स्वच्छ भारत मिशन – शौचालय निर्माण पर तकनीकी कार्मिकों की दो दिवसीय कार्यशाला शुरू उष्ण कटिबंघीय क्षेत्रों में टिवन पिट शौचालय तकनीकी ज्यादा उपयोगी

जयपुर, 22 अप्रेल । निदेशक स्वच्छ भारत मिशन श्री पीसी किशन ने पंचायत समितियों में कार्यरत कनिष्ठ अभियन्ताओं एवं कनिष्ठ तकनीकी सहायकों का आह्वान किया है कि वे स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में टिवन पिट( दो खड्डों वाली) तकनीक का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करें । उन्होनें बताया कि यह तकनीक उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में ज्यादा उपयोगी है तथा इससे जो अपशिष्ट निकलता है उससे उत्त्म जैविक खाद बनती है ।
श्री किशन सोमवार को दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) राजस्थान द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से ’’शौचालय निर्माण तकनीकी सुधार पर तकनीकी कार्मिकों की 2 दिवसीय राज्य स्तरीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला, के शुभारम्भ के अवसर पर संबोधित कर रहे थे ।
उन्होंने कहा कि गांव-गांव में लोग समझ चुके हैंं कि खुले में शौच नहीं करना चाहिये लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में आम जन को टॉयलेट तकनीकी के बारे में जागरूक करना बहुत जरूरी है । टॉयलेट निर्माण में तकनीकी खामियां रह जाने से जल, वायु व खाध पदार्थ प्रदुषित होकर  किस प्रकार वातावरण प्रदुषित होता है तथा आम जन को स्वास्थ्य संबधी कितनी परेशानियांंे का सामना करना पड़ता है, के बारे में उन्होंने वैज्ञानिक रूप से विस्तार से जानकारी दी ।
श्री किशन ने कहा कि टॉयलेट निर्माण की तकनीक में सुधार कर इनकी लम्बे समय तक उपादेयता के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण देने के लिए तकनीकी कार्मिकों की यह कार्यशाला आयोजित की गई है । उन्होनें बताया कि कार्यशाला में प्रशिक्षित तकनीकी कार्मिक सन्दर्भ व्यक्ति के रूप में अपने क्षेत्र में मिस्ति्रयों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दंंेगे ।
उन्होनें कहा कि तकनीकी कार्मिकों को प्रशिक्षण के उपरान्त प्रत्येक पंचायत समिति क्षेत्र में 5 टॉयलेट की तकनीकी सुधार का कार्य करने के साथ-साथ पंचायत समिति क्षेत्र में आईईसी टॉयलेट बनाने का कार्य भी सुनिश्चित करना होगा । साथ ही तकनीकी कार्मिकों को जिस पंचायत में लगाया गया है वहॉं टॉयलेट निर्माण के कार्य का पर्यवेक्षण भी करना होगा।
उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे तकनीकी कार्मिकों से उम्मीद जताई कि वे प्रशिक्षण के बाद में दिये जाने वाले व्यावहारिक प्रशिक्षण का भरपूर लाभ उठायेंगे तथा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में टॉयलेट निर्माण की तकनीकी में सुधार लाने में अह्म भूमिका निभायेंगे।
इस अवसर पर यूनिसेफ के वॉश कन्सलटेन्ट श्री रूषभ हिमानी ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहॉ 2017 में स्वच्छता तकनीकी हेतु पहल हुई। राज्य में स्वच्छ भारत मिशन की पहल बहुत अच्छे तरीके से हुई है लेकिन टॉयलेट निर्माण में तकनीकी सुधार की दृष्टि से काफी कुछ किया जाना शेष है ।
यूनिसेफ के राज्य कन्सलटेन्ट श्री तपन कुमार दास ने प्रतिभागियो को पॉवर पाईन्ट प्रजेन्टेशन में वीडियो फिल्म व फोटोग्राफ के द्वारा ट्विन पिट( दो खड्डों वाले) शौचालय निर्माण की तकनीकी एवं सुधार तकनीक की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्विन पिट( दो खड्डों वाला) शौचालय ही सबसे अच्छा शौचालय है । सैफ्टी टैंक शौचालय पर्यावरण के लिए उपयुक्त भी नहीं है साथ ही बहुत अधिक खर्चीला भी है ।
इस अवसर पर अधीक्षण अभियन्ता, मनरेगा श्री अरूण सुराणा,उप निदेशक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) श्री पराग चौधरी, सहायक अभियन्ता आई.पी. अग्रवाल  आदि उपस्थित थे।
सभी प्रशिक्षणार्थियों को 6 समूहों में बांट कर शाहपुरा पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायत धंवली में प्रायोगिक प्रशिक्षण हेतु फील्ड विजिट भी कराई गई एवं ट्विन पिट तकनीक एवं सुधार हेतु लाईव डैमो दिया गया । तेईस अपे्रल को दिन भर सभी प्रशिक्षणार्थियों को शाहपुरा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत धंवली में ही प्रायोगिक प्रशिक्षण व लाईव डैमो दिया जायेगा।

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