एल एंड टी – निर्मित सातवां ओपीवी, आईसीजीएस विग्रह भारतीय तटरक्षक में तैनात

चेन्‍नई, 31 अगस्‍त, 2021: भारत के माननीय रक्षा मंत्री, श्री राजनाथ सिंह द्वारा आज एल एंड टी – निर्मित अपतटीय गश्‍ती पोत आईसीजीएस विग्रह का चेन्‍नई में जलावतरण किया गया। तय समय सीमा के पहले ही सातों ओपीवी की डिलिवरी पूरा कर लिया जाना ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ के प्रति एल एंड टी के संकल्‍प को दर्शाता है।

श्री एमके स्टालिन, तमिलनाडु के माननीय मुख्यमंत्री, जनरल एमएम नरवने, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी, थल सेनाध्यक्ष, महानिदेशक के नटराजन, पीवीएसएम, पीटीएम, टीएम, महानिदेशक भारतीय तटरक्षक, श्री जेडी पाटिल, पूर्णकालिक निदेशक (रक्षा और स्मार्ट टेक्नोलॉजीज) और एलएंडटी बोर्ड के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

आईसीजीएस विग्रह, एल एंड टी द्वारा निर्मित सात अपतटीय गश्‍ती पोतों (ओपीवी) की श्रृंखला का सातवां पोत है जिसके लिए वर्ष 2015 में एक एमओडी कंट्रैक्‍ट पर हस्‍ताक्षर किया गया था। उक्‍त सात ओपीवी के प्रोग्रामके चलते भारतीय जहाजरानी उद्योग को कई पुरस्‍कार हासिल हुए, जैसे:

  • कंट्रैक्‍चुअल डिलिवरी शेड्युल से पूर्व सभी 7 ओपीवी की डिलिवरी, जिसमें ‘फर्स्‍ट ऑफ क्‍लास’ ‘आईसीजीएस विक्रम’ भी शामिल है
  • ऐसा पहली बार हुआ है कि भारतीय निजी क्षेत्र के शिपयार्ड द्वारा ओपीवी श्रेणी के पोतों का समूचा डिजाइन से लेकर निर्माण कार्य पूरा किया गया है
  • 5वें ओपीवी ‘आईसीजीएस वरद’ के लिए सिंगल सी सॉर्टी में सभी सी एसेप्‍टेंस ट्रायल्‍स पूरे हुए, मात्र 19.5 महीने की बिल्‍ड अवधि में सब कुछ हासिल
  • प्रभावी ढंग से प्रोजेक्‍ट निगरानी एवं नियंत्रण हेतु रियल टाइम डेटा कैप्‍चरिंग, विश्‍लेषण एवं निर्णय प्रक्रिया हेतु घरेलू रूप से विकसित आईटी प्रणालियों से युक्‍त शिपबिल्डिंग 4.0 टूल्‍स का व्‍यापक उपयोग

कोविड-19 महामारी की मुश्किल स्थितियों के दौरान हमारे शिपयार्ड्स के सभी कर्मचारियों द्वारा कोविड नियमों का पालन करते हुए यह हासिल किया गया।

डिलिवरी के बारे में टिप्‍पणी करते हुए, लार्सेन एंड टुब्रो के प्रबंध निदेशक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी , श्री एस.एन. सुब्रमण्‍यम ने कहा, ‘’निर्धारित समय से पूर्व सभी 07 ओपीवी की डिलिवरी रक्षा के क्षेत्र में ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। कोविड-19 के कारण पैदा हुई व्यावसायिक रुकावटों के बीच यह उपलब्धि अभूतपूर्व महत्व रखती है।‘’

उन्‍होंने आगे बताया, ‘’भारत की व्‍यापक आवश्‍यकताओं को देखते हुए, एल एंड टी ने विश्‍वस्‍तरीय उत्‍पादन संयंत्रों में भारी निवेश किया है और समय से तैयारी सुनिश्चित की है। आगे, हम उम्‍मीद करते हैं कि‘मेक इन इंडिया’ पहल के इन संयंत्रों का महत्‍वपूर्ण रूप से योगदान होगा। अनेक नेवल शिपबिल्डिंग प्रोग्राम्‍स की तैयारी के साथ, एल एंड टी कम से कम समय में भारतीय नौसेना और तटरक्षक बलों को आधुनिक पोतों से लैस करने के लिए विशिष्‍ट रूप से तैयार स्थिति में है।‘’

ओपीवी लंबी दूरी की सतह के जहाज हैं, जो भारत के समुद्री क्षेत्रों व द्वीपीय क्षेत्रों में हेलीकॉप्‍टर से लैस होकर संचालन में सक्षम हैं। उनकी भूमिकाओं में तटीय और अपतटीय गश्त, भारत के समुद्री क्षेत्रों की पुलिसिंग, नियंत्रण और निगरानी, तस्करी विरोधी और सीमित युद्धकालीन भूमिकाओं के साथ समुद्री डकैती विरोधी अभियान शामिल हैं।

श्री जयंत डी पाटिल, पूर्णकालिक निदेशक (रक्षा और स्मार्ट टेक्नोलॉजीज) और एलएंडटी बोर्ड के सदस्य, ने कहा: “आईसीजीएस विग्रह के चालू होने को देखकर खुशी हो रही है, जो एक और बेहद सफल नेवलप्रोग्राम के पूरा होने का प्रतीक है जो मेक-इन-इंडिया की भावना का प्रतीक है। एलएंडटी ने 07 ओपीवी कार्यक्रम के निष्पादन के दौरान कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं, जो नवाचार, अनुकूलन क्षमता, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत की हमारी मुख्य ताकत के प्रमाण हैं।‘’

उन्होंने आगे कहा, ‘’बेजोड़ निष्‍पादन ट्रैक रिकॉर्ड, सर्वोत्‍तम वैश्विक मानकों के अनुरूप उत्‍कृष्‍ट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और दमदार वित्‍तीय क्षमता के साथ, एल एंड टी रक्षा के क्षेत्र में सही मायने में ‘मेक इन इंडिया’ को पूरा करने में अग्रणी भूमिका निभाने में विशिष्‍ट स्थिति में है। हम डिफेंस शिपबिल्डिंग में उत्‍कृष्‍टता हासिल करने की दिशा में नवाचार, गुणवत्‍ता, निष्‍पादन गति एवं शिपबिल्डिंग 4.0 टेक्‍नोलॉजिज के व्‍यापक उपयोग पर जोर देते रहेंगे।‘’

आईसीजीएसविग्रह लगभग 98 मीटर लंबा, 15 मीटर चौड़ा है, इसका ड्रॉफ्ट3.6 मीटर है, इसका विस्थापन 2140 टन और रेंज 5000 समुद्री मील है। यह 26 समुद्री मील तक की निरंतर गति प्राप्त कर सकता है। संपूर्ण डिजाइन और निर्माण प्रक्रिया को अमेरिकी नौवहन ब्यूरो के साथ-साथ भारतीय नौवहन रजिस्ट्रार द्वारा प्रमाणित किया गया है और कट्टुपल्ली में भारतीय तटरक्षक बल की टीम द्वारा इसकी देखरेख की जाती है।

मार्च 2010 में डिफेंस शिपबिल्डिंग में कदम रखने के बाद से, एल एंड टी ने 66 डिफेंस वेंसल्‍स के इन-हाउस डिजाइन, निर्माण एवं डिलिवरी के साथ प्राइवेट शिपयार्ड की गतिकी एवं क्षमता के प्रतीक रूप में स्‍वयं को साबित किया है। एल एंड टी, चेन्‍नई के निकट कट्टुपल्‍ली स्थित भारत के सबसे आधुनिक डिफेंस शिपयार्ड में भारतीय नौसेना और तटरक्षक बेड़ों के मरम्‍मत, रखरखाव एवं अपग्रेड्स में प्रमुखता से योगदान भी दे रहा है।

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