हरिद्वार में होने वाले कुंभ को पॉलीथीन मुक्त और पर्यावरण युक्त कुंभ बनाने के लिए पर्यावरण गतिविधि जुटी

Editor-Dinesh Bhardwaj
 जयपुर 07 मार्च 2021  – पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय का महत्वपूर्ण विषय है। इस संदर्भ में पर्यावरण गतिविधि उल्लेखनीय कार्य कर रही है। हरिद्वार में होने वाले कुंभ के लिए पर्यावरण गतिविधि के नारी शक्ति कार्य विभाग की ओर से कपड़े के थैलों का एकत्रीकरण करके समाज जागरण की दिशा में विशेष कार्य किया गया है। मैं इस कार्य की प्रशंसा करती हूं। यह विचार राजसमंद की सांसद दिया कुमारी ने आज जयपुर स्थित सिटी पैलेस में प्रेस वार्ता के दौरान व्यक्त किए।
दिया कुमारी ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जन की भागीदारी आवश्यक है। जन-जन और घर-घर की भागीदारी से पर्यावरण की स्थिति बदलेगी और सुखद परिणाम आएंगे।
 पर्यावरण गतिविधि के प्रांत संयोजक अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले कुंभ को पॉलीथीन मुक्त और पर्यावरण युक्त कुंभ बनाने के लिए पर्यावरण गतिविधि जुटी हुई है। गतिविधि की ओर से जल संरक्षण, पौधारोपण, रसोई की बगिया तथा पॉलीथीन मुक्ति के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। वर्तमान दौर में पॉलीथीन रूपी जिन को बोतल में बंद करके इको ब्रिक्स बनाई जा रही है। इको ब्रिक्स का उपयोग निर्माण कार्यों में तथा फर्नीचर एवं उद्यानों में किया जा रहा है। पॉलीथीन मुक्ति के लिए इको ब्रिक्स बनाकर हर एक व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकता है।
 प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पर्यावरण गतिविधि नारी शक्ति कार्य विभाग की प्रमुख डॉ रीता भार्गव ने कहा कि कुंभ के मेले के लिए जयपुर से 25 हजार से अधिक कपड़े के थैले भेजे जाएंगे। इस हेतु शहर की विभिन्न कॉलोनियों से कपड़े के थैले एकत्रित किए गए हैं। इस दिशा में महिलाओं को जागरूक करके इस अभियान के साथ उन्हें जोड़ा गया है तथा सामान्यतया जो कपड़े फेंक दिए जाते हैं उन्हें रीयूज करके कपड़े के थैलों का निर्माण किया गया है। कुंभ को पॉलीथीन मुक्त  तथा पर्यावरण युक्त बनाने के लिए  प्रयास किए जा रहे हैं।
 पर्यावरण गतिविधि के प्रांत प्रचार प्रमुख विवेकानंद शर्मा ने कहा कि जयपुर प्रांत के विभिन्न जिलों से भी कपड़े के थैले एकत्रित करके सीधे हरिद्वार भेजे जा रहे हैं। ये थैले कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को निशुल्क वितरित किए जाएंगे। पर्यावरण गतिविधि “हाथ में रखो थैला, ना करो देश को मैला” इसे ध्येय वाक्य मानकर पॉलीथीन मुक्ति के लिए कार्य कर रहे हैं।

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