राज्य की हर जेल में कैदियों का होगा कौशल प्रशिक्षण: डॉ नीरज के पवन

Editor-Dinesh Bhardwaj
जयपुर 22 फरवरी 2021 – ,जयपुर। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की ओर से सोमवार को जेएलएन मार्ग स्थित प्रेम निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय, मानव सेवा संघ में नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़े कौशल कार्यक्रमों का उद्घाटन किया गया। इन कौशल कार्यक्रमों का उद्घाटन ​आरएसएलडीसी के अध्यक्ष डॉ. नीरज के पवन ने किया। इस अवसर पर आरएसएलडीसी के उपमहाप्रबंधक श्री आरके जैन एवं उपमहाप्रबंधक तृतीय डॉ. मुक्ता अरोड़ा भी उपस्थित रही।
आरएसएलडीसी ने विशेष कार्यक्रमों के अंतर्गत मानव सेवा संघ के साथ इस कौशल कार्यक्रम की शुरूआत की है। मानव सेवा संघ की सचिव डॉ. मीना गर्ग ने बताया कि इस कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम को मुख्यत: समाज के अत्यंत पिछड़े वर्ग हेतु समाज सेवा के उदृेश्य शुरू किया गया है। यहां पर जयपुर की अलग—अलग कच्ची बस्तियों से युवाओं को मोबलाइज किया गया है। इस सेंटर पर ब्यूटी कल्चर, जनरल ड्यूटी असिसटेंट, डोमेस्टिक डाटा एंट्री आॅपरेटर, योगा एंड नेचुरोपैथी आदि कोर्सेज की शुरूआत की गई है। अभी यहां 120 प्रशिक्षाथियों का कौशल प्रशिक्षण करवाया जाएगा।
सेंट्रल जेल में शुरू हुआ कौशल प्रशिक्षण
सोमवार को आरएसएलडीसी के नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत घाटगेट स्थित केन्द्रीय कारागार में भी कौशल कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इस कौशल कार्यक्रम का उद्घाटन आरएसएलडीसी के चैयरमेन डॉ. नीरज के पवन एवं जेल विभाग के डॉयरेक्टर जनरल श्री राजीव दासोत ने संयुक्त रूप से किया।
केन्द्रीय कारागार में जेल कैदियों को एंबियेंस केरला आयुर्वेदिक क्लिनिक एंड पंचकर्मा द्वारा नेचुरोपैथी का कोर्स करवाया जाएगा। एंबियेंस आयुर्वेदिक क्लिनिक की निदेशक श्रीमती दीपा ने बताया कि इससे पहले कोटा के कारागार में भी जेल कैदियों के लिए इस तरह का कोर्स संचालित किया जा चुका है। यहां पर जेल कैदियों को प्रशिक्षित करने के साथ ही गंभीर रोगों से पीड़ित बंदियों का नेचुरोपैथी द्वारा उपचार भी किया जाएगा।
राज्य की हर जेल में शुरू होंगे कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम
इस अवसर पर डॉ. नीरज के पवन ने बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि आरएसएलडीसी की मंशा है कि राज्य के प्रत्येक जिले के हर कारागार में बंदियों की रूचि के हिसाब से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएं। इन कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से बंदीजन आत्मनिर्भर बन सकेंगे एवं जेल से बाहर निकलकर एक बेहतर जीवन यापन कर सकेंगे।

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