फिनोवेशन ने सैंडविक माइनिंग एंड रॉक टेक्नोलॉजी इंडिया प्रा.लि. से पार्टनरशिप की

Editor-Rashmi Sharma

जयपुर 20 अक्टूबर 2020 : सीएसआर डोमेन की एक प्रसिद्ध टेक्निकल रिसर्च एजेंसी इनोवेटिव फाइनेंशियल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड (फिनोवेशन) ने फायटोरमीडिएशन आधारित खनन परियोजना के लिए सैंडविक माइनिंग एंड रॉक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के साथ हाथ मिलाया है। यह भागीदारी उन परियोजनाओं में क्रियान्वित होगी जो राजस्थान के राजसमंद और उदयपुर में संचालित होंगी। फिनोवेशन और सैंडविक ने मिलकर हैदराबाद और पुणे के औद्योगिक क्षेत्रों में इसी तरह की परियोजनाएं शुरू की हैं। यह परियोजना सैंडविक की प्रतिबद्धता का विस्तार है, जिसमें 2030 तक फाइटोरमीडिएशन की प्रक्रिया का लाभ उठाकर कार्बन फुटप्रिंट को कम करना है। संगठनों का उद्देश्य 50,000 पौधे रोपकर टारगेट एरिया की पर्यावरण स्थितियों को सुधारना है।

फिनोवेशन, उदयपुर के गैर-सरकारी संगठन अर्पण सेवा संस्थान के साथ मिलकर ऑन-ग्राउंड एक्टिविटी को मैनेज करेगा और परियोजना के लिए टेक्निकल असिस्टेंस प्रदान करेगा। अर्पण सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. सुभ करन सिंह ने कहा, “टारगेट एरिया में डंपिंग यार्ड के पास 20 हैक्टेयर में 50,000 पौधों का रोपण फाइटोरमीडिएशन की प्रक्रिया में मदद करेगा और मिट्टी, हवा और पानी से दूषित पदार्थों को हटाने और उन्हें नष्ट करने में सहायताकरेगा। यह इसके बदले पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने और जैव विविधता को सुरक्षित रखने में कारगररहेगा।”

इस पहल के बारे में बात करते हुए इनोवेटिव फाइनेंशियल एडवाइजर्स प्रा.लि. के सीईओ डॉ. सौमित्रो चक्रवर्ती ने कहा, “यह पार्टनरशिप सभी स्टेकहोल्डर्स को एक क्षण रुककर जलवायु परिवर्तन के कारणों की पड़ताल करने का  मौका देता है। यह पहल समाज पर एक सकारात्मक प्रभाव और स्थायी भविष्य का रास्ता दिखाने की हमारी प्रतिबद्धताओं को दिखाती है।”

फायटोरमीडिएशन एक इको-फ्रेंडली तरीका है जो पौधों और उनसे जुड़े सूक्ष्मजीवों को पर्यावरण से विषाक्त पदार्थों को निकालने, उन्हें डीग्रेड करने या अलग करने में इस्तेमाल होती है। पेड़ मिट्टी में मौजूद भारी हेवी मेटल प्रदूषकों को अवशोषित या क्षीण करके मिट्टी की स्थिति में सुधार करते हैं और वॉटर टेबल की क्वालिटी को भी नियंत्रित करते हैं। कार्बन सिकस्ट्रेशन के माध्यम से यह कार्बन सिंक बनाता है, जिससे क्षेत्र के एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार करते हुए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है।

 

 

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