मक्का में फाॅल आर्मीवर्म कीट पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

Editor-Rashmi Sharma 
जयपुर 01 फरवरी 2021 – कीट विज्ञान विभाग, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, एम.पी.यू.ए.टी., उदयपुर एवं कृषि प्रोद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा), उदयपुर के तत्वाधान में आज दिनांक 2 फरवरी 2021 को आर.सी.ए. सभागार मे राज्य सरकार के कृषि अधिकारियों एवं प्रसार कर्मियो हेतु एक दिवसीय कार्यशाला ष्मक्का मे फाल आर्मीवर्म कीट की पहचान एवं प्रबन्धनष् पर आयोजित की जा रही है।
इस कार्यशाला मे मुख्य अतिथि डाॅ. एन.एस. राठौड, कुलपति, एम.पी.यू.ए.टी., उदयपुर; संयोजक डाॅ. एस.के. शर्मा, अनुसंधान निदेशक, सह-सयोजक श्री महेश वर्मा, सयुक्त निदेशक कृषि (वि.) खण्ड़- उदयपुर; आयोजक डाॅ. रेखा व्यास, जे.डी.आर., एम.पी.यू.ए.टी., उदयपुर, आयोजक सचिव डाॅ. एम.के. महला, प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष, कीट विज्ञान विभाग, आर.सी.ए., उदयपुर; समन्वयक डाॅ. रवीन्द्र वर्मा, परियोजना निदेशक, आत्मा, उदयपुर एवं श्री सुधीर वर्मा, उपनिदेशक कृषि (वि.), जिला परिषद उदयपुर है। इस कार्यशाला मे कृषि विभाग के लगभग 150 कृषि अधिकारी एवं प्रसारकर्मी भाग ले रहे है। इस कार्यशाला मे मुख्य वक्ता पाॅच है, इसमे डाॅ. जे.सी. शेखर, प्रधान वैज्ञानिक, आई.सी.ए.आर.; श्री भागीरथ चैधरी, संस्थापक निदेशक, एस.ए.बी.सी.; डाॅ. ए.एन. शायलेशा, प्रधान वैज्ञानिक, एन.बी.ए.आई.आर., डाॅ. एस.एल. जाट, वरिष्ठ वैज्ञानिक, आई.सी.ए.आर. एवं डाॅ. सुबी एस.बी., वैज्ञानिक, आई.सी.ए.आर. है।
फाॅल आर्मीवर्म, स्पोडोप्टेरा फ्रुजीपरेडा अमेरिका के उष्ण एवं उपोष्ण जलवायु क्षेत्र का प्रमुख कीट है। यह सबसे पहले मध्य तथा पश्चिमी अफ्रिका मंे 2016 के शुरूआत मे देखा गया था। भारत मे फाॅल आर्मीवर्म सबसे पहले कर्नाटक राज्य के शिवामोगा जिले मे कृषि महाविद्यालय, शिवामोगा, कर्नाटक की सर्वे टीम ने जून 2018 मे खोजा था। इस कीट का आक्रमण राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, तेलगांना, महाराष्ट्र, उडीसा, बिहार, पश्चिमी बंगाल, छतीसगढ, केरल आदि राज्यों मे भी देखा गया। राजस्थान राज्य के कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के कीट विज्ञान विभाग के सर्वे मे महाविद्यालय क्षेत्र मे रबी 2018 मे मक्का मे सबसे पहले देखा गया। राजस्थान मे यह कीट खरीफ 2019 मे ज्यादातर जिला मे देखा गया तथा इससे मक्का की फसल को सर्वाधिक नुकसान हुआ था। इस कीट का मक्का उत्पादक मेवाड़ संभाग मे सर्वाधिक आक्रमण हुआ है, जिससे फसल के उत्पादन मे बहुत नुकसान हुआ है।
फाॅल आर्मीवर्म एक बहुभक्षी कीट है जो 80 से 100 पादप जातियों को अपने भोजन के रूप मे खाता है परन्तु मुख्यतया यह मक्का की फसल को ही नुकसान पहुॅचाता है तथा दूसरे पौधों मे गन्ना, धान, ज्वार, कपास, सब्जियो तथा जगली पौधे आदि प्रमुख पोषक पौधे है। यह कीट एक साल मे कई सारी पीढियाॅ पैदा करता है तथा इसकी शलभ एक रात मे 100 किलोमीटर से अधिक दुरी तक उड़कर एक स्थान से दुसरे स्थान पर जा सकती है। इसलिये इसके द्वारा सर्वाधिक नुकसान फसल को होता है। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मक्का के नये नाशीकीट की पहचान, जीवन, नुकसान की प्रकृति एवं प्रबन्धन की जानकारी कृषि अधिकारियो एवं प्रसार कर्मिको को अवगत कराना है।

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