जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 में विज्ञान, तकनीक और एआई पर होगी चर्चा

जयपुर, 18 जनवरी। दुनिया के सबसे करिश्माई लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 19 से 23 जनवरी, 2023 को गुलाबी नगरी जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में होने जा रहा है| इस साल, फेस्टिवल के 16वें संस्करण में, विज्ञान, तकनीक और एआई की दुनिया के विशेषज्ञ इन जटिल विषयों पर रौशनी डालेंगे|

प्रोग्राम की विविधता के साथ, फेस्टिवल के एक सत्र में पुरस्कृत खोजी पत्रकार विद्या कृष्णन से संवाद करेंगे वस्कुलर सर्जन और लेखक अम्बरीश सात्विक| सत्र के दौरान, कृष्णन अपनी नई किताब, फैंटम प्लेग: हाउ ट्यूबरक्लोसिस शेप्ड आवर हिस्ट्री, के माध्यम से बतायेंगी कि विभिन्न बीमारियों के उपचार ने कैसे मानवजाति को प्रभावित कर, विकास में योगदान दिया|

एक अन्य सत्र में, जाने-माने कैंसर चिकित्सा विज्ञानी, जीवविज्ञानी और पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित लेखक, सिद्धार्थ मुखर्जी, अपनी नई किताब, द सोंग ऑफ़ द सेल के माध्यम से हमारे अंगों की सबसे छोटी और महत्वपूर्ण ईकाई के बारे में बताएँगे| फेस्टिवल के को-डायरेक्टर और इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल से संवाद में मुखर्जी “संस्मरण, इतिहास और विज्ञान” के अद्भुत संयोजन से जीवन के सवाल को परिभाषित करेंगे|

एक दिलचस्प सत्र में वक्ता महामारी के समय में भारत में बनी वैक्सीन और उसके व्यापक प्रसार पर चर्चा करेंगे| मंच पर लेखिका प्रियम गाँधी मोदी, जी20 शेरपा ऑफ़ इंडिया अमिताभ कान्त और आईएएस ऑफिसर सज्जन सिंह यादव उपस्थित रहेंगे| सत्र के दौरान, मोदी की नई किताब, ए नेशन टू प्रोटेक्ट पर चर्चा होगी, जिसके माध्यम से श्रोता कोविड-19 महामारी और उससे बचाव में बनाई गई सरकारी नीतियों को समझ सकेंगे|

आधुनिक समय में जब तकनीक अपने चरम पर पहुँच रही है, तब दुनिया कुछ ऐसे संकटों का भी सामना कर रही है, जिसने मशीनों और एआई पर निर्भर रहने की मनुष्यों की खामियों और नैतिकता पर भी सवाल उठा दिए हैं| एक सत्र में, अकादमिक और लेखक टोबी वाल्श, ABP नेटवर्क के सीईओ अविनाश पांडे, टेक उद्यमी और लेखक अनिरुद्ध सूरी से संवाद करेंगे पत्रकार प्रवीण स्वामी|

फेस्टिवल में चर्चा को आगे बढ़ाते हुए, एक सत्र में रेबेका रैग सायकेस से चर्चा करेंगे पुरस्कृत इतिहासकार, अनुवादक और ब्रॉडकास्टर टॉम हॉलैंड| सत्र में सायकेस के नई किताब किन्ड्रेड पर बात की जाएगी| निएंडरथल (शीत-काल के दौरान यूरोप में रहने वाली मानवीय प्रजाति) को परिभाषित करने वाले इस उपन्यास को 2021 में पेन हेसेल टिल्टमैन प्राइज से सम्मानित किया गया| गहन शोध पर आधारित यह उपन्यास क्रूर वनमानुष की रूढ़िवादिता को पराजित करता है, और उस प्रजाति की जीवटता को सम्मुख रखता है जो 300,000 सालों से अधिक के जलवायु परिवर्तन में भी अपना अस्तित्व बचाकर रख पाई|

एक अन्य सत्र में, वेनराईट पुरस्कार से सम्मानित, जीवविज्ञानी और एंटेंगल्ड लाइफ के लेखक मर्लिन शेल्ड्रेक से संवाद करेंगी लेखिका जेनिस परिअट| शेल्ड्रेक बताएँगे कि कैसे फंगी के माध्यम से हम इस ग्रह पर जीवन को समझ सकते हैं| और कैसे यह हमारे सोचने, महसूस करने को प्रभावित करता है|

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