Edit-Rashmi Sharma
जयपुर 27 मई 2020 – भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कंपनी टाटा पावर ने घोषणा की है कि उनके शाश्वत ऊर्जा उद्यम की क्षमता 2637 मेगावैट से ज्यादा (932 मेगावैट पवन ऊर्जा और 1705 मेगावैट सौर ऊर्जा) बढ़ी है। अब कंपनी के शाश्वत ऊर्जा पोर्टफोलियो की क्षमता 3883 मेगावैट हुई है और पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में इसमें 7% की वृद्धि हासिल की गयी है।
ऑपरेशनल आमदनी और ईपीसी वॉल्यूम में बढ़ोतरी के साथ पिछले वर्ष टाटा पावर ने 34% की वृद्धि दर्ज की थी। इस वर्ष टाटा पावर का शाश्वत ऊर्जा का ऑपरेशनल पोर्टफोलियो 2197 मेगावैट तक बढ़ा है, इसमें 551 मेगावैट पवन ऊर्जा और 1646 मेगावैट सौर ऊर्जा शामिल है। फ़िलहाल टाटा पावर की कुल क्षमता का 36% हिस्सा शुद्ध और हरित निर्माण स्त्रोतों का है। भारत की 372 गीगावैट कुल संस्थापित क्षमता की अपेक्षा यह करीबन 1% है। ऊर्जा आपूर्ति और उपयोग के वर्तमान मॉडल में नयी प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन की समस्याओं पर उपायों के जरिए लक्षणीय सुधार करने की कंपनी की योजना है।
टाटा पावर के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री. प्रवीर सिन्हा ने बताया, “टाटा पावर में हम कंपनी के शाश्वत ऊर्जा पोर्टफोलियो में हर साल वृद्धि हो इसलिए लगातार प्रयास करते हैं। पिछले वर्ष हमने हमारे टीपीआरईएल पोर्टफोलियो में 312 मेगावैट क्षमता बढ़ायी और 700 मेगावैट वृद्धि की प्रक्रिया चल रही है। पवन, रूफटॉप सोलर, सोलर पैनल्स और माइक्रोग्रिड्स के जरिए हर साल हमारे पोर्टफोलियो में शाश्वत ऊर्जा क्षमता में वृद्धि और अगले पांच सालों में हमारे वर्तमान पोर्टफोलियो को काफी ज्यादा बढ़ाने का लक्ष्य रखकर हम काम कर रहे हैं।”
टाटा पावर के रिन्यूएबल्स के प्रेसिडेंट श्री. आशीष खन्ना ने बताया, “आज जब पूरा देश कोविड-19 महामारी की विपदा का सामना कर रहा है तब हम भी हमारे करीबन ७१ शाश्वत ऊर्जा परियोजनाओं का कामकाज उनकी अधिकतम क्षमता से शुरू रखकर राज्यों से बढ़ी हुई ऊर्जा की मांग को पूरा करने में जुटे हुए हैं। शाश्वत ऊर्जा प्रकल्प शुरू रहने चाहिए और शाश्वत ऊर्जा उत्पादक कंपनियों को डिस्कॉम्स से नियमित रूप से भुगतान मिलना चाहिए यह भारत सरकार की घोषणा इस संकट घड़ी में यक़ीनन स्वागत करने योग्य है।”
वित्त वर्ष 2020 में टाटा पावर को एनटीपीसी से सेन्ट्रल पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (सीपीएसयू) योजना के तहत २५० मेगावैट सौर परियोजना का काम दिया गया। इस योजना के अनुसार 2022-23 वित्त वर्ष तक सरकारी कंपनियों को १२००० मेगावैट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापना का लक्ष्य पूरा करना है। टीपीआरईएल ने राजस्थान के चावन गांव में 150 मेगावैट क्षमता की सौर परियोजना शुरू की है। साथ ही देश भर में 500 मेगा वैट शाश्वत ऊर्जा क्षमता के विकास का काम भी शुरू किया है। इसमें उत्तर प्रदेश में यूपीपीसीएल और एनपीसीएल के साथ किए गए पीपीए के अनुसार 100 मेगावैट, राघनेसड़ा सोलर सोलर पार्क में जीयूवीएनएल के साथ पीपीए के तहत 100 मेगावैट और ढोलेरा सोलर पार्क में 250 मेगावैट यह परियोजनाएं शामिल हैं।
पत्रिका जगत Positive Journalism