Editor-Ravi Mudgal 
जयपुर 9 मार्च 2021  – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के  संघटक अनुसंधान निदेशालय में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के तहत संचालित अनुसूचित जाति उप – योजना के अंतर्गत भोपाल सागर के वडवई गांव में “खेती में ट्राइकोडर्मा के फायदे एवं उत्पादन तकनीकी” विषय पर तीन दिवसीय (7-9 मार्च 2021) प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन कार्यशाला का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर 7 मार्च कों अनुसूचित जाति के 30 किसानों को महत्वपूर्ण अदानो- पीठ आधारित ट्राइकोडर्मा कल्चर, प्लास्टिक टब, बेलचा/ सावल, प्रशिक्षण टेक्निकल फोल्डर एवं मास्क का वितरण किया गया । प्रशिक्षण प्रभारी डॉ आर एन बुनकर ,(पौध रोग विशेषज्ञ) ने जैविक कृषि में रोग प्रबंधन हेतु जैव मित्र कवक ट्राइकोडर्मा की उपयोगिता एवं वृहद स्तर पर इसे गोबर की खाद पर तैयार करने की उन्नत तकनीकी का कृषक के खेत पर प्रदशर्न एवं जानकारी दी । कार्यक्रम के सह प्रभारी डॉ हरि सिंह ने बताया की किसान खेती करते समय बाजार की पूर्व जानकारी रखते हुए खेती करें।
उचित विपणन व्यवस्था से किसान अपनी फसल के उत्पादों का 10 से 20% तक उचित मूल्य प्राप्त कर सकता है। मृदा रोग विशेषज्ञ डॉ धर्मपाल सिंह डूडी ने किसानों को मृदा परीक्षण से संबंधित जानकारियों की चर्चा करते हुए फसल में खाद की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। डॉ. राजकुमार फगोड़िया ने वर्तमान में कृषि  क्षेत्र में हो रहे नए आयामों वह नियमों से संबंधित जानकारी किसानों को दी अंत में प्रशिक्षण के  समापन पर स्थानीय सरपंच श्री भैरू लाल जटिया ने सभी किसानों एवं अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
					
									 पत्रिका जगत Positive Journalism
पत्रिका जगत Positive Journalism
				