स्टुअर्ट ने अपनी माँ के बारे में बताया, जिन पर उनकी किताब का किरदार एग्नेस आधारित है| उन्होंने किरदार की गहराई में उतरते हुए, उसकी अपनी माँ के साथ समानताएं बताईं – जैसे एग्नेस को भी उनकी माँ की तरह ही शराब की लत थी, और जब स्टुअर्ट की उम्र महज 16 साल थी, तो उनकी माँ ने अपनी इस लत के सामने घुटने टेक दिए| स्टुअर्ट ने बताया कि ग्लासगो में उनकी माँ की थैरेपी का दौर स्टुअर्ट के लिए बहुत ख़ास था, और वो भी दूसरे पीड़ित व्यक्तियों के बच्चों की तरह हमेशा यही सोचा करते थे कि किस तरह अपनी माँ की ये लत छुड़ाई जाए|
सत्र में उनके इस आत्मकथात्मक उपन्यास के विषय में विस्तार से चर्चा हुई| उपन्यास में स्टुअर्ट के स्कूल का समय है, जब उन्हें बुरी तरह से चिढ़ाया जाता था, हीनता की भावना से संघर्ष के बारे में है, और नशे के शिकार व्यक्ति के बच्चों की मनोस्थिति का वर्णन है| जब पॉल मैकवे ने उपन्यास के नायक, शगी की किशोरावस्था के समय की तन्हाई के बारे में पूछा, तो स्टुअर्ट ने स्वीकार किया कि शगी अपनी पहचान को लेकर दुविधा में था, और उसने पौरुषता को नकारा नहीं था; बल्कि उसे स्वीकारे जाने की इच्छा थी| स्टुअर्ट ने माना कि वो किरदार ‘सहज’ नहीं था; उसने हमेशा अपनी गरीबी, सेक्सुअलिटी और एग्नेस की भावनाओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की|
सत्र के अंत में, मैकवे ने पूछा कि इतने ‘निर्मम, कठिन हालातों’ में प्यार कैसे उभरा| स्टुअर्ट ने धीमे से स्वीकार किया कि प्यार ही इस किताब रीढ़ रहा – वो प्यार जिसमें कोई सवाल नहीं, कोई शर्त नहीं, ये वो प्यार है, जो बच्चे अपने दोषपूर्ण अभिभावक को करते हैं| “प्यार ही मेरे लिए इस किताब को लिखने की वजह बना,” स्टुअर्ट ने कहा|
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2021 का आयोजन इस ख़ास वर्चुअल प्लेटफार्म पर 28 फरवरी तक होगा|
पत्रिका जगत Positive Journalism