एक से भले दोः लैंगिक समानता को बढ़ावा देने से सतत विकास को कैसे गति मिलेगी

Editor-Rashmi Sharma

जयपुर 16 जनवरी 2021  -इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस फॉर जेंडर इक्वालिटी (आईसीजीई/ International Conference for Gender Equality –ICGE) यूएन विमेन के साथ जेंडर पार्क (Gender Park) की एक पहल, में, 50 से अधिक वक्ताओं के हिस्सा लेने की उम्मीद है। आईसीजीई ( ICGE) लैंगिक एवं विकास संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने का एक ऐसा मंच है जो विभिन्न विषयों के विश्व प्रसिद्ध विशेषज्ञों को एक साथ लाता है। सबसे पहला कॉन्फ्रेंस 2015 में आयोजित किया गया था और जेंडर पार्क (Gender Park) 11 फरवरी से शुरु होकर 13 फरवरी 2021 तक चलने वाले इसके अगले संस्करण का आयोजन, जेंडर पार्क कैंपस में करने को पूरी तरह से तैयार है (डिजिटल और ऑनसाइट दोनों प्रारूप में होगा)। इसका उद्देश्य विश्वस्तरीय विद्वानों, डॉक्टरों, नीति निर्माताओं और पेशेवरों को एक ही मंच पर लाना और सतत उद्यमिता एवं सामाजिक व्यवसाय में लैंगिक सशक्तिकरण की भूमिका का पता लगाना है।

केरल सरकार द्वारा 2013 में स्थापित जेंडर पार्क (Gender Park), लिंग–आधारित मुद्दों को सुलझाने वाले कार्यों के माध्यम से लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम में हैं और मुख्य कैंपस कोझीकोड में। जेंडर पार्क (Gender Park) एक ऐसा मंच है जो अनुसंधान, नीति विश्लेषण, पक्ष समर्थन और अन्य पहलों के लिए संपर्क बिन्दु के रूप में काम करता है।

एक ऐसे समाज के निर्माण हेतु काम करने की प्रतिबद्धता के साथ जिसमें सभी लिंग के लोगों के लिए एक समान अवसर मिलें, संसाधन और लाभ मिलें, जेंडर पार्क (Gender Park) ने कई पहलों और कार्यक्रमों की शुरुआत की है। इनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित  ‘She Taxi/ शी टैक्सी’ भी शामिल है। परियोजना ने टैक्सी संचालकों के गैर परंपरागत बाजार में प्रवेश किया और महिलाओं को “महिला के लिए– महिला द्वारा” सेवा मॉडल में उद्यमी बनाया। तब से पूरे विश्व में इस परियोजना की कई बार प्रशंसा की गई है। जेंडर पार्क (Gender Park) द्वारा की गई एक और उल्लेखनीय पहल है फेलोशिप प्रोग्राम ऑफ वुमेन इन सस्टेनेबल आंत्रप्रेन्योरशिप (Fellowship program of Women in Sustainable Entrepreneurship– WiSE)। कार्यक्रम का उद्देश्य उद्यमों की स्थापना, संचालन और आगे बढ़ाने के लिए चुने गए फेलो के ज्ञान, कौशल एवं नजरिए को सशक्त बनाना। इन पहलों के अलावा, जेंडर म्यूजियम (जेंडर संग्रहालय/ Gender Museum) और जेंडर लाइब्रेरी (जेंडर पुस्तकालय/ Gender Library) सभी के लिए नारीवादी दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से इतिहास, पुरालेखीय कार्यों, साहित्य से जोड़ने वाला स्थान बनने को तैयार हैं।

हाल ही में, यूएन विमेन (बहु राष्ट्रीय कार्यालय, दिल्ली), जो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था है, ने, जेंडर पार्क (Gender Park ) के साथ एक समझौता किया है। समझौते के तहत जेंडर पार्क (Gender Park)  लिंग आधारित गतिविधियों के लिए दक्षिण एशियाई हब के रूप में काम करेगा। यूएन विमेन जेंडर पार्क (Gender Park) की प्रतिष्ठित परियोजनाओं जैसे इंटरनेशनल विमेन्स ट्रेड सेंटर (iWTC), विमेन इन सस्टेनेबल आंत्रप्रेन्योरशिप फेलोशिप प्रोग्राम और आईसीजीई–।। में भी सहयोग करेगी।

कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण, नए एवं स्थायी समाधान के लिए प्रयास करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। कोविड– 19 के आर्थिक प्रभाव के कारण बेरोजगारी बहुत अधिक बढ़ी है और इसने महिलाओं को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। महिलाओं को घर के काम–काज, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में लैंगिक असमानताओं का सामना करना पड़ रहा है। लैंगिक समानता के लिए इस महामारी के कारण मिले झटकों से उबरने के लिए जेंडर पार्क (Gender Park) जैसे संगठन अर्थव्यवस्थाओं में महिलाओं को केंद्र में रखने की जरूरत पर जोर दे रहें हैं ताकि विकास के बेहतर और अधिक स्थायी परिणाम मिल सकें और अधिक तेजी से आर्थिक सुधार हो।

आईसीजीई की पहली बैठक में लिंग, प्रशासन एवं समावेशन पर मुख्य रूप से बात की गई थी परिणामस्वरूप केरल राज्य ट्रांसजेंडर नीति, 2015 को आधिकारिक रूप से जारी किया गया था। आईसीजीई–।। सतत विकास में लैंगिक समानता की भूमिका को बताने के लिए बिल्कुल सही समय पर आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में लैंगिक समानता, उद्यमिता (आंत्रप्रेन्योरशिप) औऱ सतत विकास के क्षेत्र की कई प्रमुख हस्तियां, शोधकर्ता और प्रख्यात कार्यकर्ता एक साथ आएंगे। मुख्य भाषण डॉ. जयती घोष द्वारा दिया जाएगा। डॉ. घोष जानीमानी विकास अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के सेंटर फॉर इकोनॉमिक स्टडीज़ एंड प्लानिंग की अध्यक्ष हैं। सम्मेलन में कई होनहार वक्ताओं को शामिल किया जाएगा, जो मुख्य रूप से उद्यमिता एवं स्थिरता का एक दूसरे से संयोजन में देखे जाने की आवश्यकता पर चर्चा करेंगे। सामाजिक एवं सतत रूप से जिम्मेदार व्यवसायों को आगे बढ़ाने एवं नीति आयोग के सतत विकास सूचकांक में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने को ध्यान में रखते हुए यह सम्मेलन कालीकट में आयोजित किया जा रहा है।

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