जयपुर 24 जून 2019 मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राज्य में ई-मित्र केन्द्रों पर निगरानी का प्रभावी तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए हैं। श्री गहलोत ने कहा कि कई बार ई-मित्र केन्द्रों पर दी जा रही सेवाओं के बदले उपभोक्ताओं से निर्धारित शुल्क से अधिक दाम वसूलने की शिकायतें मिलती हैं। ऎसे केन्द्रों पर सख्ती से कार्यवाही करें तथा इनकी निगरानी के लिए कोई प्रभावी मैकेनिज्म एवं तंत्र तैयार करें।

श्री गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-मित्र केन्द्रों द्वारा दी जा रही सेवाओं के बदले लिए जाने वाला शुल्क अलग-अलग न होकर एक ही हो। इससे उपभोक्ताओं में भी जागरूकता आएगी और मनमाना पैसा वसूलने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा।
बैठक में बताया गया कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने हाल ही में एक ऎसी व्यवस्था प्रारंभ की है जिसमें ई-मित्र केन्द्र से सेवा लेने वाले उपभोक्ता के मोबाइल पर मैसेज भेजा जाता है। इस मैसेज में ली गई सेवा पर देय शुल्क की जानकारी होती है। इससे उपभोक्ता को निर्धारित शुल्क का पता चल जाता है।
आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने में नहीं रखेंगे कोई कसर
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ई गवर्नेंस से ही गुड गवर्नेंस संभव है। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन में सूचना तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए ही हमने अपनी पिछली सरकार के समय प्रत्येक विभाग का तीन प्रतिशत बजट सूचना तकनीक को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित किया था। जिसके सकारात्मक परिणाम आए थे। उन्होंने कहा कि इससे प्रशासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही आई थी तथा सूचना तकनीक के माध्यम से सरकारी विभागों की सेवाओं का आम आदमी तक पहुंचना संभव हुआ था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने में कोई कमी नहीं रखेगी।
बैठक में मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के प्रमुख सचिव श्री अभय कुमार, आयुक्त सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार श्री अम्बरीश कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी मौजूद थे।
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