Editor-Ravi Mudgal
जयपुर23मार्च2021 महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संगठक इकाई प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय द्वारा विश्व जल दिवस पर जल पूजन कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के प्रशिक्षण फार्म पर स्थित सुंदर बाई की प्राचीन बावड़ी पर किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ माननीय कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर ने विश्वविद्यालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों, स्काउटिंग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र छात्राओं के साथ विधिवत जल पूजन संपन्न किया। इस अवसर पर माननीय कुलपति महोदय ने उपस्थित सभी अधिकारियों तथा छात्रछात्राओं को जलसंरक्षण का महत्व बताते हुए भविष्य में पानी के लिए आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए वैज्ञानिक दृष्टि कोण के साथ आगे बढ़ने पर जोर दिया। उन्होंने आगाह किया कि जिस दर से जल संसाधनों का उपयोग विशेषकर कृषि में हो रहा है उस के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को आगे आकर कृषि में जल के उपयोग को कम करने के लिए तकनीकी विकसित करने की आवश्यकता है। जिससे पानी की उत्पादकता तथा फसलों की जल उपयोग दक्षता बढ़ाई जा सके। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव श्रीमती कविता पाठक ने जल संचयन के लिए सभी छात्रों एवं अधिकारियों को प्रेरित किया। अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ अजयकुमार शर्मा ने विश्व जलदिवस के अवसर पर बोलते हुए सभी लोगों को जलसंरक्षण के लिए प्रेरित किया एवं आह्वान किया कि भविष्य में आने वाले जल संकट को देखते हुए हमें पानी की हरेक बूंद का संचयन करने की आवश्यकता है।अनुसंधान निदेशक डॉ शांति कुमार शर्मा ने सिंचाई जल प्रबंधन परियोजना के वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि विश्वविद्यालय की सभी इकाइयों का जल बजट बनाया जाए। उन्होंने बताया कि हाल ही में अखिल भारतीय समन्वित सिंचाई जल परियोजना के उदयपुर केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए राजस्थान के जल बजट की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई। विश्वविद्यालय के वित्तनियंत्रक श्रीमती मंजू जैन ने विश्व जलदिवस पर सभी उपस्थित अधिकारियों एवं छात्रों कोजल बचत के लिए प्रेरित करते हुए इस पुनीत कार्य में भाग लेने हेतु बधाई दी। इसके बाद डॉ पी. के. सिंह ने बताया कि आस्ट्रेलिया सरकार के सहयोग से विश्वविद्यालय में संचालित मारवी परियोजना के अंतर्गत धारता जलग्रहण क्षेत्र में तीन सामुदायिक भूजल समितियों का गठन किया गया है जिससे किसान आपस में भूजल को सामुदायिक स्तर पर बांटकर उपयोग में ले सकेंगे। साथ ही उन्होंने अखिल भारतीय समन्वित सिंचाई जल अनुसन्धान परियोजना द्वारा मदार गांव में जल बजट तैयार कर विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए इस गांव के विकास में सिंचाई जल प्रबंधन परियोजना की भागीदारी के बारे में बताया। अंत में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति श्री नरेंद्र सिंह जी राठौड़ ने उपस्थित सभी अधिकारियों, राष्ट्रीय सेवायोजना एवं स्काउटिंग के छात्र छात्राओं को जल प्रतिज्ञा करवाकर जल बचाने हेतु प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में लगभग 125 लोगों ने भाग लिया।
पत्रिका जगत Positive Journalism