आईआईएफएल फाउंडेशन ने 36,000 छात्राओं और 1100 शिक्षकों के साथ मनाया आनंद उत्सव

Editor-Rashmi Sharma

जयपुर 24 दिसंबर 2020 -आईआईएफएल फाउंडेशन ने अपने मिशन ‘सखियों की बाड़ी‘ के सफलतापूर्वक कार्यसंचालन के 4 साल पूरे होने के अवसर पर हाल ही आॅनलाइन प्लेटफाॅर्म के माध्यम से आनंद उत्सव का आयोजन किया। फाउंडेशन राजस्थान में देश के सबसे बड़े बालिका साक्षरता कार्यक्रमों में से एक ‘सखियों की बाड़ी‘ का संचालन करता है। इस साक्षरता कार्यक्रम के तहत 36,000 से ऐसयी लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में लाया गया, जो अब तक स्कूली शिक्षा से दूर थीं।

आनंद उत्सव की मेजबानी आईआईएफएल फाउंडेशन की निदेशक श्रीमती मधु जैन और आईआईएफएल ग्रुप के अध्यक्ष श्री निर्मल जैन ने की गई। इस अवसर पर राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल, सारडा ब्लाॅक की प्रधान श्रीमती बसंती मीणा, पुलिस उपाधीक्षक श्रीमती चेतना भट्टी और राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ शैलेंद्र पंड्या ने अपनी मौजूदगी से समारोह की गरिमा बढ़ाई।

आईआईएफएल फाउंडेशन की निदेशक श्रीमती मधु जैन ने कहा, ‘‘हमारे मिशन की इस कामयाबी के लिए हम राज्य सरकार, ग्रामीण समुदाय, हमारे 1100 शिक्षकों और 36,000 बच्चों के माता-पिता का धन्यवाद करते हैं, जिनके सहयोग के बिना यह संभव नहीं था। हमारा मानना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और आगे जाने के लिए अभी मीलों लंबा रास्ता तय करना है। हमारा मिशन राजस्थान में 100 फीसदी बालिका साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करना है और हम सभी हितधारकों के साथ इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम करेंगे।‘‘

आईआईएफएल फाउंडेशन मुख्य रूप से राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में और वंचित वर्ग के जनजातीय समुदायों के साथ काम करता है। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ कई मामलों में बालिका साक्षरता की दर 10 प्रतिशत से भी कम है।

‘‘साक्षरता के मिशन के साथ न केवल शिक्षा हासिल करना संभव होता है, बल्कि सामाजिक जागरूकता, स्वास्थ्य जागरूकता और छात्राओं के लिए सम्मानजनक माहौल का भी निर्माण किया जाता है। जागरूकता ने समुदायों को बाल विवाह के बुरे प्रभावों को समझने और इससे बचने की समझ दी है, जो इससे पहले इन क्षेत्रों में एक सामान्य बात हुआ करती थी।‘‘

आनंद उत्सव में क्षेत्र के 200 से अधिक छात्रों ने प्रदर्शन किया। बाल कल्याण समिति के पूर्व सदस्य श्रीमती राजकुमारी भार्गव, समाज विज्ञानी श्री बीरेन लोबो और महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, लूणकरनसर, बीकानेर की प्रधानाचार्या श्रीमती मीनाक्षी सुधन ने निर्णायक की भूमिका निभाई।

इस समारोह में शामिल अन्य गणमान्य लोगों में श्रीमती रिचा औदिच्य, निदेशक, जनचेतना संस्थान, श्री रवि बघेल, सीईओ, सृष्टि सेवा समिति, श्रीमती गीता मेनन, श्री राजीव शिंदे और आईआईएफएल फाउंडेशन के श्री साहिल हामिद के नाम प्रमुख हैं। श्री प्रवीण पनेरी ने पूरे कार्यक्रम को खूबसूरती से प्रस्तुत किया।

आईआईएफएल फाउंडेशन को अपने सफल बालिका साक्षरता कार्यक्रम के लिए कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। फाउंडेशन ने सीएसआर के लिए एशिया वन गोल्डन पीकॉक अवार्ड प्राप्त किया है, जिसने फाउंडेशन को ‘इंडियाज ग्रेटेस्ट सीएसआर ब्रांड‘ के तौर पर मान्यता दी है। गोल्डन ग्लोब टाइगर्स इंटरनेशनल अवार्ड्स ने सखियों की बाड़ी कार्यक्रम को महिला सशक्तिकरण पुरस्कार प्रदान किया। नेशनल अवार्ड फाॅर सीएसआर एक्सीलैंस के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में फाउंडेशन के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता दी गई है, जबकि सखियों की बाड़ी कार्यक्रम को ‘बेस्ट सीएसआर इम्पैक्ट इनिशिएटिव अवार्ड‘ हासिल हुआ। कर्मा अवार्ड्स ने सखियों की बाड़ी कार्यक्रम को मोस्ट प्राॅमिसिंग सीएसआर प्रोग्राम के रूप में मान्यता दी।

फाउंडेशन की निदेशक मधु जैन ने गोल्डन ग्लोब टाइगर्स इंटरनेशनल अवार्ड्स 2020 में सीएसआर लीडरशिप अवार्ड और सीएसआर 2020 में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए हैं। जबकि ग्लोबल सीएसआर कांग्रेस ने उन्हें 2020 में वुमन सीएसआर लीडर ऑफ द ईयर के रूप में मान्यता दी है।

About Manish Mathur