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टाटा पावर और सोशल अल्फा ने की इंडस्ट्रियल आईओटी स्टार्टअप ‘ऊर्जा’ में निवेश की घोषणा

Editor-Rashmi Sharma

 जयपुर 08 अप्रैल 2021 :  टाटा पावर और सोशल अल्फा ने इंडस्ट्रियल आईओटी स्टार्टअप ऊर्जामें निवेश की घोषणा की है। सौरभ झांब और अनंत झावर ने 2017 में शुरू किया हुआ ऊर्जायह एक नया समाधान है जिसमें स्मार्ट सेंसर्स और एनालिटिक्स प्लेटफार्म शामिल हैं। नए निवेश के साथ अपनी बिक्री रणनीति को बढ़ाने, बी2बी व्यवसाय का विस्तार करने और आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस / मशीन लर्निंग क्षमताओं का उपयोग करते हुए अपनी बैक-एन्ड प्रौद्योगिकी को मज़बूत करने की कंपनी की योजना है।

 फैक्ट्री फ्लोर मॉनिटरिंग और ऑटोमेशन के लिए रियल-टाइम एक्शनेबल इनसाइट्सनिर्माण करने वाले सेंसर प्रौद्योगिकी और एनालिटिक्स प्लेटफार्म पर ऊर्जा को पेटेंट दिया गया है। ऊर्जा सेंसर्स का विनिर्माण इन-हाउस किया जाता है, इनसे लघु और मध्यम व्यवसायों को ऊर्जा का नुकसान कहां पर हो रहा है इसकी खोज करके और प्रोडक्शन मशीनरी के रखरखाव पूर्वानुमान करके बिजली खपत में बचत करने के लिए सक्षम बनाया है। इस समाधान को प्रस्तुत करके, स्मार्ट एनर्जी मैनेजमेंट सुविधाओं के साथ सम्पूर्णतः एकीकृत सेवा के रूप में ऊर्जा समाधान प्रदाता बनना टाटा पावर का लक्ष्य है।  टाटा पावर उदयीमान प्रौद्योगिकियों में विश्वास रखती है जो व्यापारिक और औद्योगिक यूज़र्स को उनके बिजली खपत के कार्यक्षम प्रबंधन में मदद कर सकती है।

 टाटा पावर के सीईओ और एमडी डॉ प्रवीर सिन्हा ने बताया, “ऊर्जा जैसी प्रौद्योगिकी में गहन ज्ञान और कार्य कर रही कंपनी के साथ हमारी साझेदारी को मज़बूत करते हुए हमें बहुत ख़ुशी हो रही है। ग्राहकों को उन्नत मूल्यवर्धित ऊर्जा प्रबंधन अनुभव प्रदान करने का लक्ष्य हम दोनों की समानता है। उन्हें दिए गए इस प्रारंभिक समर्थन के साथ हम कई ऐसे प्रभावशाली समाधान निर्माण करना चाहते हैं ताकि ऊर्जा खपत और सबसे अनुकूल उपयोग के क्षेत्र में हमारे ग्राहकों को नवीनतम सेवाएं दे सकें।”

 संस्थापकों से मिली जानकारी के अनुसार, अनुमान है कि अपने पेटेंटेड सेंसर्स और एनालिटिक्स प्लेटफार्म के जरिए ऊर्जा 2 बिलियन यूएस डॉलर्स की बचत करेगा और ऊर्जा इकोसेन्स के जरिए अब तक 20 करोड़ रुपयों की बिजली खपत को पहले ही ट्रैक किया गया है।

 ऊर्जा के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर श्री. सौरभ झांब ने बताया, “विनिर्माण और बिजली इकोसिस्टम को बड़े पैमाने पर डिवाइस-स्तर के इनसाइट्स दिए जाने पर वे कितने प्रभावशाली हो सकते हैं इसपर हम गहन काम कर रहे हैं। सोशल अल्फा और टाटा पावर से मिली वित्तीय सहायता हमें हमारे उद्देश्यों को और तेज़ी से प्राप्त करने और आगे बढ़ाए जाने योग्य उत्पाद बनाने, अग्रणी बिजली कंपनी के अनुभवों, दृष्टिकोण और संबंधों से सीखने में लाभकारी साबित होगी।”

 राइज इंस्टिट्यूट स्वीडन का अनुमान है कि, ऊर्जा जैसे डिवाइस-लेवल के नवाचारों में 2030 तक सालाना 13 मेट्रिक टन कार्बन डाय ऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने की क्षमता है।  भारत सरकार और टाटा ट्रस्ट्स का सांझा उपक्रम सोशल अल्फाज़ क्लीन एनर्जी इंटरनेशनल इन्क्यूबेशन सेंटर (सीईआईआईसी) में 2019 से ऊर्जा को इन्क्यूबेट किया जा रहा है और इसे बायोटेक्नोलॉजी विभाग, बीआईआरएसी, टाटा पावर और टाटा पावर-डीडीएल का समर्थन प्राप्त है। सीईआईआईसी यह मिशन इनोवेशन के तहत शुद्ध ऊर्जा में भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय इन्क्यूबेटर है।

 सोशल अल्फा के संस्थापक और सीईओ श्री. मनोज कुमार ने बताया, “हमने ‘ऊर्जा’ को 2019 से हमारे क्लीन एनर्जी लैब – क्लीन एनर्जी इंटरनेशनल इन्क्यूबेशन सेंटर में इन्क्यूबेट किया है। तबसे हम उनकी प्रगति और पेटेंटेड सेंसर टेक्नोलॉजी नवाचार के साथ ऊर्जा सक्षम भविष्य के निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को देखते आ रहे हैं। आज जब पूरी दुनिया जलवायु समस्याओं से झुंझ रही है, सोशल अल्फा में हम शुद्ध ऊर्जा और जलवायु प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप्स में निवेश को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। टाटा पावर के साथ ‘ऊर्जा’ में हमारे सह-निवेश से कंपनी को वृद्धि के लिए तैयार रहने के लिए प्रौद्योगिकी, व्यवसाय सुविधाओं और निवेश नेटवर्क तक पहुंच मिलेगी। शुद्ध ऊर्जा स्टार्ट-अप्स के लिए भविष्य उज्वल है और ‘ऊर्जा’ के सफर को तेज़ी से आगे बढ़ते हुए देखने के लिए हम उत्सुक हैं।”

 इसके बाद कोरोना वायरस लॉकडाउन में दुनिया की अग्रणी कंपनियों द्वारा आईओटी और स्मार्ट सेंसर प्रौद्योगिकियों में निवेश में उछाल आया है।

 

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