ग्रीनलाइन शिक्षा समिति कर रही अभिभावकों को राशन वितरण

Edit-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 21 जुलाई 2020  – एक तरफ स्कूल वाले बना रहे पेरेंट्स पर फीस का दबाव दूसरी तरफ ग्रीनलाइन शिक्षा समिति कर रह अभिभावकों को राशन वितरण।
ग्रीनलैंड शिक्षा समिति, जो कि गरीब बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में 1986 से कार्यरत है, कोविड-19 महामारी के दौरान उन्हीं बच्चों के घरों में राशन पहुंचाने का काम कर रही है।  सोमवार सुबह ग्रीनलैंड शिक्षा समिति के सदस्यों ने रजनी विहार, 200 फुट बाईपास के आसपास रहने वाले निम्न वर्ग के परिवारों में राशन एवं कपड़ों का वितरण किया।
इस मुश्किल घड़ी में ग्रीनलैंड शिक्षा समिति ने निम्न वर्ग के लोगों की मदद करने के लिए रद्दी-एक आगाज अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत समिति के मेंबर्स घरों, दफ्तरों और बड़े संस्थानों से इकट्ठी की गई रद्दी से राशन जुटा रहे हैं और जिन घरों में जरूरत है उन घरों में राशन व कपड़ों की आपूर्ति करवा रहे हैं।
जयपुर की जनता ने बढ़-चढ़कर रद्दी-एक आगाज़ अभियान को सपोर्ट किया वह ग्रीन एंड शिक्षा समिति के इस प्रशंसनीय कार्य की सराहना की।
 श्री राजेश उत्तमानी,   श्रीमती अनु आचार्य, श्रीमती प्रियंका ,  मुख्य न्यायिक अधिकारी श्रीमती गीता चौधरी, श्री कर्मवीर सिंह ,श्रीमती नीतू गोयल डायरेक्टर जे. द्वारका, डॉ पूजा अग्रवाल वाइस प्रेसिडेंट आर्य  ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस, श्रीमती मीनाक्षी रस्तोगी, श्री सुनील रस्तोगी सीनियर वाइस प्रेसिडेंट स्टील मर्चेंट एसोसिएशन ऑफ जयपुर, श्रीमती कंचन सिंह मैंगो होटल, श्रीमती ज्योति त्रिवेदी, श्रीमती शैल मेहता, श्रीमती स्वाति चोपड़ा, प्रज्ञा सिसोदिया, श्रीमती अनीता मालपानी, श्रीमती शिखा पाराशर, श्रीमती मनोरमा मोदानी, श्रीमती संगीता खंडेलवाल, श्रीमती मधु मालपानी, श्रीमती प्रीति सामोदिया, श्रीमती कल्पना टॉक, श्रीमती मनोरमा मोदानी एवं श्रीमती रितु श्रीवास्तव ने इस मुहिम में अपना योगदान प्रदान किया।
ग्रीनलैंड शिक्षा समिति पिछले तीन दशक से निम्न रेखा वर्ग के उत्थान में लगा हुआ है और इसका परम उद्देश्य बच्चों को शिक्षा प्रदान करवाना वह महिलाओं को सम्मान का जीवन जीना सिखाना है। इस महामारी के दौरान अभी तक समिति मेंबर ढाई सौ घरों में राशन पहुंचा चुके हैं।
समिति के अध्यक्ष श्री हिमांशु सिंह चौहान का कहना है कि उनका सदा यह ही प्रयास रहेगा कि हर बच्चा शिक्षित हो, हर महिला को सम्मान मिले एवं किसी घर का चूल्हा ठंडा ना रहे।

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