनकी आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण दे और प्रशिक्षुओं को उद्योग का ऐसा माहौल मुहैया कराए जो बाजार की मांग और नवीनतम टेक्नालॉजी के तालमेल में हो। युवाओं को कुशल और उद्योग के लिए तैयार काम पर रखने योग्य तकनीशियन के रूप में विकसित करने के लिए हम टोयोटा के साथ साझेदारी करके खुशी महसूस कर रहे हैं।”

टोयोटा कौशल्य युवाओं को यह मौका मुहैया कराती है कि वे निर्माण उद्योग के लिए प्रासंगिक कौशल हासिल करें और नौकरी पर रखने की अपनी संभावनाओं को बेहतर करें तथा यह ‘सीखिए और कमाइए’ शैली में हो। इसमें सैद्धांतिक पढ़ाई के साथ साथ काम करते हुए प्रशिक्षण पाना या सीखना यानी ऑन द जॉब ट्रेनिंग (ओजेटी) शामिल होता है। इन युवाओं को सुपरवाइजर प्रशिक्षण देंगे जो विश्व विख्यात टोयोटा प्रोडक्शन सिस्टम (टीपीएस) में मास्टर ट्रेनर्स हैं। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद प्रमाणन के लिए प्रशिक्षुओं को एक परीक्षा देनी होती है जिसका आयोजन डीजीटी और टीकेएम संयुक्त रूप से करते हैं। यह परीक्षा डीजीटी के दिशानिर्देशों के अनुसार और क्राफ्ट्समैन ट्रेनिंग स्कीम (सीटीएस) के अनुसार होती है। इस प्रोग्राम का लक्ष्य 10वीं कर चुके उन युवाओं को कुछ काम सिखाना है जो आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं या मुश्किल समझ रहे हैं। इस पाठ्यक्रम में दाखिले शुरू हो चुके हैं। दो साल का प्रशिक्षण कार्यक्रम चार ट्रेड में दिया जाएगा –ऑटोमोबाइल वेल्डिंग, ऑटोमोबाइल असेम्बली, ऑटोमोबोइल पेंटिंग और मेकाट्रोनिक्स।

टोयोटा कौशल्य  प्रोग्राम के अलावा, टोयोटा अपने कर्मचारियों को ‘जीवनभर सीख’ देती रही है ताकि उन्हें उनकी पूरी संभावना हासिल करने में सहायता दी जा सके। टोयोटा की सबसे महत्वपूर्ण परिसंपत्ति इसके लोग हैं। इसलिए, लोगों के विकास कंपनी के दर्शन का आधार है।  ‘टोयोटा वे’ (टोयोटा शैली)बेहतर होने पर केंद्रित है और इसके लिए हरेक व्यक्ति के कौशलों को निखारा जाता है और सुधार की कोशिशों को जारी रखा जाता है। इसके लिए इंक्रीमेंटल और ब्रेकथ्रू इनोवेटिव (आगे बढ़ने वाली और नई व अभिनव) सोच को बढ़ावा दिया जाता है।

जी शंकर, वाइस प्रेसिडेंट, एचआर एंड सर्विसेज, टीकेएम कहते हैं, “उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने के लिए कोई भी कंपनी अच्छी प्रक्रिया स्थापित कर सकती है, सर्वश्रेष्ठ उपकरण और संरचना लगा सकती है। पर टोयोटा को उसका दर्शन अनूठा बनाता है और वह है अच्छे (उच्च गुणवत्ता वाले) लोगों का विकास। टोयोटा अपने लोगों के विकास करने पर ध्यान देता है और यही लोग अच्छी प्रक्रिया बनाते हैं और इसी से उत्पाद व सेवाएं बेहतर होती हैं और इस तरह ग्राहक की खुशी हासिल की जाती है।”

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