Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 02 फरवरी 2021 – ‘‘ऐसे अभूतपूर्व समय में एक पथप्रदर्शक और समावेशी बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को बधाई दी जानी चाहिए। बढ़ता राजकोषीय घाटा अनेक लोगों के लिए चिंता का विषय होगा, लेकिन वर्तमान अनिश्चित समय में सरकारी खर्च को बढ़ाना बेहद जरूरी है। 5.54 लाख करोड़ रुपए का प्रस्तावित पूंजीगत व्यय मौजूदा वर्ष की तुलना में 34.5 प्रतिशत अधिक है, जो इन्फ्रास्ट्रक्चर, विनिर्माण उद्योग और रोजगार सृजन के लिए अच्छा साबित हो सकता है।
वित्त मंत्री ने सामाजिक कल्याण योजनाओं, स्वास्थ्य क्षेत्र, एस्पिरेशनल इंडिया और सुशासन के लिए पूंजी आवंटन सुनिश्चित किया है।
बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में सुधारों को लेकर जो घोषणाएं की गई हैं, उनके माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से एनपीए के हस्तांतरण के लिए एक नया रास्ता तैयार होगा और इससे उधार देने की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने के सरकार के फैसले और सरकारी संपत्ति के विमुद्रीकरण से वैश्विक निवेशकों के रुझान को बढ़ावा मिलेगा और इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत का स्थान और बेहतर होगा। सरकार द्वारा निर्धारित विनिवेश लक्ष्य उत्साहजनक हैं, हालांकि इन्हें निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाना चाहिए।
यह बजट देश में एकल स्वामित्व वाली कंपनी के स्थान पर एक उद्यमशील ईकोसिस्टम को भी प्रोत्साहित करता है। पर्यावरण प्रदूषण और तेल के आयात को रोकने के लिए पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित स्वैच्छिक व्हीकल स्क्रेप पाॅलिसी मोटर वाहन उद्योग को एक नई दिशा देगी। स्टार्ट-अप करों में छूट देने की योजना को आगे बढ़ाने और अनुसंधान और विकास के लिए आवंटन में वृद्धि से इनोवेशन को प्रोत्साहन मिलेगा। गैर निवासी निवेशकों को प्रदान की गई कर राहत एक स्वागत योग्य कदम है लेकिन अनिवासी भारतीयों के माध्यम से निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है।
डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन स्थापित करने का निर्णय भी बहुत उत्साहजनक है और मुझे आशा है कि हम अपने अतीत से सीखते हुए इस समय एक विश्व स्तरीय संस्थान बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’
पत्रिका जगत Positive Journalism