Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 05 फरवरी 2021 – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर द्वारा आयोजित 5 दिवसीय समन्वित कृषि प्रणाली विषय पर प्रशिक्षण के समापन समारोह में निदेशक, प्रसार शिक्षा डाॅ. एस.एल. मून्दड़ा ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षणार्थियों से आव्हान किया कि वे प्रशिक्षण में दिये गये ज्ञान के आधार पर अपनी खेती को समन्वित कृषि प्रणाली में परिवर्तित करें। इस हेतु फसल विविधिकरण, कृषि मशीनीकरण, उन्नत पशुपालन, मुर्गीपालन, मत्स्य पालन, खरगोश पालन आदि विषयों पर अपना ज्ञान बढ़ाए एवं नवीनतम तकनीकीयों को अंगिकार कर अपनी आय वृद्धि करें। साथ ही वे सभी किसान अपने क्षेत्र में बदलाव अभिकर्ता के रूप में कार्य करते हुये अन्य किसानों की सहायता कर सकते हैं।
प्रशिक्षण समन्वयक डाॅ. लतिका व्यास ने बताया कि राज्य स्तरीय आत्मा प्रायोजित इस प्रशिक्षण में राजसमन्द जिले के कुल 30 कृषकों ने भाग लिया जिन्हें सैंद्धातिक एवं प्रायोगिक जानकारियां विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा प्रदान की गयी। फार्मर टू फार्मर इंटएक्सन में प्रगतिशील कृषक जनाब अबास अली डूंगरपुर से किसानों को रूबरू कराया।
आज ही बाॅयोफ्यूल आॅथेरेटी, राजस्थान सरकार द्वारा प्रायोजित ’’वृक्ष मूल तैलीय पौधों की उत्पादन तकनीक’’ पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का भी समापन हुआ जिसमें परियोजना के मुख्य अन्वेक्षक प्रसार शिक्षा निदेशालय के आचार्य डाॅ. पी.सी. चपलोत ने बताया कि इस प्रशिक्षण में राजीविका की 40 महिलाओं एवं 10 कृषकों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में श्री आर.के. जैन, क्षेत्रीय वन अधिकारी, श्री एम.पी. माथुर एवं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने भी अपना उद्बोधन द्वारा किसानों को लाभान्वित किया।
पत्रिका जगत Positive Journalism