टाटा मोटर्स ने भारत के गरीब स्टूडेन्ट्स की इंजीनियर बनने की आकांक्षा को पंख दिये

Editor-Manish Mathur

जयपुर 05 नवंबर 2020  भारत के अग्रणी ऑटोमेकर्स में से एक टाटा मोटर्स एनजीओ अवंती फेलो के साथ मिलकर गरीब स्टूडेन्ट्स के लिए विशेष कोचिंग क्लासेस चला रहा है। साथ ही स्‍टूडेंट्स को एनईईटी, आईआईटी जेईई मेंस और आईआईटी जेईई एडवांस्ड प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए निखारा जा रहा है। इस साल इस प्रोग्राम से कुशलता प्राप्त करने वाले 43 स्टूडेन्ट्स ने आईआईटी जेईई मेंस में सफलता पाई है, जबकि 27 स्टूडेन्ट्स ने आईआईटी जेईई एडवांस्ड पासकिया है। इस साल जेएनवी पुडुचेरी अग्रणी सेंटर के रूप में उभरा है, जिसकी आईआईटी जेईई एडवांस्ड और मेंस में सफलता दर क्रमशः 89 प्रतिशत और 100 प्रतिशत रही है।

कक्षा 11 और 12 के स्टूडेन्ट्स के लिये देशभर के जेएनवी सेंटर्स पर संचालित इस प्रोग्राम का लक्ष्य है ऐसे बच्चों की पहचान और पोषण करना, जिनकी साइंस और टेक्नोलॉजी में रूचि है और उन्हें अपने कॅरियर की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिये समर्थ बनाना। विगत वर्षों में इस प्रोग्राम के ग्रेजुएट्स आईआईटी जॉइंट एंट्रेन्स एक्जामिनेशन लिस्ट में शीर्ष 500 में आए हैं और उन्हें विश्व की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटीज में फुल-टाइम स्कॉलरशिप्स मिली हैं।

इस प्रोग्राम की शानदार उपलब्धि का श्रेय इसके अनोखे पीयर-टू-पीयर लर्निंग एप्रोच और कुशल मेंटर्स द्वारा केन्द्रित तैयारी को जाता है, जिससे स्टूडेन्ट्स को कॉन्सेप्ट्स बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलती है और स्मार्ट तरीके से प्रॉब्लम सॉल्विंग का हुनर मिलता है तथा उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। इस प्रोग्राम से मिली सफलता ने स्टूडेन्ट्स को और कड़ी मेहनत करने और उम्मीद, दृढ़ता तथा कठिन परिश्रम के साथ अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा दी है।

मौजूदा महामारी के बावजूद यह प्रोग्राम वर्तमान में वर्चुअल तरीके से चल रहा है और स्टूडेन्ट्स की सुरक्षा को देखते हुए कोचिंग ऑनलाइन माध्यम से दी जा रही है। देश के 41 स्कूलों के 212 से ज्यादा स्टूडेन्ट्स ऑनलाइन क्लासेस की उपरोक्त बेचिस  में उपस्थित रहने के लिये रजिस्टर्ड हैं।

एनईईटी के हालिया परिणाम भी बहुत उत्साहवर्द्धक रहे हैं- टीएमएल से सहयोग प्राप्त जेएनवी पालघर प्रोग्राम में 23 स्टूडेन्ट्स ने एनईईटी की परीक्षा दी थी, जिनमें से 22 स्टूडेन्ट्स इस परीक्षा में कोलिफाइड  हुए (सिलेक्शन रेट 95 प्रतिशत)।

टाटा मोटर्स के शिक्षा कार्यक्रमों की सफलता के बारे में टाटा मोटर्स के सीएसआर हेड विनोद कुलकर्णी ने कहा,‘‘टाटा मोटर्स परिवार का मानना है कि राष्ट्र-निर्माण के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जरूरी है और इसलिये वह भारत के वंचित स्टूडेन्ट्स के लिये सीखने का एक सुगम वातावरण सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है। अपने प्रोग्राम्स के माध्यम से हमारा लक्ष्य है सीमित संसाधनों वाले टैलेंटेड बच्चों की कॅरियर सम्बंधी आकांक्षाओं को गति देनाजो देश को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे। भविष्य के इन इंजीनियरों की शैक्षणिक यात्रा में सहयोग देना टाटा मोटर्स के लिये अत्यंत गर्व का विषय है। टाटा मोटर्स बदलते समय के अनुसार शिक्षा को उन्नत टेक्नोलॉजी देकर वंचित बच्चों को बेहतर सिखाने वाले प्रोग्राम डिजाइन करता रहेगा और उनमें निवेश जारी रखेगा।’’

इसके अलावा, टाटा मोटर्स वंचित स्टूडेन्ट्स की शिक्षा को सहयोग देने के लिये संसाधनों और संस्थागत सहायता के रूप में देशभर में विभिन्न अन्य पहलें चलाता है। विभिन्न विषयों को कवर करने वाले यह प्रोग्राम माध्‍यमिकसे लेकर उच्‍च शिक्षा स्‍तरों पर कठिन विषयों की कक्षाओं के आयोजन, जीवन की मूल्य-आधारित कुशलताओं के रोपण और अवसंरचना के अभाव को दूर करने के लिये होते हैं, साथ ही खेलों और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है। इसके अलावा, बेहतर प्रदर्शन करने की आकांक्षा रखने वाले स्टूडेन्ट्स के अच्छे प्रदर्शन और उच्च क्षमता के लिये टाटा मोटर्स वित्तीय सहायता भी देता है। इन पहलों से सरकारी स्कूलों का पास परसंटेज साल 2019 के 62 प्रतिशत से बढ़कर पिछले शैक्षणिक वर्ष में 80 प्रतिशत हो गया। स्टूडेन्ट्स का औसत स्कोर 20 प्रतिशत बढ़ा, 44 प्रतिशत से ज्यादा स्टूडेन्ट्स ने कक्षा 10 की अर्द्धवार्षिक परीक्षा में 60 प्रतिशत से ज्यादा अंक अर्जित किये। वित्तीय वर्ष 19-20 में कंपनी द्वारा अपने शिक्षा स्तंभ ‘विद्याधनम्’ के अंतर्गत जो प्रयास किये गये, उससे 1,50,000 से ज्यादा स्टूडेन्ट्स के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।

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