अब प्रदेश के मोक्ष धाम बनेंगे ग्रीन मोक्ष धाम

वैश्विक पर्यावरण संरक्षण एवं गौसंवर्धन के क्षेत्र में कार्य करते हुए गौमाया पिछले कई वर्षों से निरंतर प्रयत्नशील है कोरोना काल में अंतिम संस्कार में पेड़ों की लड़कियां कम पड़ने की वजह से अंतिम संस्कार में होने वाली समस्या के समाधान के रूप में गौमाया के फाउंडर डॉक्टर सीताराम गुप्ता जी के द्वारा एग्रीकल्चर वेस्ट पराली और देसी गाय के गोबर में कुछ जड़ी बूटियां मिलाकर तैयार की गई गोमय समिधा से अंतिम संस्कार करवाने प्रारंभ किए गए इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए प्रतिवर्ष भारत वर्ष में अंतिम संस्कार से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को नेट जीरो पर लाने के लिए गौमाया और नीरी(राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान केंद्र )भारत सरकार मिलकर जयपुर में ग्रेटर नगर निगम द्वारा खंडेलवाल वैश्य समाज समन्वय समिति एवं गौमाया को संयुक्त रूप सेअलोट किए गए मोक्ष धाम पर एक एयर पॉल्यूशन कंट्रोल सिस्टम डेवलप करने जा रही है जिसे नीरी भारत सरकार में पदस्थ वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक बी पदमा एस राव एवं उनकी टीम लीड कर रही है इसके उपयोग से जयपुर में एक ग्रीन मोक्ष धाम की स्थापना की जा रही है जिसे चरणबद्ध तरीके से पहले जिला स्तर पर फिर राज्य स्तर पर और फिर राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वित किया जाएगा इस कार्य में एमएनआईटी की तकनीकी सहायता भी ली जाएगी तथा उपरोक्त कार्य में (राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान) नियाम भारत सरकार की ओर से मिलने वाले सीड फंड का बहुत बड़ा योगदान रहा है इस बारे में आगे बताते हुए गौमाया के को फाउंडर योगेश मित्तल व राजा मुकीम ने बताया कि न केवल पर्यावरण संरक्षण पर काम किया जाएगा अपितु मानव स्वास्थ्य पर भी आने वाले दिनों में बहुत बड़ा कार्य संपन्न करने जा रहे हैं
एमआईआईसी की हेड एवं सेक्रेटरी डॉक्टर मोनिका शर्मा एवं ऑपरेशन हेड डॉ संजय गौड ने बताया कि गौमाया ने एमआईआईसी के इनक्यूबेटी के रूप में विभिन्न स्टार्टअप कंपीटीशन में जिला राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया तथा टाई ग्लोबल द्वारा विश्व के टॉप 40 आइडिया में अपनी जगह बनाई
अंतिम संस्कार के लिए गोमय समिधा अंशदानी फाउंडेशन के सहयोग से निशुल्क प्रदान की जा रही है

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