नई शिक्षा नीति में सामुदायिक विज्ञान पाठ्यक्रम में बदलाव द्वारा रोजगार की अपार सम्भावनाएः डॉ नरेंद्र सिंह राठौड़

Editor-Ravi Mudgal 

जयपुर 11 फरवरी 2021 महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की संघटक ईकाई सामुदायिक एवम व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय, उदयपुर में ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सामुदायिक विज्ञान का परिपेक्ष्य’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालय के 110 शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति डॉ नरेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सामुदायिक विज्ञानं के क्षेत्र में शिक्षण, अनुसन्धान, प्रसार एवं उद्यमिता विकास में कई अवसरों के साथ चुनोतियाँ भी हैं जिन्हे पाठ्यक्रम में वांछित बदलाव द्वारा सुदृढ़ किया जा सकता हैं । उन्होंने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में सामुदायिक शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की महत्ती आवश्यकता हैं । उन्होंने इस क्षेत्र में रोजगार आधारित नए सर्टिफिकेट व् डिप्लोमा पाठ्यक्रम एवं स्नातक स्तर पर स्टूडेंट रेडी कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वन पर जोर दिया ।

महाविद्यालय की अधिष्ठाता डाॅ. मीनू श्रीवास्तव ने बताया कि सामुदायिक विज्ञानं शिक्षा समाज के सर्वांगीण विकास में उपयोगी हैं जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार  नई दिशा देने की आवश्यकता हैं ।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रो. ए. शारदा देवी पूर्व अधिष्ठाता, सामुदायिक विज्ञानं महाविद्यालय, हैदराबाद ने कहा कि सामुदायिक शिक्षा में वे सभी विषय सम्मिलित हैं जो नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक हैं ।उन्होंने बताया कि छात्रों में व्यावसायिक दृष्टिकोण, सतत नेतृत्व, तकनीक आधारित शिक्षा, शिक्षण एवं प्रशिक्षण में उद्यमियो की भागीदारी, फिनिशिंग स्कूल, कैंपस साक्षात्कार, नवाचारों के प्रोत्साहन एवं प्रबंधन एवं  छात्रों की भागीदारी द्वारा व्यावसायिक इकाइयों के संचालन, आदि द्वारा सामुदायिक शिक्षा को सुदृढ़ किया जा सकता हैं  ।

डाॅ. अजय शर्मा, डीन, सीटीएई तथा पी,आई, आई.डी.पी. ने कहा कि नई शिक्षा नीति में उल्लेखित मल्टीपल एंट्री व एग्जिट  को लागू करने के लिए पाठ्यक्रम में उचित बदलाव आवश्यक हैं । उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों के सर्वांगीण व्यक्तिगत विकास हेतु महाविद्यालय स्तर पर साहित्यिक, संगीत , कला गतिविधियों को सम्मिलित करना महत्वपूर्ण हैं ।

डॉ एस. के. शर्मा, अनुसन्धान निदेशक ने कहा कि सामुदायिक विज्ञान शिक्षा पाठ्यक्रम में परिवर्तन के साथ ही शिक्षकों में कौशल विकास व आधारभूत सुविधाओं पर भी जोर देना आवश्यक हैं ।उन्होंने ये भी बताया कि सामुदायिक विज्ञानं स्नातक कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व गतिविधियों में अहम् भूमिका निभा सकते हैं ।

इस वेबिनार के आयोजन सचिव प्रो. धृति सोलंकी एवं  प्रो. राजश्री उपाध्याय व् समन्वयक प्रो. रेणु मोगरा व डॉ सरला लखावत थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ मंजू तिवारी व डॉ विशाखा शर्मा ने किया ।

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