भारत में टेक्नोलॉजी से लैस पहला ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट पेश करने के लिए साथ आए आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और प्लम

Editor-Ravi Mudgal

जयपुर 08 दिसंबर 2020 – प्राइवेट सेक्टर की अग्रणी गैर जीवन बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने देश के तेजी से बढ़ते कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा (Employee Health Insurance) स्टार्ट-अप प्लम के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत भारत के पहले टेक्नोलॉजी समर्थित ग्रुप स्वास्थ्य बीमा (Group Health Insurance) प्रोडक्ट्स की न सिर्फ नए सिरे से परिकल्पना की जाएगी बल्कि इन्हें मिल कर तैयार किया जाएगा।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और प्लम का इरादा नई टेक्नोलॉजी के सहारे ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस के चार अहम क्षेत्रों के कामकाज के मौजूदा तौर-तरीकों को बेहतर बनाने और समस्याओं का समाधान पेश करना है। ये चार क्षेत्र हैं- रियल टाइम प्राइसिंग, ऑन-बोर्डिंग, पॉलिसी प्रबंधन (policy management) और दावे।

भारत में स्वास्थ्य बीमा की पहुंच काफी कम है। देश की जीडीपी का सिर्फ 0।29 फीसदी हेल्थ सेक्टर पर खर्च होता है। कोई आश्चर्य नहीं है कि भारत, इलाज के दौरान मरीज या उसके परिजनों की जेब (Out of packet expense- इलाज के लिए अपनी जेब से खर्च करना, भले ही इसकी भरपाई बाद में नियोक्ता या बीमा कंपनियों से हो जाए) से सबसे ज्यादा खर्च कराने वाले देशों में शुमार है। लिहाजा भारत में स्वास्थ्य बीमा की भारी मांग है। यह मांग पूरी नहीं हो रही है। भारत में हेल्थकेयर पर जितना खर्च होता है उसका सिर्फ 2 फीसदी हेल्थ इंश्योरेंस मुहैया कराने वाली कंपनियां कवर कर पाती हैं।

भारत सकार की ओर हेल्थकेयर सेक्टर में खर्च के कवरेज में इंश्योरेंस कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने के लिहाज से आयुष्मान भारत, आईआरडीएआई की सैंडबॉक्स और नेशनल हेल्थ स्टैक जैसी पहल सही दिशा में उठे कदम हैं। लेकिन जहां तक ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस मार्केट का सवाल है, तो कुल बीमित (Insured) आबादी में 15 फीसदी की हिस्सेदारी और 25 फीसदी की सालाना ग्रोथ वाले इस सेगमेंट में एक तरह से यथास्थिति बनी हुई है। इसे देखते हुए आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और प्लम ने ग्रुप इंश्योरेंस मार्केट का लाभ लेने का लक्ष्य बनाया है। दोनों मिल कर इस सेक्टर में इंश्योरेंस कवरेज को बढ़ाना चाहते हैं।

इस मकसद को हासिल करने में दोनों कंपनियों की साझेदारी इस तरह मददगार साबित होंगीं-

रियल टाइम प्राइसिंग

अमूमन किसी कंपनी को ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस की लागत देने में इंश्योरेंस कंपनियों को पांच दिन से लेकर कुछ हफ्तों का समय लग जाता है। क्योंकि आंकड़ों को देखने, विश्लेषण करने और जोखिम के आकलन का काफी काम मैनुअली करना पड़ता है। लेकिन आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और प्लम ने मिलकर डेटा क्लीनिंग, वैलिडेशन, फर्जीवाड़े का पता करने और अंडरराइटिंग के इर्द-गिर्द एक ऑटोमेटेड प्रोसेस तैयार किया है। इससे कुछ ही मिनटों में लागत निकल आती है। यह वह कीमत है, जिस पर कंपनियों के कर्मचारियों का ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस कराया जाता है।

कंपनियां अब www.plumhq.com पर जाकर अपनी टीम बारे में कुछ सरल सवालों के जवाब पा सकती हैं। यहां उन्हें रियल टाइम में बीमा कराने की लागत पता चल जाएगी। इसके बाद कंपनी अपना डेटा इस पोर्टल पर अपलोड कर पेमेंट कर सकती हैं और इस तरह अपने कर्मचारियों के लिए पॉलिसी को तुरंत एक्टिवेट कर सकती हैं। इससे जिस काम में महीना लग जाता था वह अब घंटों में हो जाएगा।

ऑनबोर्डिंग

कर्मचारियों के हेल्थ इंश्योरेंस (स्वास्थ्य बीमा) के मामले में एक और चुनौती आती है। अक्सर कर्मचारियों को पॉलिसी और इसके फायदों के बारे में पता नहीं होता है। कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए खासा बजट खर्च करती है लेकिन अगर कर्मचारी इसका फायदा न उठा पाएं तो यह कोशिश बेकार चली जाती है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और प्लम ने मिल कर इस मोर्चे पर काम किया है। दोनों की कोशिश से ऐसा ढांचा तैयार किया गया है कि जैसे ही कंपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले उसके कर्मचारी तुरंत ऑनबोर्ड लिए जा सकें। इसके तहत कर्मचारियों को तुरंत डिजिटल ऑनबोर्डिंग प्रोसेस में शामिल किया जाता है। वहां उन्हें सरल अंग्रेजी (बजाय, लंबी कानूनी भाषा में समझाने के) में इंश्योरेंस पॉलिसी के फायदे समझाए जाते हैं।

पॉलिसी प्रबंधन (Policy management)

नियोक्ता कंपनियों के लिए तीसरी बड़ी चुनौती इंश्योरेंस का हिस्सा रहे कर्मचारियों के प्रबंधन का है। तेज तरक्की करती कंपनियों में आजकल कर्मचारी हर दिन बहाल किए जाते हैं। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और प्लम ने एक रियल टाइम एंडोर्समेंट प्रोडक्ट तैयार किया है जो कर्मचारी के ज्वाइन करते ही कंपनी को उनका हेल्थ इंश्योरेंस एक्टिवेट करने की सुविधा देता है। कर्मचारियों को अपना हेल्थ आईडी कार्ड के लिए हफ्तों तक इंतजार नहीं करना पड़ता है।

दावे (Claims)

और आखिर में, पॉलिसी होल्डर को बगैर किसी अड़चन के एक सरल दावा प्रक्रिया (Claim) का अनुभव कराना किसी भी बीमा का सबसे अहम हिस्सा होता है। लिहाजा दोनों कंपनियां एक क्लेम के लिए एक ऐसा ऑनलाइन सबमिशन (क्लेम पेश करने के लिए) टूल विकसित कर रहा है, जो रियल टाइम ट्रैकिंग सिस्टम से लैस है।

कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस मुहैया कराने के मामले में ये चारों प्रोडक्ट इंडस्ट्री में इससे पहले कभी नहीं आए हैं। पहली बार ऐसा हो रहा है। इसका मकसद नियोजक कंपनियों और कर्मचारियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट को ज्यादा से ज्यादा सुविधाजनक बनाना है। उन्हें एक ऐसा प्रोडक्ट मुहैया कराने की कोशिश की जा रही है जो लचीला होन के साथ कीमत के लिहाज से पारदर्शी हो। हमारा मकसद ग्राहकों को बेजोड़ हेल्थकेयर सुविधा का अनुभव कराना है।

आईसीआईसीआई और प्लम ने मिल कर ल़ॉन्चिंग के पहले छह महीने में 100 कंपनियों के कर्मचारियों को इस प्रोडक्ट के दायरे में शामिल करने में सफलता हासिल की है। इनमें फेमपे (Fampay ) स्टेअबोड (StayAbode) पोसिस्ट (Posist) जिनी (Jiny) रेव (Revv) स्विफलर्न (Swiflearn) द लेबल लाइफ (The Label Life) ग्रोफिट (GrowFit )। इनके अलावा एमएनसी  ट्विलियो (Twilio) इंस्टावर्क (Instawork ) और लिविंगो (Livongo ) जैसी स्टार्टअप्स शामिल हैं। लम्बाडा ग्रुप  (Lambda Group), सुनिधि ग्रुप, (Sunidhi Group), रोजमेर्टा (Rosemerta) ग्रुप भी ऑनबोर्ड लिए गए हैं।

दोनों कंपनियों की साझेदारी पर आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस के कार्यकारी निदेशक (Executive Director) आलोक अग्रवाल ने कहा, ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस किसी भी संगठन के कर्मचारी कल्याण फ्रेमवर्क का मुख्य हिस्सा है। यह अभूतपूर्व समय है। कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में यह पहल न सिर्फ हमारे ग्रुप इंश्योरेंस ग्राहकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा में मदद करेगी बल्कि इससे इसके तहत कवर होने वाला हर शख्स एक न्यू नॉर्मल की शुरुआत के लिए सही दिशा में तैयारी कर सकेगा। इसके अलावा यह प्रोग्राम देश के लोगों तक समग्र स्वास्थ्य बीमा की पहुंच बढ़ाने की सरकार की कोशिश में भी सहायता करेगा।

प्लम के को-फाउंडर और सीईओ अभिषेक पोद्दार ने कहा, “ भारत में ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस का बाजार 2025 तक बढ़ कर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।  आने वाले दिनों में इस बाजार में ऐसे इनोवेटिव इंश्योरेंस प्रोडक्ट आएंगे जो विकसित बाजारों में भी उपलब्ध नहीं हैं। हमें उम्मीद है कि हम आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जैसी साझीदार के साथ 70 करोड़ लोगों को नियोजक प्रायोजित इंश्योरेंस मुहैया करा सकेंगे। साथ ही दस लाख कॉरपोरेट्स के लिए एक वास्तविक हेल्थ इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म बन कर उभर सकेंगे।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड हमेशा अपने ग्राहकों को क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी पर आधारित बेहतरीन प्रोडक्ट मुहैया कराने में आगे रही है। यह रणनीतिक साझेदारी इंश्योरेंस कंपनी के अपने लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है। सबसे ज्यादा यह लोगों के स्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर करती है।

About Manish Mathur