SAEL कटाई के मौसम में खरीदेगी लगभग 20 लाख टन पराली, इसे स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तित करने और पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को कम करने का लक्ष्य

राष्ट्रीय, 27 अक्तूबर 2025: एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी, SAEL Industries Ltd (SAEL) ने घोषणा की है कि वह अपने ईंधन एग्रीगेटरों के ज़रिये इस साल कटाई के मौसम की शुरुआत में लगभग 20 लाख टन धान का अपशिष्ट (पराली) खरीदेगी और इसे स्वच्छ बिजली में परिवर्तित करेगी। पराली खरिदना का यह अभियान इसे परंपरागत तौर पर जलाने और कृषि अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी गंभीर चिंता को दूर करेगा। SAEL के पास पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कुल 165 मेगावाट क्षमता वाले 11 अपशिष्ठ-से-ऊर्जा (Waste-to-Energy) संयंत्रों का पोर्टफोलियो है (जिसमें राजस्थान में एक निर्माणाधीन परियोजना भी शामिल है)।
इंडियन जर्नल ऑफ एग्रोनॉमी के अनुसार, भारत में सालाना लगभग 500 मिलियन (50 करोड़) टन पराली (फसल अवशेष) पैदा होती है, जिनमें से ~140 मिलियन (14 करोड़) टन का कोई उपयोग नहीं होता, और ~92 मिलियन (9.2 करोड़) टन खुले में जला दिए जाते हैं, जिससे भारत के उत्तरी राज्यों के लोगों को गंभीर वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। कृषि अवशेषों को बिजली में परिवर्तित करने का वहनीय तरीका इस समस्या के प्रबंधन के पसंदीदा तरीकों में से एक है।
राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस सूची के लिए 2006 आईपीसीसी दिशानिर्देशों पर आधारित अनुमानों के अनुसार, इस खरीद से फसल अवशेषों को खुले में जलाने पर अंकुश लगाकर लगभग 300,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन से बचने में मदद मिल सकती है।
SAEL Industries Limited के मुख्य कार्यकारी और निदेशक, श्री लक्षित अवला कहते हैं, “पराली, पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक रूप से कम उपयोग हुई क्षमता का प्रतीक है। हम कृषि अपशिष्ट को स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तित कर, न केवल किसानों के लिए आय के नए स्रोत का निर्माण करने का प्रयास कर रहे हैं, बल्कि पराली जलाने की समस्या से भी निपटने का प्रयास कर रहे हैं। यह पहल मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करती है, साथ ही एक अधिक लचीले और टिकाऊ ऊर्जा ग्रिड में योगदान करती है। SAEL में, हमें इस परिवर्तन का हिस्सा बनने पर गर्व है और हमारा उद्देश्य है, धान के अपशिष्ट को नवीकरणीय संसाधन में बदलना और भारत के कृषि-ऊर्जा क्षेत्र में वहनीय नवोन्मेष में योगदान देना।”
SAEL की खरीद रणनीति स्थायी मूल्य श्रृंखला के निर्माण, धान के अपशिष्ट को जलाने के बजाय उपयोग में लाने, स्वच्छ ऊर्जा संयंत्रों को ऊर्जा प्रदान करने और कृषक समुदायों की आजीविका में सुधार लाने का प्रयास करती है। कंपनी ने अपनी वर्ष 2024 की ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) रिपोर्ट में कहा है कि SAEL के अपशिष्ट-से-ऊर्जा परिचालनों से 390,859.40 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से बचाव हुआ है, जो इसके मौजूदा परिचालनों के सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव को रेखांकित करता है।
SAEL के कृषि अपशिष्ट-से-ऊर्जा परिचालन फिलहाल अपने संयंत्रों और संग्रहण नेटवर्क में स्थानीय लोगों को रोज़गार प्रदान करते हैं, साथ ही लोगों के लिए आजीविका के अवसर भी पैदा करते हैं। कई गांवों में विभिन्न ईंधन संग्रहण केंद्र पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं।

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