उषा चौमार और आशा झा को ब्रिक्स सीसीआई डब्ल्यूइ रूरल वुमेन एम्पावरमेंट अवार्ड्स से सम्मानित किया गया

Editor-Ravi Mudgal

जयपुर 14 मार्च 2021  – श्रीमती उषा चौमार, अध्यक्ष, सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन और श्रीमती आशा झा, मधुबनी पेंटिंग आर्टिस्ट और ग्रामीण उद्यमी को आज राजधानी में आयोजित ब्रिक्स सीसीआई वूमेन फॉर आत्मनिर्भर भारत  सम्मेलन में ब्रिक्स सीसीआई डब्ल्यू इ ग्रामीण वुमेन एम्पावरमेंट अवार्ड्स से सम्मानित किया गया। श्री संबित पात्रा, माननीय सांसद, राज्य सभा, श्री राम मोहन मिश्रा, सचिव, महिला और बाल विकास मंत्रालय, सोनल गोयल, विशेष स्थाई आयुक्त, त्रिपुरा भवन और श्रीमती संगीता गुप्ता, सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त ने श्री बी.बी.एल मधुकर, महानिदेशक, ब्रिक्स सीसीआई, श्री विश्वास त्रिपाठी, चेयरमैन ब्रिक्स सीसीआई, श्री समीप शास्त्री,  उपाध्यक्ष, ब्रिक्स सीसीआई, सुश्री शबाना नसीम, अध्यक्ष, ब्रिक्स सीसीआई वी, सुश्री रूबी सिन्हा, संयोजक ब्रिक्स सीसीआई, मानद निदेशक (बिजनेस एडवाइजरी), ब्रिक्स सीसीआई और अन्य प्रख्यात हस्तियों की उपस्थिति में विभिन्न क्षेत्रों के ग्रामीण उद्यमियों और अन्य महिलाओं को सम्मानित किया गया।

भारत ने 2021 में तीसरी बार ब्रिक्स की अध्यक्षता संभाली है। ब्रिक्स समानता, पारस्परिक समझ, विश्वास और सम्मान की भावना पर आधारित है। यह काफी लम्बे समय से चुनौतियों के लिए समावेशी और नये समाधान प्रदान करता आया है। ब्रिक्स की अध्यक्षता के दौरान भारत अन्य प्रमुख क्षेत्रों को देखते हुए, महिला व्यापार गठबंधन की दिशा में  भी काम करेगा। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महिला उद्यमियों की भूमिका और सम्मानजनक और महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत ’कार्यक्रम में उनकी भागीदारी को दर्शाने के लिए, ब्रिक्स सीसीआई महिला विंग एक  दिन का शिखर सम्मेलन आयोजित किया। यह आयोजन प्रख्यात हस्तियों द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिन्होंने महिला उद्यमियों और पेशेवरों पर अपने विचारों  को साझा किया। जो की कोविड के बाद के युग में भारत की विकास की कहानी का केंद्र था।

श्री संबित पात्रा ने अपने संबोधन में कहा, “मिशन शक्ति (2002) महिला सशक्तिकरण का सबसे मजबूत उदाहरण है। महिला उद्यमिता के लिए सरकार से  80 लाख महिलाओं ने धन प्राप्त किया। जिससे, यह साबित होता है कि महिलाएं ब्रेड-मेकर के साथ साथ ब्रेड-विनर दोनों हो सकती हैं, जो उनकी आत्म शक्ति  का एक सटीक उदाहरण हैं।

श्री राम मोहन मिश्रा ने कहा, ‘जब हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, तो सबसे पहले सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलुओं पर एक साथ काम करने के अवसर प्रदान करना ज़रूरी  है। इसके साथ ही टिकाऊ विकास की उपलब्धि के लिए भी यह आवश्यक है। ”

श्रीमती सोनल गोयल ने कहा, “जब हम  एक महिला को सशक्त करते हैं, तो हम पूरे परिवार और उनके आसपास के पूरे समाज को सशक्त बनाते हैं। सही मायने में महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर भारत, स्थानीय प्रतिभाओं को सशक्त बनाने और प्रोत्साहित करने और देश के स्वदेशी व्यापार को बढ़ावा देने की बात करना है। ”

श्री बीबीएल मधुकर ने कहा, “महिला सशक्तीकरण निश्चित रूप से आज के समय की जरूरत है। यह उन्हें पुरुषों की तुलना में समान दर्जा देता है जो महिलाओं के लिए एक सरल वातावरण बनाता है और यह महिलाओं को आर्थिक रूप से भी स्वतंत्र बनाता है जो इस युग में बहुत महत्वपूर्ण है। यह उन्हें उनके अधिकारों के लिए लड़ने में मदद कर सकता है। ब्रिक्स सीसीआई ने सभी कार्य में  लैंगिक समानता रखने का पूरा प्रयास किया है। ”

श्री विश्वास त्रिपाठी ने कहा, “महिलाओं की भूमिका आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि से बहुत  महत्वपूर्ण होने जा रही है।  इसलिए महिलाओं के समावेश के लिए वर्तमान परिस्थितियों में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों व उनके  उचित कार्यों को समझना ज़रूरी  है। ”

श्री समीप शास्त्री ने कहा, “महिला सशक्तिकरण आत्मनिर्भर भारत की कुंजी है। पूंजी और कौशल तक पहुंच, दो प्रमुख क्षेत्र हैं जहां महिलाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। हमने ब्रिक्स सीसीआई में हमेशा ही महिलाओं की स्थिति को दुनिया भर में लैंगिक समानता के आधार पर आगे बढ़ाने में उपलब्धियों का जश्न मनाया है। ”

सुश्री शबाना नसीम ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत महिला सशक्तीकरण को  विभिन्न पहलों के माध्यम से महिलाओं के जीवन में सुधार लाने के लिए किये गए  कार्यों  पर ध्यान केंद्रित करता है और आत्मनिर्भर  भारत शिखर सम्मेलन में महिलाओं की स्थिति को आगे बढ़ाने  और दुनिया भर में लैंगिक विभाजन को बढ़ावा ना  देने की दिशा में एक कदम है।”

शिखर सम्मेलन का आयोजन ब्रिक्स सीसीआई डब्ल्यू इ  के साथ फोर स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट और शी एट वर्क  के सहयोग से किया गया, जो महिला उद्यमियों के लिए एक स्टॉप नॉलेज हब है।  प्रतिष्ठित पैनलिस्टों ने आज के महिला नेतृत्व, कल की महिला नेतृत्वकर्ताओं और महिलाओं के लिए एक अधिक समावेशी कार्यस्थल के निर्माण जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया। जाने-माने पैनलिस्टों की प्रख्यात सूची में सुश्री अनिशा सिंह, शी कैपिटल कि सह संस्थापक  स्क्वाडर्न लीडर प्रेरणा चतुर्वेदी निदेशक और सीईओ, ईवॉलेट इंडिया, श्री हर्षवेंद्र सोइन, ग्लोबल चीफ पीपल ऑफिसर और हेड मार्केटिंग, टेक महिंद्रा, सुश्री अन्ना रायबास, सीईओ के सलाहकार, एसईबी बैंक, श्री अवि मित्तल, सह-संस्थापक, गोल्डन ऐस वेंचर्स, सुश्री शम्मी पंत, सह-संस्थापक, myJen.ai, श्री संजीव शिवेश, संस्थापक और सीईओ, द एंटरप्रेन्योरशिप स्कूल, सुश्री श्रीपर्णा बसु- प्रोफेसर, फॉर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, श्री रवि सिन्हा, पूर्व निदेशक दक्षिण एशिया, मर्सर कंसल्टिंग एंड ट्रस्टी, अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल और नेशनल पब्लिक रिलेशंस कोऑर्डिनेटर, एसोसिएशन ऑफ अफ्रीकन स्टूडेंट्स इन इंडिया ने  भारत के वूमेन फॉर आत्मनिर्भर भारत  की पैनल चर्चा में अपना भाषण दिया.

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