Editor-Ravi Mudgal
जयपुर, 3 फरवरी 2021 – वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने कहा कि डेजर्ट नेशनल पार्क में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। डेजर्ट यूनिक सिस्टम के बारे में लोगों को पहले जानकारी नहीं थी अब इस प्रणाली से आमजन को बहुत लाभ हुआ है।
श्रीमती गुहा बुधवार को यहां राजस्थान वानिकी एवं वन जीव प्रशिक्षण संस्थान में लेखक डॉ.गोविंद सागर भारद्वाज एवं डॉ. अशद रहमानी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘डेजर्ट नेशनल पार्क’’ के विमोचन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रही थी। श्रीमती गुहा ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से लेखकों द्वारा राज्य में डेजर्ट नेशनल पार्क की संभावनाओं को तलाशा गया है। उन्होंने कहा कि आजकल रणथम्भौर, सरिस्का आदि नेशनल पार्को के बारे में सभी जानते हैं परन्तु डेजर्ट नेशनल पार्क के बारे में आमजन को जानकारी कम हैं। इस पुस्तक के माध्यम से अनेक दुर्लभ एवं आकर्षक चित्रों को देखने का अवसर मिलेगा।
श्रीमती गुहा ने उपस्थित लोगों से कहा कि इको टयूरिज्म पॉलिसी पर अपने-अपने सुझाव दें क्योंकि दस सालों में पहली बार इस प्रणाली को राज्य सरकार नये तरीके से लाई है। उन्होंने कहा कि आगामी समय में नेशनल डेजर्ट पार्क बहुत अच्छे से विकसित हो तथा हर पर्यटक तक इसकी सूचना पहुंचे। उन्होंने कहा कि राजस्थान वन विभाग द्वारा विगत दो वर्षाें में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए बहुत कार्य किए गए हैं।
पुस्तक के लेखक राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव डॉ. गोविंद सागर भारद्वाज ने कहा कि नेशनल डेजर्ट पार्क पर लिखी गई यह पहली पुस्तक है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक न सिर्फ थार की जैव विविधता को प्रदर्शित करती है, बल्कि रेगिस्तान में होने वाली विभिन्न पारिस्थितिकीय तथा मानवजनित प्रक्रियाओं को भी रेखांकित करती है। इस पुस्तक को लिखने के लिए उन्होंने पांच वर्षाे तक कड़ी मेहनत की तथा वहां के जनजीवन एवं पर्यावरण को नजदीकी से देखा।
इस अवसर पर डॉ. अशद रहमानी ने भी पुस्तक के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पुस्तक आम जनता तथा नीति, निर्माताओं, ब्यूरोकेट्स, वन्यजीव प्रबंधक बिजनेस हाऊस कॉर्पोरेट सेक्टर एवं नागरिक संस्थाओं तक उपयोगी सिद्ध होगी।
कार्यक्रम में प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (हॉफ) श्रीमती श्रुति शर्मा ने कहा कि पुस्तक के माध्यम से ग्रेट इंण्डियन बस्टर्ड (गोडावन) पक्षी तथा मरूस्थलीय पारिस्थितिकीय तंत्र को संरक्षित रखने की प्रेरणा जागृत होगी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक श्री एम.एल. मीणा एवं श्री एल.एच. धामानी ने विस्तार से पुस्तक पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित वन्य जीव प्रेमी भी उपस्थित थे।
पत्रिका जगत Positive Journalism