सवा लाख से एक लड़ाऊं, तबे गोबिंद सिंह नाम कहाऊं

जयपुर, 30 दिसंबर। सिक्ख धर्म के दसवें गुरू, सरबंसदानी, साहिबे कमाल, दशमेश पिता, खालसा पंथ के संस्थापक गुरू गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पुरब हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

प्रकाश पुरब के तहत सुखमनी सेवा सोसायटी बनीपार्क (रजि.) के सदस्यों ने संगत के साथ मिलकर गुरू गोबिंद सिंह जी की बाणी ‘जाप साहिब’ के 1365 पाठ और ‘चौपई साहिब’ के 7825 पाठ किए। सोसायटी की सदस्य पिंकी सिंह ने बताया कि सोसायटी के सदस्यों व स्त्री सत्संग ने सम्पूर्ण गुरु ग्रंथ साहिब जी के ‘सहज पाठ’ किए, जिसकी समाप्ति आज गुरुपर्व के दिन गुरुद्वारा नेहरू नगर में सूर्य उदय सिंह व गुरुद्वारा सेक्रेटरी गुरमीत सिंह ने की।

उपरान्त गुरुद्वारा नेहरू नगर में भाई संतोख सिंह जी जालंधर वाले, भाई गुरमेल सिंह जी बंगला साहिब वाले व गुरुद्वारा नेहरू नगर के हजूरी रागी अजीत सिंह जी ने कीर्तन किए, जिसमें शब्द ‘राजन के राजा, महाराजन के महाराजा’, चोजी मेरे गोबिन्दा, सा धरती भई हरियावली आदि द्वारा संगत को निहाल किया। इसके अतिरिक्त, बच्चों ने कविता पाठ भी किए।

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