कोविड – 19 के दौरान आईआईएफएल फाउंडेशन ने की अस्पतालों और प्रवासी मजदूरों की सहायता

Edit-Rashmi Sharma

जयपुर 21 अप्रेल, 2020ः आईआईएफएल फाउंडेशन ने आज कहा कि उसने कोविड – 19 के खिलाफ लड़ाई में सरकार और जनता के साथ अपने प्रयासों को भी जारी रखा है। पीएम-केयर्स फंड में 5 करोड़ रुपए के शुरुआती योगदान के बाद, आईआईएफएल फाउंडेशन ने विभिन्न अस्पतालों और गैर सरकारी संगठनों को 20 लाख रुपए का और योगदान दिया है, ताकि फ्रंटलाइन मेडिकल स्टाफ को सुरक्षात्मक उपकरण और प्रवासी कामगारों को भोजन उपलब्ध कराया जा सके।

आईआईएफएल फाउंडेशन की डायरेक्टर सुश्री मधु जैन ने कहा, ‘‘कोविड – 19 के खिलाफ लड़ाई में हम शुरुआत में ही शामिल हुए और माननीय प्रधान मंत्री द्वारा स्थापित पीएम-केयर्स फंड में हमने तुरंत योगदान दिया। हमने यह भी महसूस किया कि चिकित्सा कर्मचारियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की कमी है और शहरों में प्रवासी मजदूरों के लिए भी भोजन और अन्य सामग्री की तत्काल आवश्यकता है।‘‘
‘‘हमने कस्तूरबा अस्पताल, सेवन हिल्स हॉस्पिटल और सायन हॉस्पिटल को सुरक्षा उपकरण प्रदान किए हैं और यह दायित्व पूरा करते हुए हमें खुशी है। हमने उद्योग निकाय फिक्की और सीएसआर प्लेटफॉर्म गुडेरा के साथ भागीदारी की है और इस काम में मिले उनके समर्थन की हम सराहना करते हैं। इसी तरह हमने मासिक आधार पर कुछ सौ परिवारों को भोजन और राशन उपलब्ध कराने के लिए साद फाउंडेशन के साथ भागीदारी की।‘‘कस्तूरबा अस्पताल, मुंबई के एमडी, रेडियो-डायग्नोसिस डॉ. रजित शाह ने कहा, ‘‘हम कोविड – 19 के खिलाफ हमारे संघर्ष में साथ निभाने के लिए आईआईएफएल के आभारी हैं। एन 95 मास्क और पीपीई ठीक सही समय पर पहुंचे, जब इनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। सारी सामग्री की गुणवत्ता उच्च स्तर की है।‘‘

गुडेरा के संस्थापक और सीईओ अभिषेक हुम्बाड ने कहा, ‘‘आईआईएफएल ने मुंबई में एन 95 मास्क और पीपीई किट के साथ फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मचारियों का समर्थन करने के लिए बहुत उत्सुकता दिखाई। जरूरी सामग्री की सूची के साथ हमने सरकारी निकायों, फिक्की और एनजीओ के साथ तालमेल करते हुए खरीद प्रक्रिया को जल्द पूरा किया और अपने कार्यान्वयन भागीदारों के माध्यम से कस्तूरबा अस्पताल तक सामग्री पहुंचाने में मदद की। हमने आईआईएफएल कर्मचारियों के लिए वाॅलंटियर सेवाएं और डोनेशन प्लेटफाॅर्म को भी इस कारण में शामिल करने में सक्षम बनाया। आईआईएफएल ने कोविड सहायता की दिशा में योगदान करने के लिहाज से कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण निर्धारित किया है।‘‘साद फाउंडेशन के अध्यक्ष वामन कांबले ने कहा, ‘‘हमें इस बात की खुशी है कि आईआईएफएल फाउंडेशन से हमें समय पर सहयोग मिला। इससे हमें एक महीने के लिए 100 परिवारों को भोजन और राशन उपलब्ध कराने में मदद मिली है।‘‘

आईआईएफएल फाउंडेशन ने कोविड – 19 के खिलाफ लड़ाई में स्वैच्छिक तरीके से शामिल होने के लिए आईआईएफएल समूह के 18,000 से अधिक कर्मचारियों को भी अपने साथ लिया है। सुश्री मधु जैन ने कहा, ‘‘इनमें से कई अपनी इच्छानुसार योगदान कर रहे हैं, जबकि कई बच्चों को शिक्षित करने जैसे प्रयासों में शामिल हो रहे हैं।‘‘आईआईएफएल फाउंडेशन भारत में बालिका शिक्षा, वित्तीय साक्षरता, स्वास्थ्य, जल संरक्षण, आजीविका सहायता और आपदाओं के दौरान मदद के क्षेत्रों में भारत के सबसे बड़े कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रमों में से एक का संचालन करता है। फाउंडेशन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक अवार्ड, ग्लोबल सीएसआर कांग्रेस, सीएसआर समिट, एशियावन सीएसआर अवार्ड्स सहित कई अन्य पुरस्कार मिल चुके हैं। निदेशक सुश्री मधु जैन को ग्लोबल सीएसआर कांग्रेस में अग्रणी महिला सीएसआर में से एक के रूप में सम्मानित किया गया है।

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