2030 तक स्टैम में महिलाओं की भागीदारी को 30 फीसदी तक बढ़ाना होगा

Editor-Ravi Mudgal

जयपुर 9 मार्च 2021  – नई दिल्लीः महिला दिवस के मौके पर आज फिक्की द्वारा आयोजित एक पैनल चर्चा में उद्योत जगत के दिग्गजों, इनोवेटर्स एवं नीति निर्माताओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर भारत सरकार में सुरक्षा सचिव डाॅ अजय कुमार ने स्वागत सम्बोधन दिया, जिन्होंने देश के विकास में महिलाओं की भूमिका पर विचार प्रस्तुत किए।

देश के तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं की विविध भूमिकाओं पर विचार व्यक्त करते हुए डाॅ अजय कुमार ने कहा, ‘‘रक्षा क्षेत्र हो या आईटी क्षेत्र, महिलाओं का प्र्रभाव उल्लेखनीय है। इस अवसर पर मुझे देश में आईटी के क्षेत्र में हुई प्रगति याद आती है। भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा आईटी आउटसोर्सिंग गंतव्य बन गया है, जो महिलाओं के योगदान के बिना संभव नहीं था। आईटी क्षेत्र में एक-तिहाई से अधिक महिलाएं हैं। यहां तक कि इलेक्ट्राॅनिक्स मैनुफैक्चरिंग क्षेत्र, जिससे मैं करीब से जुड़ा रहा हूं, इस क्षेत्र में भी महिलाओं की भूमिका कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।’’

सत्र की अध्यक्ष डाॅ सुभी चतुर्वेदी, चीफ़ काॅर्पोरेट अफेयर्स और कम्युनिकेशन आॅफिसर, ज़्यूपी, का डाॅ कुमार ने इस रोचक एवं प्रासंगिक चर्चा के आयोजन के लिए उनका धन्यवाद किया। ‘‘सुबी चतुर्वेदी ने महिलाओं के लिए उल्लेखनीय रोल माॅडल की भूमिका निभाई है।’’
तकनीकी क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भूमिका के लिए एजेंडा स्थापित करते हुए डाॅ सुभी चतुर्वेदी, सत्र की अध्यक्ष, वुमेन फाॅर टेक्नोलाॅजी, फिक्की ने कहा, ‘‘तकनीक के क्षेत्र में मुख्य भुमिकाओं में महिलाओं ने यूज़र-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाया है, जो कई मुद्दों का समाधान प्रस्तुत करता है। पीटरसन संस्थान द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, जहां भी कंपनियांें ने अपने कार्यबल में महिलाओं की संख्या की दृष्टि से 30 फीसदी के आंकड़े को पार किया है, वहां कंपनियांे के मुनाफ़े में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

महिला सशक्तीकरण में तकनीक की भूमिका पर ज़ोर देते हुए श्री आर रमानन, मिशन डायरेक्टर, अटल इनोवेशन मिशन ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि महिलाएं स्टैम (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग एवं प्रबन्धन) के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रही हैं। इसमें कोई हैरानी नहीं कि भारत सरकार ने अपने विभिन्न प्रयासों के माध्यम से सुनिश्चित किया है कि महिलाओं को एक समान अवसर मिलें, इससे न केवल भारत देश बल्कि पूरी दुनिया को फायदा होगा।’’

पैनल पर चर्चा करने वाले दिग्गजों में विभिन्न क्षेत्रों से महिला लीडर एवं विशेषज्ञ शामिल थे जेसे मिस दीपाली उपाध्याय, प्रोग्राम डायरेक्टर- अटल टिंकरिंग लैब्स, अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग; मिस गौरी गोखले, हैड मीडिया एण्ड एंटरटेनमेन्ट प्रेक्टिस, निशिथ देसाई एसोसिएट्स; मिस स्वाति रंगाचारी, वाईस प्रेजीडेन्ट एवं कंट्री लीडर, पब्लिक अफेयर्स एण्ड स्टैªटेजिक एंगेजमेन्ट्स, युनाईटेड हेल्थ ग्रुप; मिस एन.एस. नप्पिआनी, प्रख्यात वकील, संस्थापक साइबर साथी।

लीडरशिप भुमिकाओं में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के महत्व पर रोशनी डालने के लिए महिला दिवस के पैनल का आयोजन किया गया। स्टैम में महिलाओं की भूमिका पर बात करते हुए डाॅ चतुर्वेदी ने 2030 तक स्टैम में महिलाओं की भूमिका को 30 फीसदी तक बढ़़ाने की बात कही। उन्होंने आधुनिक तकनीकों जैसे लर्निंग के लिए गेमिफिकेशन, कौशल एवं सशक्तीकरण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2021 का विषय है #ChooseToChallenge और पैनल ने शिक्षा एवं सशक्तीकरण के माध्यम से लिंग असमानता को चुनौती देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। पैनल पर मौजूद दिग्गजों ने महिलाओं की उपलब्धियों के जश्न के साथ असमानता को चुनौती देने का विकल्प चुना, उन्होंने समानता को बढ़ावा देने के लिए पक्षपात को दूर करने और उचित कार्रवाई की बात कही। यह फिक्की द्वारा आयोजित इस तरह की पहली पैनल चर्चा थी।

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