आखिर अन्नदाता क्यों होता है परेशान? -सोहनलाल मीणा प्रदेशाध्यक्ष राष्ट्रीय किसान संघटना राजस्थान

Edit-Sohan lal

बांदीकुई 16 सितम्बर 2020 -आखिर अन्नदाता क्यों होता है परेशान? क्यों सरकारों ,जनप्रतिनिधियों,व सरकारी नुमाइंदों को अन्नदाता से कोई सरोकार नही है?।ये कहना है सोहनलाल मीणा प्रदेशाध्यक्ष राष्ट्रीय किसान संघटना राजस्थान वर्तमान राजस्थान सरकार द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में किसानों को फसलों की कीमत में मूल्यवृद्धि,फसल बीमा, ऋण माफी का वादा किया गया था।

तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी के द्वारा भी अपनी चुनावी रैलियों व राजस्थान सरकार के गठन के बाद 10 दिनों में ऋण माफी की बात कही गई लेकिन आज तक किसान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।क्योंकि राजनैतिक दलों द्वारा फसल मूल्यवृद्धि,फसल बीमा, व ऋण माफी के नाम पर केवल वोट बटोरने के सिवाय किसानो से कोई सरोकार नही है।ऐसे सरकार व सरकार में बैठे लोगों को चाहिए कि वे किसानों के दर्द को समझे व तत्काल ऋण माफ करने,फसल बीमा,टिड्डी व लटों से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करवाकर राहत प्रदान कर अन्नदाता को मजबूत करने का कार्य करें।आज भी किसान साहूकारों के कर्ज के बोझ तले दबा पड़ा है।किसानों को कृषि उपकरण,समय पर खाद बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने, फसलों हेतु ऋण उपलब्ध करवाने,फसल बीमा के सफल कियान्वयन करने ,ऋण माफी जैसे कारगर कदम उठाने की आवश्यकता है।समय रहते यदि सरकार के द्वारा इस ओर महत्वपूर्ण कदम नही उठाये तो निकट भविष्य में सरकार को भारी नुकसान उठाने पड़ेंगे।

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