वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे विशेष विश्व पीटी दिवस 2025 का शुभारंभ

इस वर्ष 8 सितम्बर को विश्व पी.टी. दिवस का विषय है – स्वस्थ उम्र बढ़ने में फिजियोथेरेपी और शारीरिक गतिविधि की भूमिका, तथा कमजोरी और गिरने से बचाव पर ध्यान केन्द्रित करना।
विश्व पीटी दिवस , फिजियोथेरेपिस्टों द्वारा समाज में दिए जाने वाले महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है, जिससे लोग गतिशील, स्वस्थ और स्वतंत्र रह सकें । यह 8 सितंबर को मनाया जाता है। 1996 में स्थापित, विश्व पीटी दिवस को विश्व फिजियोथेरेपी द्वारा बढ़ावा दिया जाता है।
फिजियोथेरेपी: स्वस्थ जीवन की ओर एक कदम
फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है, जिसका उद्देश्य दर्द कम करना, शरीर की गतिशीलता (Mobility) बढ़ाना और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। यह केवल रोगों का इलाज नहीं करती बल्कि शरीर को पुनः स्वस्थ और सक्रिय बनाने पर जोर देती है।
फिजियोथेरेपी की आवश्यकता क्यों?
दर्द से राहत: कमर दर्द, गर्दन दर्द, घुटनों के दर्द या जोड़ों की समस्याओं में फिजियोथेरेपी बिना दवाई और बिना सर्जरी राहत देती है।
चोट से उबरना: दुर्घटना, खेलों में लगी चोट या ऑपरेशन के बाद रिकवरी मे फिजियोथेरेपी अहम भूमिका निभाती है।
पैरालिसिस और न्यूरोलॉजिकल रोग: लकवा, पार्किंसन, स्ट्रोक जैसे रोगियों की गतिशीलता बढ़ाने में सहायक।
बाल एवं वृद्ध देखभाल: बच्चों में फ्लैट फुट या पोश्चर सुधार तथा बुजुर्गों में आर्थराइटिस और संतुलन की समस्याओं का समाधान।
फिजियोथेरेपी की प्रमुख तकनीकें
एक्सरसाइज थेरेपी – मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीलापन बढ़ाने के लिए।
इलेक्ट्रोथेरेपी – TENS, IFT, Ultrasound ,LASER ,SWD, Spine decompression,Robotic machine आदि मशीनों से दर्द और सूजन कम करना और पूर्णरूपेण वापस गति में लाना ।
मैनुअल थेरेपी – हाथों से जॉइंट और मसल्स का ट्रीटमेंट।
रीहैबिलिटेशन प्रोग्राम – ऑपरेशन या चोट के बाद शरीर को सामान्य गतिविधियों में वापस लाना।
फिजियोथेरेपी के फायदे
1. दर्द में बिना दवा राहत
2. सर्जरी की संभावना कम करना
3. शरीर की सही पोश्चर और गतिशीलता
4. खेल प्रदर्शन (Sports Performance) में सुधार⁷
5. जीवनú
फिजियोथेरेपी केवल रोगियों के लिए ही नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए ज़रूरी है जो स्वस्थ, सक्रिय और दवाइयों से मुक्त जीवन जीना चाहता है। यह एक Science + Care + Healing का सुंदर संयोजन है।

“फिजियोथेरेपी आम जीवन में कैसे उतरे”
इसका अर्थ यही है कि फिजियो सिर्फ क्लिनिक या हॉस्पिटल तक सीमित न रहकर हर व्यक्ति की रोज़मर्रा की दिनचर्या का हिस्सा बने।
आम जीवन में फिजियोथेरेपी के उपयोग
1. सही आसन (Posture):
ऑफिस या पढ़ाई करते समय रीढ़ की हड्डी सीधी रखना।
लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप पर झुककर न बैठना।
कुर्सी और टेबल की ऊँचाई शरीर के अनुसार सही रखना।
2. व्यायाम और स्ट्रेचिंग:
रोज़ाना 15–20 मिनट स्ट्रेचिंग करना।
कमर, गर्दन और घुटनों के लिए सरल व्यायाम।
सुबह की वॉक और शाम को हल्की एक्सरसाइज।
3. श्वसन व्यायाम (Breathing Exercises):
तनाव घटाने और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए।
योग और प्राणायाम के साथ मिलाकर बहुत लाभकारी।
4. सुरक्षा और चोट से बचाव:
भारी सामान उठाते समय घुटनों को मोड़कर उठाना, झुककर नहीं।
खेल-कूद या दौड़ से पहले वॉर्म-अप और बाद में कूल-डाउन करना।
5. जीवनशैली संबंधी रोगों में सहायक:
पीठ दर्द, घुटना दर्द, सर्वाइकल, डायबिटीज़ या हृदय रोगी भी फिजियो के नियमित व्यायाम से लाभ ले सकते हैं।
बुज़ुर्गों की चलने-फिरने की क्षमता बनाए रखने में सहायक।
6. रोज़मर्रा की आदतों में बदलाव:
टीवी देखते समय हर 30–40 मिनट में उठकर चलना।
काम के बीच में 2–3 मिनट छोटे-छोटे स्ट्रेच करना।
सोने का गद्दा और तकिया सही होना।
सार यह है कि फिजियोथेरेपी केवल इलाज नहीं बल्कि जीवनशैली है।

 

डॉ. अखिल जोशी

 

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