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यूटीआई इक्विटी फंड बाजार धारणा की अपेक्षा व्यक्तिगत सुरक्षा के दर्शन का अनुसरण करता है: अजय त्यागी

Edit0r-Rashmi Sharma

जयपुर 17 सितम्बर 2020 श्री अजय त्यागी, ईवीपी और फंड मैनेजर, यूटीआई एएमसी के अनुसार, कौन सा सेक्टर अगले कुछ तिमाही में अच्छा करेगा या नहीं करेगा, ऐसी धारण के विपरीत निवेशक की सुरक्षा और इस तरह दीर्घकालिक बिजनेस दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान केंद्रित करने के कारण यूटीआई इक्विटी फंड को अपनी कैटेगरी में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिली है और इसने एक अच्छे मार्जिन से बेंचमार्क को हासिल किया है. इस वजह से भी यूटीआई आईटी और फार्मा क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाए हुए है और पिछले छह महीनों में इन सेक्टर्स ने अच्छा रिटर्न दिया है. श्री त्यागी को लगता है कि बिजनेस को ले कर गहन मौलिक शोध किए जाने के बाद,  निवेशक को बेहतर रिटरन पाने के लिए उस पर स्थायी रूप से दृढ़ विश्वास और धैर्य के साथ पकड बनाए रखनी चाहिए.

यूटीआई इक्विटी फंड एक बॉटम-अप दर्शन (बाजार धारणा की अपेक्षा व्यक्तिगत सुरक्षा के दर्शन) का अनुसरण करता है और इसलिए सेक्टोरल वेटेज ही स्टॉक चयन का आधार होता है, बजाए किसी और धारणा के. श्री त्यागी उन बिजनेस को प्राथमिकता देते हैं जो उच्च आरओसीई और उच्च नकदी प्रवाह पैदा कर के आर्थिक मूल्य बनाने की क्षमता रखते हैं. इस शर्त को देखते हुए, अधिकांश निवेश उपभोक्ता वस्तुओं, आईटी, फार्मा, निजी क्षेत्र के बैंकों और ऑटो जैसे क्षेत्रों में होते हैं. समान रूप से, इन विशेषताओं की कमी वाले व्यवसाय में हम कोई निवेश नहीं करते हैं. यही कारण है कि फंड में धातु, तेल और गैस, यूटिलिटी, रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में निवेश नहीं है क्योंकि इन क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक विशेषताओं वाले व्यवसायों को खोजना मुश्किल है. दीर्घकाल में  लोगों को यह पता चलेगा कि फंड पहले तो मजबूत है और उत्तरार्ध में मंदी आ गई.

यूटीआई इक्विटी फंड एक मल्टी-कैप फंड है और यह वास्तव में लार्ज, मिड या स्मॉल कैप में निवेश करने के लिए शानदार फंड है.  फंड अगली कुछ तिमाहियों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले मार्केट-कैप बकेट में नहीं जाता और इसकी जगह यह अपने दर्शन का अनुसरण करता है. यानी यह मार्केट-कैप बकेट्स में सर्वश्रेष्ठ व्यवसायों में निवेश करता है. सेक्टोरल एक्सपोजर की तरह, फंड का मार्केट-कैप एक्सपोजर भी हमारे स्टॉक चयन का आधार है. मिड और स्मॉल कैप के लिए हमारा एक्सपोजर 30-40 प्रतिशत के बीच रहा है और यह भविष्य में भी ऐसा ही बना रहना चाहिए.”

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