मित्रा आईएएस एकेडमी द्वारा दिए गए आईएएस बनने के मूल मंत्र

जयपुर।  मित्रा आईएएस एकेडमी द्वारा सुबोध पी.जी महाविद्यालय के सभागार में ऐसे विद्यार्थियों के लिए जो भविष्य में सिविल सेवा परीक्षा में भाग ले भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन होकर देश की सेवा करना चाहते हैं ऐसे होनहार, प्रतिभावान और इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक सेमिनार आयोजित की गई जिसमें विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया एकेडमी के निदेशक मित्रपाल ने बताया कि किस प्रकार एक विद्यार्थी को भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होने के लिए योजनाबद्ध और कड़ी मेहनत कर तैयारी करनी चाहिए और परीक्षा की विषय सामग्री,समाचार पत्र, एनसीआरटी पाठ्यक्रम इत्यादि को किस प्रकार पढ़ना चाहिए संस्थान के निदेशक ने उपस्थित विद्यार्थियों के बीच यह भी घोषणा की कि ऐसे विद्यार्थी जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर है लेकिन प्रतिभावान और होनहार है ऐसे विद्यार्थियों का स्क्रीनिंग टेस्ट ले संस्था की ओर से पच्चीस प्रतिशत से शत प्रतिशत छात्रवृत्ति दी जाएगी जिसका उपस्थित विद्यार्थियों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया !


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मृदुल कच्छावा डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस जयपुर ने विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य और जीवन का लक्ष्य सुनिश्चित करने तथा समय का सदुपयोग करने की सलाह दी !
विशिष्ट अतिथि राजस्थान प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी महावीर सिंह ने बताया कि किसी भी विद्यार्थी को सकारात्मक ऊर्जा और कड़ी मेहनत के साथ सिविल सेवा में चयनित हो समाज के लिए मार्ग प्रशस्त करना चाहिए!
मित्र आईएएस एकेडमी की एक्सपर्ट फैकेल्टी अरिंदम सोनी ने बताया कि किसी भी विद्यार्थी को जीवन में एक बार सिविल सर्विसेज परीक्षा में जरूर भाग लेना चाहिए और भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होने के लिए तीन शब्दों का मंत्र दिया ; *”धीरम , स्थिरम, गंभीरम”* का यदि कड़ाई से पालन किया जाए तो भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होना कोई बड़ा कार्य नहीं है संस्था के निदेशक मित्रपाल ने इस अवसर पर सुबोध कॉलेज के प्रिंसिपल के.बी शर्मा जी का विशेष आभार व्यक्त किया और उपस्थित अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत सम्मान किया इस अवसर पर शिक्षा क्षेत्र के कई गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे!

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