वेटरनरी यूनिर्वसिटी टे्रनिंग एण्ड रिर्सच सेंर्टस का किया सरल नामकरण, अब ‘पशु विज्ञान केन्द्र’ कहलाएंगे

Editor-Manish Mathur
जयपुर, 20 जनवरी 2021 – पशुपालकों को वैज्ञानिक ढंग से पशु पालने का प्रशिक्षण देने के लिए स्थापित वेटरनरी यूनिर्वसिटी ट्रेनिंग एण्ड रिर्सच सेंटर (वीयूटीआरसी) अब ‘पशु विज्ञान केन्द्र’ के नाम से जाने जाएंगे।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (राजुवास), बीकानेर के अन्र्तगत वैज्ञानिक पशुपालन प्रशिक्षण के लिए राज्य में बाकलिया (नागौर), सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर), कुम्हेर (भरतपुर), डूंगरपुर, टोंक, चूरू, बौजुन्दा (चित्तौड़गढ़), कोटा, सिरोही, धौलपुर, लूनकरणसर (बीकानेर), जोधपुर, झुंझुनूं, जालौर एवं झालावाड़ में वीयूटीआरसी केन्द्र स्वीकृत हैं। इन केन्द्रों का मुख्य उद्देश्य जिला स्तर पर वैज्ञानिक प्रशिक्षण, सलाहकारी सेवाएं, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और पशु रोग निदान परार्मश सेवाएं प्रदान करना है।
श्री कटारिया ने बताया कि वीयूटीआरसी नाम बोलचाल में थोड़ा कठिन होने से आम किसानों एवं पशुपालकों की जुबान पर सिरे नहीं चढ़ पाया है,  इसलिए इसका संक्षिप्त व सरल नामकरण करने की आवश्यकता महसूस हो रही थी। इसी को दृष्टिगत रखते हुए इनका नामकरण कृषि विज्ञान केन्द्र की तर्ज पर “पशु विज्ञान केन्द्र“ किया गया है। यह अत्यंत व्यावहारिक और आमजन में बोलचाल की भाषा में सरल एवं प्रभावी रहेगा। यह नामकरण उन्नत और वैज्ञानिक पशुपालन की स्वप्रेरणा देने वाला है, जो कि केन्द्र के व्यापक उद्देश्यों का अहसास करवाता है। साथ ही लोगों के बीच केन्द्र की लोकप्रियता बढ़ाने में भी सहायक होगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इन केंद्रों के सुचारू संचालन एवं विकास के लिए इस वर्ष राज्य मद से 3 करोड़ 31 लाख रुपए की बजट राशि का प्रावधान किया है।
 श्री कटारिया ने उम्मीद जतायी कि राज्य सरकार की ओर से इसकी स्वीकृति मिलने से केन्द्र के उद्देश्य भी स्वतः परिलक्षित होंगे। प्रदेश में पशु कल्याण के लिए राज्य सरकार व विश्वविद्यालय का यह आयाम और अधिक प्रभावी हो सकेगा, साथ ही राज्य सरकार के पशु कल्याण के उद्देश्य की भी र्पूति करेगा।

About Manish Mathur