टाटा पावर सायन्स बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव (एसबीटीआई) के अनुरूप उत्सर्जन को कम करने के लिए तैयार

राष्ट्रीय, 27 जुलाई 2021: भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी टाटा पावर ने सायन्स बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव्ज (एसबीटीआई) के अनुरूप उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य निर्धारित करने के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध किया है। एसबीटीआई ऐसी पहल है जो कंपनियों को उत्सर्जन में विज्ञान पर आधारित कमी के लक्ष्य को निर्धारित करने में सक्षम बनाकर निजी क्षेत्र द्वारा जलवायु पर महत्वाकांक्षी कार्रवाई को संचालित करती है।  एसबीटीआई यह सीडीपी (कार्बन डिस्क्लोजर प्रोजेक्ट), यूनाइटेड नेशन्स ग्लोबल कॉम्पैक्ट, वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई), वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) और वी मीन बिजनेस कोएलिशन के बीच की साझेदारी है। एसबीटीआई के प्रति टाटा पावर कंपनी की प्रतिबद्धता को स्वीकार कर लिया गया है और वेबसाइट पर कार्रवाई करने वाली कंपनियों की श्रेणी में प्रकाशित किया गया है।

टाटा पावर के सीईओ और एमडी डॉ प्रवीर सिन्हा ने कहा, “ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने के लिए तेज़ और दृढ़ कार्रवाई की आवश्यकता है। टाटा पावर ने स्वयं को एसबीटीआई के लिए प्रतिबद्ध किया है और वैश्विक जलवायु कार्रवाई के लक्ष्यों की पूर्ति में सहायता करते हुए, ऊर्जा मॉडल्स को डीकार्बोनाइज्ड करने के परिवर्तन के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना पर हमारी कंपनी काम कर रही है। उत्सर्जन में कमी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, हम हरित ऊर्जा पोर्टफोलियो में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों की लगातार खोज कर रहे हैं और उन्हें अपना रहे हैं। हमें विश्वास है कि हम #FutureReady बनेंगे और ज़िंदगियों को रोशन करना जारी रखेंगे!” 

जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी प्रभावों से बचने के लिए तापमान वृद्धि को रोकने की स्पष्ट चेतावनी आधुनिक जलवायु विज्ञान ने दी है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को कार्बन से मुक्त करने और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने में बिजली क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

चिरस्थायी ऊर्जा के लिए प्रक्रिया में सुधार का नेतृत्व करने के लिए, टाटा पावर ने सायन्स बेस्ड टार्गेट्स इनिशिएटिव्ज द्वारा प्रस्तावित वैज्ञानिक लक्ष्य निर्धारित करने का संकल्प लिया है। यह 2050 से पहले कार्बन तटस्थता के लिए प्रतिबद्ध होने वाली पहली भारतीय बिजली कंपनी है और एक स्थायी भविष्य के लिए परिवर्तन को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है।

कोयले से बिजली विनिर्माण की क्षमता को चरणबद्ध तरीके से कम करने की घोषणा टाटा पावर ने पहले ही कर दी है और यह कंपनी वित्तीय वर्ष 2030 तक 80% लक्ष्यों को पूरा करने के लक्ष्य के लिए अपने शुद्ध और हरित पोर्टफोलियो के साथ आगे बढ़ रही है। अपनी व्यावसायिक पेशकशों के माध्यम से, टाटा पावर एकीकृत समाधानों के विकास का नेतृत्व कर रही है, गतिशीलता और जीवन शैली पर ध्यान केंद्रित करते हुए उभरती स्मार्ट और हरित प्रौद्योगिकियों के माध्यम से ग्राहकों को सक्षम बना रही है।

एसबीटीआई के साथ काम कर रही कंपनियों की सूचि – Companies taking action – Science Based Targets

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