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एनएसडीसी और एफसीडीओ ने ई-स्किल इंडिया प्लेटफॉर्म पर डिसेबिलिटी सेन्सिटाइज़ेशन ई-मॉड्यूल लॉन्च किए

Editor-Rashmi Sharma

जयपुर 28 अप्रैल 2021 : दिव्याँग व्यक्तियों की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें समावेशी पहुँच प्रदान करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने दिव्याँग लोगों के प्रति संवेदीकरण पर केंद्रित आठ ई-लर्निंग मॉड्यूल को विकसित और लॉन्च करने के लिए फ़ारेन कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफ़िस (एफसीडीओ) के साथ सहयोग किया है जिसे पहले अंतर्राष्ट्रीय विकास  विभाग- GOV.UK के रूप में जाना जाता था।

एनएसडीसी के डिजिटल स्किलिंग प्लेटफ़ॉर्म ई-स्किल इंडिया को इस्तेमाल करते हुए, यह स्किलिंग इकोसिस्टम बनाने और समाज में बड़े पैमाने पर दिव्याँग लोगों के प्रति अधिक समावेशी होने की दिशा में एक कदम है। डिसेबिलिटी स्पेस में 50 वर्षों का अनुभव रखने वाले यूके के नेशनल स्टार फाउंडेशन कालेज द्वारा विकसित ये मॉड्यूल प्रबंधन, शिक्षण, प्रशिक्षण, मूल्यांकन, समर्थन भूमिकाओं के साथ-साथ नियोक्ताओं, हेल्थकेयर पेशेवरों, सहकर्मियों, सह-छात्रों में पेशेवरों और संगठनों के लीडर जो दिव्याँग लोगों के साथ काम करते हैं, उन्हें सशक्त बनाएंगे।

इसके लॉन्च इवेंट में बोलते हुए, एनएसडीसी के एमडी और सीईओडॉ. मनीष कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के एक सर्वेक्षण के अनुसारअनुमान है कि भारत में विकलांगता की व्यापकताआबादी की 2.2 प्रतिशत है। इसलिए नीतियों और विकास कार्यक्रमों को डिजाइन करना अत्यावश्यक है जो विशेष रूप से दिव्याँग व्यक्तियों को समान अवसर प्रदान करते हैंजिससे वे आजीविका अर्जित कर सकें और सम्मान का जीवन जी सकें। मैं एफडीसीओ को एनएसडीसी के दिव्याँग व्यक्तियों को सही कौशल प्रदान करने और उन्हें भारत की आर्थिक वृद्धि का हिस्सा बनाने के लिए सक्षम बनाने के विज़न का हिस्सा होने के लिए धन्यवाद देता हूं। मेरे विचार में एनएसडीसी के ईस्किल इंडिया पोर्टल पर नामांकित युवाओं और नेटवर्क संगठनों के साथ हमारे इम्पैनल्ड प्रशिक्षकों और साझेदारों को इन ई-मॉड्यूल से लाभ होगा। ये मॉड्यूल हमारे संवेदीकरण के प्रयासों को और मजबूत करेंगे और सीखने का एक ऐसा माहौल बनाने में मदद करेंगे जो विशेष रूप से दिव्याँग व्यक्तियों की जरूरतों के लिए उत्तरदायी है।

ब्रिटिश हाईकमीशनएफसीडीओ के मिनिस्टर काउंसलर डेवलपमेंटश्री गेविन मैकगिलिव्रे ने कहा, ”इनक्लूजन एक ऐड-ऑन नहीं है। यह एक डिफ़ॉल्ट और अभिन्न अंग होना चाहिए और यह फ़िलोसोफ़ी एफसीडीओ के डीएनए में है। हम महामारी के समय में डिजिटल पहलों का स्वागत करते हैं, जिन्हें विभिन्न हितधारकों के साथ काम करने वालों के लिए सुलभ बनाया जा सकता है। हमें अलग-अलग दिव्याँगों की प्रतिभा और कौशल पर ध्यान देना चाहिए और उनकी क्षमताओं से मेल खाते हुए उन्हें उसी तरह से ढालने में उनकी सहायता करनी चाहिए।”

पाठ्यक्रम सामग्री DRILL (डिस्कवर, रिफ्लेक्ट, इन्वेस्टिगेट, लर्न, लर्न मोर) पर आधारित है और शिक्षार्थियों को इंटरैक्टिव और सुलभ सामग्री के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती है। मॉड्यूल को तीन स्तरों में विभाजित किया जाता है जिसमें तीन फ़ाउन्डेशन पाठ्यक्रम, तीन एप्लाइड पाठ्यक्रम और दो स्पेशलिस्ट पाठ्यक्रम शामिल हैं। प्रत्येक पाठ्यक्रम का अंतिम मूल्यांकन और प्रमाणीकरण किया जाता है। इन मॉड्यूल को अब एनएसडीसी के ई-स्किल इंडिया पोर्टल पर नामांकित दस लाख युवाओं के अलावा और दिव्याँग व्यक्तियों (नियोक्ताओं और प्रशिक्षकों) हेतु स्किल काउंसिल के नेटवर्क संगठनों के अलावा, एनएसडीसी के 11,000 इम्पैनल्ड प्रशिक्षण भागीदारों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

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