ग्रामीण बाजारों में ट्रैक्टर ऋण पर ध्यान केंद्रित करेगा डीसीबी बैंक

Editor-Manish Mathur 

जयपुर 11 फरवरी 2021  -निजी क्षेत्र का नए दौर का बैंक- डीसीबी बैंक विशेष रूप से छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में ग्राहकों को कस्टमाइज्ड ट्रैक्टर ऋण दे रहा है। पिछले साल इस सेगमेंट में मांग में अच्छी वृद्धि देखी गई थी।

ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय संभावनाओं के बारे में बैंक का नजरिया सकारात्मक है, जैसा कि वित्त वर्ष 2021 में दूसरी तिमाही में हुई बिक्री से स्पष्ट है। बैंक को व्यापार में वृद्धि की उम्मीद भी है। आम तौर पर ट्रैक्टर ऋण व्यवसाय बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि मौसम कैसा रहता है और फसल की बुवाई का रकबा कितना रहा है। जैसा कि हाल ही में जारी क्रिसिल की रिपोर्ट बताती है, महामारी के बावजूद वित्त वर्ष 2011 की पहली छमाही में ट्रैक्टर की बिक्री में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अच्छे मानसून और बेहतर फसल के कारण आम तौर पर किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होती है और इसे देखते हुए ट्रैक्टर की मांग के बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होता है।

ट्रैक्टर ऋणों का लाभ उठाने के लिए खरीदारों के घरों तक सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करने से पहले डीसीबी बैंक भावी ग्राहकों को धैर्यपूर्वक स्पष्ट रूप से इस बारे में समझाने का प्रयास करता है। ऋण प्रक्रिया को आसानी से पूरा करने के लिए ग्राहकों, मुख्य रूप से किसानों और कृषि-व्यवसाय उद्यमियों की केवाईसी की प्रक्रिया कराई जाती है, ताकि सरलता से ऋण का वितरण हो सके। इस प्रक्रिया में होने वाली देरी से बचने और शाखा में बार-बार आने से बचने के लिए, बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर संभावित खरीदारों से उनके घरों, खेतों या मंडियों में मुलाकात करते हैं।

डीसीबी बैंक का ट्रैक्टर ऋण अनूठी विशेषताओं के साथ आता है।

उदाहरण के लिए, ऋण प्राप्त करने वाला किसान अपने कैश फ्लो के आधार पर ऋण चुकौती को कस्टमाइज कर सकता है। उधारकर्ता चाहे तो परिसंपत्ति (ट्रैक्टर, इस मामले में) और कृषि सीजन (जब वह कटी हुई फसल को बेचने और अधिक आय अर्जित करने की उम्मीद करता है) के उपयोग के आधार पर अग्रिम में पुनर्भुगतान की योजना बना सकता है। यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक किसान की आय परिवर्तनशील है और फसल के मौसम के साथ मिलकर चलती है। एक बार ऋण स्वीकृत हो जाने के बाद, बैंक की मुफ्त एसएमएस सेवा के माध्यम से ग्राहक को ऋण चुकाने की नियत तारीखों के बारे में याद दिलाया जाता है।

यहां तक कि एक एकड़ कृषि भूमि का मालिकाना हक रखने वाले किसान भी ट्रैक्टर ऋण के लिए आवेदन करने के पात्र हैं, बशर्ते उनके पास सभी जरूरी दस्तावेज हों। डीसीबी बैंक उन ग्राहकों के लिए भी तत्काल सेवा प्रदान करता है जो अधिक मार्जिन या प्रारंभिक डाउन-पेमेंट प्रदान करते हैं। इस तरह पात्र ग्राहक को केवल तीन कामकाजी दिनों के भीतर ऋण वितरित किया जाता है।

डीसीबी बैंक के एग्री एंड इनक्लूसिव बैंकिंग के हैड नरेंद्रनाथ मिश्रा ने कहा, ‘‘हाल के दौर में ट्रैक्टरों की बिक्री में तेजी देखी जा रही है, इसने प्रमुख बाजारों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। आने वाले महीनों में ट्रैक्टर बाजार में तेजी बनी रहने की उम्मीद है। हमारे बैंक की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले ट्रैक्टर ऋणों की बहुत मांग है। ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से कृषक समुदाय की ओर से लगातार मांग आ रही है। सरकार की कृषि संबंधी पहल, विशेष रूप से डायरेक्टर बेनिफिट मैकेनिज्म, संपत्ति के लिए स्वामित्व कार्ड, बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए नवीन खेती समाधान जैसी योजनाएं जारी रहेंगी। निश्चित तौर पर इससे कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। आगे बढ़ते हुए, डीसीबी बैंक अर्ध-शहरी और ग्रामीण ग्राहकों के लिए अन्य ऋण उत्पादों जैसे किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और गोल्ड लोन के अलावा ट्रैक्टर ऋणों पर ध्यान केंद्रित करेगा।’’

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