अच्छे स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती: आज की आवश्यकता

Editor-Manish Mathur

जयपुर 14 मार्च 2021  – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के जैविक खेती ईकाइ पर राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी जोधपुर से 94 नवनियुक्त न्यायिक अधिकारियों के दल केा भ्रमण कराया गया।  डाॅ. एस. के. शर्मा, निदेशक अनुसंधान ने जैविक खेती इकाई पर स्वागत कर बताया कि कृषि अनुसंधान में स्वास्थ्यवर्धक खाद्यों एवं मृदा उत्पादकता को टिकाऊ बनाने वाले उपायों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, फलों, सब्जियाँ एवं बीजीय मसालों में 60 से ज्यादा कीटनाशक अवशेषों का पाया जाना, पर्यावरण प्रदूषण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न होना एक चिंता का विषय हैं। अतः जैविक खेती मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।

डॉ दिलीप सिंह, अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय ने कृषि महाविद्यालय की विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों के बारे में न्यायिक अधिकारियों को अवगत कराया। डॉ. एस. एल मूंदड़ा निदेशक प्रसार शिक्षा ने विश्वविद्यालय के अंतर्गत विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से विभिन्न जिलों में किए जा रहे प्रसार कार्यों से अवगत कराते हुए बताया कि विश्वविद्यालय किसानों की खेती से संबंधित समस्याओं पर अनुसंधान कर कृषि तकनीकी को किसानों तक पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है । अकादमी जोधपुर से सुश्री पूनम डर्गन अतिरिक्त निदेशक (शैक्षणिक), श्री गणपति बिश्नोई, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) एवं श्री अनुतोष गुप्ता, उपनिदेशक (कोर्स डायरेक्टर) भी साथ रहे । राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर में भ्रमण दल की अगुवाई करते हुए डॉ एम. के कौशिक, विभागाध्यक्ष, शस्य विज्ञान विभाग तथा डॉ आर. एस.
चौधरी, सहायक आचार्य ने महाविद्यालय एवं प्रसार शिक्षा निदेशालय की विभिन्न इकाइयों का भ्रमण करवाया ।
डाॅ. एस. के. शर्मा

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