Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 01 जनवरी 2021 । आज कृषि विज्ञान केन्द्र, डूंगरपुर के लिये एक विशिष्ट अवसर था क्योंकि यहां महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर की वरिष्ठ अधिकारी परिषद् की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी। कृषि विज्ञान केन्द्र, डूंगरपुर में इस प्रकार की यह पहली बैठक थी जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ ही निदेशक, अधिष्ठाता, कुलसचिव, विŸा नियंत्रक, विशेषाधिकारी आदि अधिकारियों ने भाग लिया। यह बैठक महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के माननीय कुलपति डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। सामान्यतया अमूमन इस प्रकार की बैठक विश्वविद्यालय के मुख्यालय पर ही आयोजित होती है परन्तु इस बार इस बैठक का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र, डूंगरपुर पर किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों एवं ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों के मध्य सीधा संवाद स्थापित करना था। साथ ही यह भी विचार रहा कि विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारी कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा आयोजित की जा रही विभिन्न गतिविधियों को व्यक्तिशः देखकर आंकलन करें एवं अपने सुझाव देना था। वैज्ञानिकों की इस केन्द्र पर आयोजित इस बैठक से जिले के किसानों का भी मनोबल बढ़ा हैं। विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों ने केन्द्र की विभिन्न इकाईयों जैसे माॅड्ल नर्सरी, जल एवं मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, मधुमक्खी पालन इकाई, मशरूम इकाई, बकरी पालन इकाई, मुर्गी पालन इकाई, कृषि मौसम प्रयोगशाला, आदि का अवलोकन किया और वे वस्तु स्थिति से रूबरू हुए। इस अवसर पर कुलपति डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने कृषि विज्ञान केद्र पर एक कस्टम हायरिंग सेन्टर का उद्घाटन किया। इस कस्टम हायरिंग सेन्टर की मदद से डूंगरपुर जिले के किसान उचित कीमत पर विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरण किराये पर हासिल कर सकते है। छोटी जोत के किसानों के लिये जिनके पास अच्छे कृषि उपकरण नहीं है उनके लिये यह सेन्टर एक वरदान साबित होगा। इस मौके पर कुलपति एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने वृक्षारोपण भी किया। इस अवसर पर कुलपति डाॅ. राठौड़ ने डाॅ. राजीव बैराठी एवं डाॅ. सी.एम. बलाई तैयार की गयी ’’कृषि विज्ञान केन्द्र डूंगरपुर – गतिविधियां एवं उपलब्धियां एक नजर’’ विषयक एक बूलेटिन का भी विमोचन किया। समारोह के बाद उक्त दल ने किसानों के खेतों पर लगे प्रदर्शनों का अवलोकन भी किया तथा उनसे फीड बेक भी प्राप्त किया।
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