कर्नाटक सरकार ने शिक्षा छात्रवृत्ति से संबंधित शुल्क के भुगतान के लिए ई-रूपी डिस्बर्समेंट शुरू किया

मुंबई/बैंगलोर, 29 दिसंबर 2021- नेशपन पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई), भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), और कर्नाटक सरकार के ई-गवर्नेंस विभाग ने छात्रों के लिए कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस भुगतान सॉल्यूशन ई-रूपी को सक्षम और कार्यान्वित करने के लिए भागीदारी की है। इसके तहत शिक्षा छात्रवृत्ति से संबंधित शुल्क के भुगतान के लिए ई-रूपी डिस्बर्समेंट की पहल की गई है।

कर्नाटक सरकार द्वारा कॉलेज/संस्थान को डिजिटल रूप से भुगतान करके योग्य छात्रों की शिक्षा शुल्क की लीक-प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए ई-रूपी का उपयोग किया जाएगा। कर्नाटक सरकार योग्य छात्रों के मोबाइल पर ई-वाउचर वितरित करेगी। वाउचर कोड को फीचर फोन पर भी प्राप्त किया जा सकता है। छात्र फीस भुगतान के इच्छित उद्देश्य के लिए पहचान किए गए कॉलेजों/संस्थानों में ई-रूपी को भुनाने में सक्षम होंगे।

ई-रूपी को भुनाने के लिए, चिन्हित किए गए संस्थान एक एप्लिकेशन या पीओएस मशीन का उपयोग करके छात्रों द्वारा प्रदर्शित क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग को स्कैन करेंगे। इस प्रक्रिया से छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ उठाने के लिए किसी भी भौतिक टोकन वितरण की जरूरत नहीं होगी।

श्री राजीव चावला, अतिरिक्त मुख्य सचिव, कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग (डीपीएआर) (ई-गवर्नेंस), कर्नाटक सरकार ने कहा, ‘‘ई-रूपी वास्तव में सरकारों के उपयोग के लिए एक बहुत ही प्रभावशाली तरीका है, क्योंकि यह लक्षित लाभार्थी को पूरी सुरक्षा के साथ लाभों के सीधे हस्तांतरण की अनुमति देता है। इस तरह यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि लाभार्थी को योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार लाभ मिले। इस पहल के तहत, प्रत्येक लेनदेन को लाभार्थी और संस्था के साथ मैप किया जाता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि ई-वाउचर को उस कॉलेज द्वारा भुनाया जा सकता है जहां छात्र ने नामांकन किया है।’’

श्री चल्ला श्रीनिवासुलु सेट्टी, मैनेजिंग डायरेक्टर, रिटेल एंड डिजिटल बैंकिंग, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा, ‘‘ई-रूपी (यूपीआई प्रीपेड वाउचर) को पहली बार इस्तेमाल करने के लिहाज से इसी साल 2 अगस्त को माननीय प्रधान मंत्री ने कोविड-19 टीकाकरण के लिए लॉन्च किया था। सुरक्षित और कैशलेस सुविधाओं के साथ इसके परेशानी मुक्त उपयोग के कारण, सरकार ने ई-रूपी के उपयोग को डीबीटी, छात्रवृत्ति, मिट्टी के तेल वितरण, खाद्यान्न के सब्सिडी वाले वितरण, दान, किराना जैसे अन्य उपयोग के मामलों में विस्तारित करने की परिकल्पना की है। भारतीय स्टेट बैंक छात्रों को उनकी पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति के वितरण के लिए कर्नाटक सरकार को एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करके अन्य उपयोग के मामलों के लिए ई-आरयूपीआई के कार्यान्वयन में अग्रणी बैंकों में से एक है।’’

श्री कुणाल कलावटिया, चीफ ऑफ प्रोडक्ट्स, एनपीसीआई ने कहा, ‘‘हमें कर्नाटक सरकार को परेशानी मुक्त छात्रवृत्ति के साथ छात्रों को सशक्त बनाने के लिए अपना ई-रूपी सॉल्यूशन पेश करते हुए खुशी हो रही है। एनपीसीआई में, हम लगातार अग्रणी डिजिटल उत्पादों और सेवाओं को विकसित करके भारत के तकनीकी और डिजिटल कौशल का विस्तार करने पर काम कर रहे हैं। हम मानते हैं कि ई-रूपी योजनाओं की सुविधाजनक और लीक-प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। यह छात्रों और कॉलेजों दोनों के लिए फायदे का सौदा है। छात्रों को मिलने वाले वाउचर का इस्तेमाल वे कॉलेजों/संस्थानों को शुल्क के भुगतान के लिए कर सकते हैं।’’

कर्नाटक सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्लेटफॉर्म पर राज्य सरकार के 35 विभागों की लगभग 176 योजनाओं को शामिल किया है। छात्रवृत्ति योजना के अलावा, अन्य प्रमुख योजनाएं जो ऑन-बोर्ड की गई हैं, उनमें न्यूनतम मूल्य समर्थन योजनाएं, पीएम-किसान राज्य योजना, सीएम-राहत कोष, आवास योजनाएं और दूध प्रोत्साहन योजना शामिल हैं। इस पायलट परियोजना के सफल कार्यान्वयन के बाद प्रदेश सरकार बीज वितरण, उर्वरक वितरण, सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं, छात्रों को लैपटॉप जारी करने और कुशल प्रशिक्षण प्रदान करने जैसी अन्य योजनाओं में ई-रूपी वाउचर के उपयोग की जांच कर रही है।

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