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आने वाले महीनों में इन छह प्रकार के साइबर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचें

Edit-Rashmi Sharma

जयपुर 21 जुलाई 2020 – कोविड-19 महामारी ने एक वीयूसीए वर्ल्ड (वी: वोलाटाइल यानी अस्थिर, यू: अनसर्टेंटी यानी अनिश्चितता, सी: कंप्लेक्सिटी यानी जटिलता और ए: एंबीग्यूटी यानी संशय की स्थित) का निर्माण कर दिया है, जहां हर व्यक्ति और संगठन पर किसी न किसी तरीके से प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए वैश्विक लॉकडाउन के साथ, व्यवसायों को दूरस्थ कार्य मोड में स्थानांतरित कर दिया है. यह निस्संदेह अधिकांश कंपनियों के लिए खतरा है क्योंकि उनके नेटवर्क परिधि का काफी लंबा विस्तार हुआ है. तो, आने वाले हफ्तों और महीनों में हमें किस तरह के नापाक साइबर धोखाधड़ी का सामना करना पड सकता है?

 फ़िशिंग अटैक में तेजी: कोविड-19 संकट ने फ़िशिंग हमलों में एक वृद्धि देखी है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग अपनी मेहनत की कमाई खो चुके हैं. स्कैमर ने फ़िशिंग ईमेल, वेबसाइट और अन्य प्रकार के हमले शुरू कर दिए हैं.ज्यादा से ज्यादा लोग, एनजीओ, और धार्मिक समूह जरूरतमंदों को राहत देने में लगे हुए हैं. साइबर धोखेबाजों के लिए ऐसे राहतकर्मी या दानदाता बन कर लोगों को ठगना आसान हो गया है. नौकरी के नुकसान के कारण, संदिग्ध एजेंसियों और वेबसाइटों के माध्यम से नौकरी देने के बहाने लोगों को ठगने का काम भी आसान हो गया है.

20 लाख करोड के राहत पैकेज के लाभ के नाम पर केवाईसी / फेक डॉक्यूमेंट: भारत सरकार ने एमएसएमई के ​​लिए ब्याज में छूट, ईएमआई छूट, असंगठित विक्रेताओं के लिए माइक्रो-लोन, 6 महीने तक किसी भी लोन के लिए जमानत न देने जैसे राहत समेत कई लाभकारी योजनाओं की घोषणा की है. ऐसे में कई बोगस एजेंट पैसे ले कर आपको ये लाभ दिलाने का फर्जी ऑफर दे सकते हैं. वे इसके लिए छोटे व्यवसाय मालिकों से इस तरह के फ्रॉड के लिए संपर्क कर सकते हैं. धोखेबाज ऐसे समय लाभ उठाने के लिए नकली केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग कर सकते हैं या फंड डायवर्जन का रैकेट चला सकते हैं.

 कंपनी के भीतर फ्रॉड्स: इस आर्थिक संकट से पैदा वित्तीय तनाव कई कर्मचारियों को अपनी कंपनी को ही चूना लगाने और उसकी संपत्ति को गलत तरीके से इस्तेमाल करने को उकसा सकता है. कंपनी के आंतरिक धोखाधड़ी से अपने हितों की रक्षा के लिए कंपनियों को अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि संगठन अपने कर्मचारियों पर ज्यादाभरोसा करते हैं, जिससे इन नापाक गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है.

सेक्स्टॉर्शन (निजी तस्वीर/वीडियो) संबंधी अपराधों में भारी वृद्धि: यह स्पैम हमले का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है, जहाँ साइबर अपराधी किसी व्यक्ति की निजी तस्वीरों या उनकी यौन गतिविधियों के साक्ष्य होने का दावा करके पैसे ऐंठते हैं. वे किसी के मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हैक कर सकते हैं और उन वीडियो / फोटो की चोरी कर सकते हैं. या फिर वे आपकी फोटो को अश्लील बना सकते हैं। हमलावर आपके दोस्तों और परिवार और नियोक्ता के साथ ऐसे सबूत साझा करने की धमकी देता है और आपसे फिरौती की रकम वसूल सकता है.

नकली दवाइयां / एंटी-कोरोना ड्रग्स: इस महामारी में दवाओं को ले कर कई विज्ञापन, वेबसाइटऔर अन्य प्रकार के कम्युनिकेशन आपके पास आएंगे, जो पूरी तरह से कोविड -19को ठीक करने का दावा करते दिखेंगे. इसके अलावा, इम्यूनिटी को बढ़ावा देने वाले नकली दवाएं ऑनलाइन बाजार में भी दिखाई देंगे. वे नकली वेबसाइटें अंततः कोविड -19 इलाज की संभावना वाले लोगों को लुभाती हैं और उन्हें अग्रिम रूप से ऑनलाइन भुगतान करने के लिए मजबूर करती हैं.

रैनसमवेयर हमलों में वृद्धि: जैसे-जैसे अधिक संगठन दूरस्थ कार्य मोड में शिफ्ट होते जाएंगे, नियमित सिस्टम रखरखाव जैसे अपग्रेड, पैच लगाना, कमजोरियों को ठीक करना आदि जैसे काम में बहुत समस्याएं आती हैं. ऐसे साइबर अपराधियों की बहुत अधिक संभावना है, जो अनपेक्षित कमजोरियों के माध्यम से इस तरह की प्रणालियों तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने की कोशिश करेंगे. रैनसमवेयर सबसे प्रभावी उपय है, जिसका उपयोग वे आपके डेटा को एन्क्रिप्ट करने के लिए कर सकते हैंऔर बिटकॉइन के रूप में मोटी फिरौती मांग सकते हैं.

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