Editor-Rashmi Sharma
जयपुर, 10 जनवरी 2021 – ऊर्जा तथा जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि राजस्थानी सशक्त एवं समृद्ध भाषा है। इसका अपना शब्दकोष है, राजस्थानी में सदियों से साहित्य रचा जा रहा है। इसे संविधान की आठवीं सूची में शामिल करवाने के लिए राज्य सरकार सतत प्रयासरत है।
डॉ. कल्ला रविवार को मुक्ति संस्था की ओर से बीकानेर में नेहरु शारदा पीठ महाविद्यालय में डॉ. रेणुका व्यास ‘नीलम’ के राजस्थानी उपन्यास ‘धिंगाणै धणियाप’ और काव्य संग्रह ‘कंवळी कूंपळ प्रीत री’ के विमोचन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी दस करोड़ लोगों की भाषा है। यह देश की पुरानी एवं शक्तिशाली भाषाओं में एक है। राज्य सरकार द्वारा राजस्थानी के विकास के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में राजस्थानी का स्वतंत्र विभाग खोलने के प्रयास होंगे, जिससे युवाओं को राजस्थानी में अध्ययन के पर्याप्त अवसर मिल सकें।
डॉ. कल्ला ने कहा कि डॉ. रेणुका व्यास की पुस्तकें ‘नारी चेतना’ का स्वर देती हैं। वह धीर-गंभीर लेखन की प्रतिनिधि लेखिका हैं। इनकी रचनाएं गहराई लिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे समाज ने सदैव नारी को मां, बहिन और बेटी के रूप में सम्मान दिया है। नवरात्रि सहित विभिन्न अवसरों पर कन्या पूजन के माध्यम से हम महिला के प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. रेणुका जैसी लेखिकाएं महिला जागृति को और अधिक संबल देंगी।
पत्रिका जगत Positive Journalism